सोनपुर मेला पर कोविड का ग्रहण : आधिकारिक आयोजन नहीं होने पर भी मेले के अस्तित्व का हो रहा एहसास

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विश्व प्रसिद्ध सोनपुर मेला के बारे में तो आप सब जानते होंग.इस मेले का इतिहास जितना सुनहरा रहा है वर्तमान में मेले के ऊपर संकट के ग्रहण लगे है.इसकी वजह भी किसी से छिपी नहीं है.कोविड की वजह से 2020 से एशिया के सबसे बड़े पशु मेले का आयोजन नहीं हो रहा है.राजधानी पटना से लगभग 25 किलोमीटर दूर और हाजीपुर जिला मुख्यालय से 3 किलोमीटर दूर गंडक नदी के किनारे इस मेले का आयोजन होता है.

कार्तिक पूर्णिमा से शुरू होने वाले इस मेले में देश ही नहीं विदेशों से भी पर्यटक आते है लेकिन कोरोना की वजह से एक ओर जहा लोगो को मेले का आनद नहीं मिल पा रहा है वही देश भर से आने वाले व्यापारियों का व्यापार भी प्रभावित हो रहा है.भले ही आधिकारिक रूप से इस बार भी मेले का आयोजन नहीं हो पा रहा है है लेकिन स्थानीय के साथ दूर दराज़ से आने आने वाले व्यापारी इस बार आकर छोटे स्तर पर ही सही मेले का अस्तित्व बरक़रार रख रहे है.

भले ही छोटे स्तर पर कुछ दुकाने सजी है लेकिन रौनकता में कोई कमी नहीं है.कश्मीर, इलहाबाद,गोरखपुर,आसाम, बंगाल जैसे प्रदेश से व्यवसाई सोनपुर मेला पहुँचकर अपनी दुकान लगाए है.कम्बल कपडे और हस्तशिल्प के सामान के साथ साथ स्थानीय स्तर पर मिलने वाले सामान भी लोगो का ध्यान खींच रहे है.इसके अलावा बच्चों के लिए झूले और खाने पीने का सामान भी आकर्षित करता है.वही खूबसूरत सजावट के सामान भी मेले के रौनक को बढ़ाते है.मेले में आये पर्यटकों को वृहत मेले का इंतज़ार तो है हि लेकिन मेले के वर्तमान स्वरुप का भी भरपूर आन्नद उठा रहे है।

विश्व प्रसिद्ध सोनपुर मेले का आयोजन आधिकारिक तौर पर हो और वृहत मेला लगे इसका सबको इंतज़ार है.हालांकि कुछ दूकान मेले अस्तित्व का एहसास तो करा रहे है.लेकिन इस वक़्त सावधानी की भी बहुत ज़रुरत है क्योकि लापरवाही और भीड़ भाड़ से परेशानी बढ़ सकती है.इसलिए लोगों को कोविड गाईड लाइन का पालन भी ज़रूर करना चाहिए।

अमित सिंह की रिपोर्ट


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