'शराबबंदी कानून दलित-पिछड़ा विरोधी' : सुशील मोदी के निशाने पर नीतीश, बोले- अमीरों पर मेहरबान सरकार


पटना : पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि हम हमेशा शराबबंदी के पक्ष में रहे हैं, लेकिन छह साल में कानून में बार-बार बदलाव करते हुए इसे दलित-आदिवासी-पिछड़ा विरोधी बना दिया गया। मोदी ने कहा कि गरीब आदमी की तो गाड़ी नहीं होती और अमीर की गाड़ी में शराब मिलने पर अब वह वाहन बीमा राशि का 50 के बजाय मात्र 10 फीसद जुर्माना देकर छूट सकता है। कानून में यह बदलाव क्या अमीरों के पक्ष में नहीं है ?
उन्होंने कहा कि जब गरीब आदमी शराब पीते पकड़ा जाता है, तो जुर्माने की रकम नहीं देने के कारण जेल जाता है, जबकि अमीर लोग आराम से 3 हजार रुपये भर कर छूट जाते हैं। अमीर लोग शराब की होम डिलीवरी करा लेते हैं। मोदी ने कहा कि भाजपा के दबाव में सरकार ने जहरीली शराब से मरने वालों के आश्रितों को नियमानुसार 4 लाख रुपये देने का फैसला तो किया, लेकिन नियमावली ऐसी बनायी कि अनुग्रह राशि मिलना कठिन हो गया।
मोदी ने कहा कि जहरीली शराब पीने से 500 से ज्यादा लोग मर चुके हैं। सरकार बताए कि अभी तक कितने लोगों को 4 लाख रूपये का मुआवजा मिल चुका है ? सरकार बताए कि जहरीली शराब के 50 से ज्यादा मामले में अभी तक एक व्यक्ति को भी सजा क्यों नहीं मिल पाई ? उन्होंने कहा कि शराबबंदी कानून बड़े लोगों को राहत देने वाला हो गया है। इसकी जगह "परमिट पर शराब" का गुजरात मॉडल क्यों नहीं अपनाया जा सकता ?