Bihar News : शिक्षकों को मिले ग्रीष्मावकाश, केके पाठक के खिलाफ भड़का गुस्सा, पूरे देश में कर रहा है ट्विटर ट्रेंड #TeachersLivesMatter


PATNA :बिहार में तीखी धूप और उमस के साथ बढ़ते पारा ने विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों को जीना दुश्वार कर दिया। बीते बुधवार को राज्य के विभिन्न जिलों के विद्यालय से जो तस्वीर निकलकर सामने आयी है, वो काफी मर्माहत और विचलित कर देने वाली हैं। इसपर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तुरंत संज्ञान लेते हुए मुख्य सचिव स्तर से सभी विद्यालयों को 8 जून तक बंद करने का निर्देश दिया है।
शिक्षकों को मिले गर्मी की छुट्टी
इस दौरान बच्चे विद्यालय नहीं आएंगे लेकिन शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव ने जिले के सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को वीसी के माध्यम से सभी शिक्षकों को सुबह 6 बजे से 1:30 बजे तक विद्यालय में रहने का निर्देश दिया है। एक बार फिर से अपर मुख्य सचिव ने मुख्यमंत्री के मुख्य सचिव के आदेश को पलटकर धता बताने का कार्य किया है।
#TeachersLivesMatter कर रहा है ट्रेंड
इस बाबत शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षकों के ग्रीष्मावकाश पर स्पष्ट पत्र जारी नहीं होने से बिहार भर के सभी शिक्षक आक्रोशित और उद्वेलित हैं। शिक्षकों का आक्रोश आज ट्विटर पर देखने को मिल रहा है। आज दोपहर 2:00 बजे से शिक्षकों द्वारा ट्विटर पर अपना आक्रोश #TeachersLivesMatter के साथ प्रकट किया जा रहा है। ये पूरे देश के टॉप ट्रेंडिंग लिस्ट में शामिल है।
बिहार विद्यालय अध्यापक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अमित विक्रम ने बताया कि सरकार एवं शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक जानबूझकर शिक्षकों को भीषण गर्मी में काल कलवित करने पर आमादा है। जब स्कूलों में पठन-पाठन पूर्णतः स्थगित रहेगा तो ऐसे भीषण गर्मी और लू में शिक्षक विद्यालय में क्या करेंगे।
स्कूल में बेहोश हो रहे हैं शिक्षक
गौरतलब है कि प्रतिदिन लू लगने से सैकड़ों शिक्षक विद्यालय में बेहोश होकर गिर रहे हैं। शिक्षकों के साथ शिक्षा विभाग सौतेलापन व्यवहार कर रही है। शिक्षकों को एक साल में 11 अर्जित अवकाश लेने का प्रावधान है जबकि अन्य विभाग के कर्मचारियों को 33 EL मिलता है। इसके बदले शिक्षकों को गर्मी छुट्टी देने का प्रावधान था लेकिन इस साल गर्मी छुट्टी रद्द कर दी गई है।
एक तरफ शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षकों से ग्रीष्मावकाश अवधि में विद्यालय संचालन करवाया गया। जब भीषण गर्मी पड़ने लगी तो विद्यालय में बिना बच्चों के सुबह 6 से 1:30 बजे तक उपस्थित रहने को निदेशित करना शिक्षा विभाग के मानसिक दिवालियापन का द्योतक है। सरकार शिक्षकों से बीते विधानसभा चुनाव का बदला ले रही है। सत्ताधारी दल के शिक्षक एमएलसी और मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार और एमएलसी संजीव कुमार सिंह ने भी शिक्षकों को छुट्टी नहीं देने पर केके पाठक को आड़े हाथों लिया है।