पेसा कानून को कैबिनेट से मंजूरी मिलने पर जश्न : प्रदेश कार्यालय रांची में कांग्रेसजनों ने ढोल नगाड़े बजाकर खुशी का किया इजहार
रांची : पेसा कानून को झारखंड कैबिनेट से मंजूरी मिलने पर कांग्रेस नेताओं समेत आदिवासी समाज के लोगों में खुशी का माहौल है. कांग्रेस कार्यालय में पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय एवं प्रदेश अध्यक्ष केशव महतो कमलेश समेत कई कार्यकर्ताओं ने इसको लेकर ढोल नगाड़े पर झूमते नजर आए. सभी लोगों ने एक दूसरे को अबीर गुलाल लगाकर खुशी का इजहार किया. क्योंकि यह कानून ग्राम सभाओं को सशक्त कर जल-जंगल-जमीन और स्वशासन पर अधिकार देता है. इसे एक ऐतिहासिक उपलब्धि मानते हुए लोग अबीर-गुलाल और पारंपरिक नृत्य के साथ 'पेसा महोत्सव' मना रहे हैं.
इस मौके पर पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने कहा इस कानून को लेकर उस समय पीए संगमा के पास भी हमलोगों ने मुलाकात किया जब वह लोकसभा के स्पीकर थे. आज से नहीं बल्कि हमलोग बहुत पहले से इस कानून की मांग कर रहे हैं और आज आदिवासियों का सपना पूरा हुआ है.
वहीं कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष केशव महतो कमलेश ने कहा कि निश्चित तौर पर एक लंबी मांग आज झारखंडवासियों के लिए पूरी हुई है. पूरे झारखंड में उत्सव का माहौल है. आदिवासियों को लेकर जो कानून है उससे कहीं न कहीं ग्रामीण व्यवस्था मजबूत होगी. पंचायती राज अब स्वतंत्र रूप से कामकाज कर सकेंगे.
दरअसल झारखंड सरकार पर लगातार केंद्र सरकार और झारखंड हाईकोर्ट की ओर से पेसा कानून को लागू करने के लिए दबाव बनाया जा रहा था. आखिरकार लंबे इंतजार के बाद राज्य के 15 अनुसूचित जिलों में स्थानीय शासन की दिशा में हेमंत सरकार ने पेसा नियमावली पर मुहर लगाकर बड़ा कदम उठाया है. कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद जल्द ही अधिसूचना जारी होने की संभावना है.





