नवादा सदर अस्पताल का हाल बेहाल : मोबाइल टॉर्च की रोशनी में हो रहा इलाज, ड्रेसर की जगह परिचारी सिर में लगा रहे टांके
नवादा अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड का इन दिनों बुरा हाल है. यहां बिजली की आंख मिचौली से मरीज अक्सर परेशान रहते हैं. शुक्रवार सुबह को बिजली चले जाने से सदर अस्पताल में कार्यरत परिचारी ने मोबाइल टॉर्च की रोशनी में जख्मी व्यक्ति के सिर पर टांके लगाए. करीब आधा घंटे तक सदर अस्पताल में अंधेरा छाया रहा. फिर क्या था आखिरकार सदर अस्पताल में कार्यरत परिचारी को मरीजों का इलाज मजबूरन मोबाइल की रोशनी में ही करना पड़ा. इस दौरान मरीज के परिजनों की सांसें अटकी रहीं.
बता दे सदर अस्पताल में ड्रेसर और नर्स की जगह परिचारी जख्मी मरीजों का टांका लगा रहें हैं मरीज के परिजन और स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता इसको लेकर अस्पताल प्रबंधन पर सवाल उठा रहे हैं. मोबाइल की रोशनी में परिचारी ने किया स्टिच. बताया जाता है कि सुबह मुफ्फसिल थाना क्षेत्र के बेलदारी गांव में आपसी विवाद में दो पक्ष आपस में भिड़ गए थे जहां दोनों पक्ष से कई लोग घायल हो गए , जिसके बाद डायल 112 की पुलिस ने जख्मी को मुफ्फसिल थाना क्षेत्र के बेलदरिया गांव निवासी इंद्र देव यादव को सदर अस्पताल में भर्ती कराया.
इस बीच इमरजेंसी वार्ड में कार्यरत परिचारी जख्मी व्यक्ति के सर में स्टिच लगा रहा था. अचानक बिजली गुल हो गई पहले तो कुछ देर बिजली आने का इंतजार किया गया इसके बाद भी जब बिजली नहीं आई तो मरीज के परिजन ने मोबाइल के टॉर्च से रोशनी दिया. इसके बाद परिचारी ने उसी रोशनी में इलाज किया. अंधेरे के बीच सिर में स्टिच देने से परिजनों में कुछ देर के लिये बेचैनी छाई रही. हालांकि कुछ पल के बाद सभी ने राहत की सांस ली. व्यवस्था पर एक बार फिर से लोगों ने सवाल उठाया.
वहीं नवादा सदर अस्पताल में सामने आई इस तस्वीर को देख हर कोई हैरान है. अंधेरे के बीच अपने मरीज के सिर में टांके देने से परिजन कुछ देर के लिए बेचैन रहे. इस बीच ड्रेसर, नर्स या अन्य स्वास्थ्यकर्मी वहां नहीं पहुंचे. लोग कह रहे की अस्पताल में ड्रेसर और नर्स की जगह परिचारी टांका लगा रहे हैं. जिससे राहत की जगह दर्द बढ़ जाता है. लोगों ने एक बार फिर से व्यवस्था पर सवाल उठाया. बताया जाता है कि सदर अस्पताल में एक भी डे्सर नहीं है जिसके कारण परिचारी से काम लिया जाता है. पर ये गंभीर सवाल है कि आखिर सदर अस्पताल में कार्यरत परिचारी से टांका क्यों लगवाया जा रहा है.