सोमवार से सावन की हुई शुरुआत : दिन-नक्षत्र-माह बना विलक्षण संयोग, बांझपन दूर करने हेतु अपने घर में इस तरह करें पूजा
देवघर : श्रावण मास शिव आराधना के लिए सर्वोत्तम मास माना जाता है. लेकिन सोमवार के दिन से शुरू हुए इस श्रावण मास में सोमवार का और भी खास महत्व बन गया है. इस साल श्रावण मास में पांच सोमवार है. पांचों सोमवार तिथि, नक्षत्र के कारण विलक्षण संयोग माना जा रहा है.
इस तरह करें पूजा अर्चना,सात जन्म के पाप से मिलेगी मोक्ष
सावन मास के पहले दिन सोमवार को श्रावण नक्षत्र और शिववास भी हुआ. दिन नक्षत्र के अनुसार जानकर इसे विलक्षण संयोग बता रहे हैं. देवघर के वरिष्ठ तीर्थ पुरोहित पंडित दुर्लभ मिश्रा के अनुसार शिव की पूजा करने वाले अगर सच्चे मन से भी नाम ले लेता है तो सात जन्म के पाप से मोक्ष प्राप्त हो जाता है. वहीं विधि विधान से और भक्ति भाव से पूजा करने वालों की बल्ले बल्ले हो जायेगी. पंडित दुर्लभ मिश्रा बताते हैं कि पहले एक बेलपत्र शिवालय या शिवलिंग पर चढ़ाएं फिर जल, दूध, दही, घी, मधु, चीनी चढ़ाएं. इसके बाद इत्र और चंदन से स्नान कराकर पोछ दें. फिर इत्र, केशर का चंदन लगावें. अक्षत अबीर गुलाल लगाने के बाद 108 बेलपत्र चढ़ाएं. फिर माला,फूल,नैवेद्य चढ़ाने के बाद धूप, दीप दिखाएं. सामर्थ के अनुसार वस्त्र चढ़ा सकते हैं. नहीं तो मौली चढ़ाएं. इस तरह पूजा करने से शिव की विशेष कृपा बनी रहेगी. इसके अलावा आप शुद्ध जल,बेलपत्र से भी पूजा कर सकते हैं. इस विधि से भी भगवान शिव खुश होते हैं.
बांझपन दूर करने के लिए यह सावन माह है सर्वश्रेष्ठ
अगर किसी दम्पति संतान सुख से वंचित रह रहे हैं तो उन्हें अपने घर पर इस विधि से सावन मास भर पूजा करेंगे तो उन्हें संतान सुख प्राप्त होगा. पंडित दुर्लभ मिश्रा के अनुसार विलक्षण संयोग वाले इस सावन में अगर बांझपन को दूर करना है तो घर में पार्थिव शिवलिंग की पूजा लगातार 31 दिन तक करने से उन्हें संतान सुख की प्राप्ति होगी. जानकार के अनुसार इसका वर्णन पुराण में भी किया गया है. संतान सुख चाहने वाली महिला अपने घर पर खुद मिट्टी का पार्थिव शिवलिंग बनाकर पूजा करती है तो बांझपन की सारी रुकावट दूर हो जाएगी. 31 दिनों तक प्रतिदिन शुद्ध होकर पार्थिव शिवलिंग बनाकर पूजा करने के बाद सूर्यास्त से पहले विसर्जन करती हैं तो उनका सुना गोद भर जाएगा.
शिव को प्रसन्न करने के लिए इस मंत्र का जाप करें
भगवान शिव का मंत्र ऊँ नमः शिवाय है. जानकर की मानें तो यह मंत्र ब्राह्मण और जो गुरु दीक्षा ग्रहण कर लिए हैं उनके लिए है. महिलाओं के लिए शिव मंत्र नमः शिवाय और बाकी के लिए शिवाय नमः मंत्र का जाप करना चाहिए.