शराब दुकान में नौकरी के लिए लगा रहे जुगाड़ : कोडरमा के पढ़े-लिखे युवा भी अब शराब के धंधे से खुद को अलग नहीं कर पा रहे
कोडरमा: राज्य में बेरोजगारी का आलम कुछ इस कदर है कि अब पढ़े-लिखे युवा पैसे देकर भी शराब दुकान में नौकरी करने से परहेज नहीं कर रहे हैं. बड़ी संख्या में जिले के अलग-अलग क्षेत्रों से आए युवा शराब दुकान में नौकरी के लिए उत्पाद अधीक्षक के कार्यालय में अर्जी लगा रहे हैं.
अब इसे बेरोजगारी का आलम कहे या फिर युवाओं की बदकिस्मती. कोडरमा के पढ़े-लिखे युवा भी अब शराब के धंधे से भी खुद को अलग नहीं रख पा रहे हैं. शराब दुकान में सेल्स इंचार्ज और सेल्समैन की नौकरी पाने की होड़ में बड़ी संख्या में युवा पिछले कुछ दिनों से उत्पाद अधीक्षक के कार्यालय में अर्जी लगा रहे हैं. करें भी तो क्या करें जहां भी नौकरी मिले उसे हाल हासिल करने की होड़ में युवा दिख रहे हैं.
शराब दुकान में नौकरी के लिए युवाओं को चढ़ावा चढ़ाने से भी अब गुरेज नहीं है. क्या करें नौकरी मिल नहीं रही है और रोजगार के नाम पर अगर चढ़वा चढ़ाना ही पड़ेगा तो उसके लिए कर्जा महाजन करके भी युवा तैयार दिख रहे हैं.
नियोजन कार्यालय में जिन युवाओं ने अपना निबंधन कराया था अब नई शराब नीति के तहत युवाओं को शराब दुकान में सेल्स इंचार्ज और सेल्समैन की नौकरी दी जा रही है. जो चढ़ावा चढ़ाने के लिए तैयार हैं उन्हें नौकरी मिल रही है और जो तैयार नहीं हैं उन्हें दौड़ाया जा रहा है.
उत्पाद अधीक्षक प्रदीप कुमार सिन्हा ने शराब दुकान में नौकरी के नाम पर चढ़ावा चढ़ाने की बात से इनकार किया है और बताया कि कोई भी अभ्यर्थी इस बात की शिकायत नहीं की है.
कोडरमा जिले में शराब दुकानों के संचालन के लिए 225 युवाओं का चयन किया गया है. अभी तक 75 युवा सेल्समैन और सेल्स इंचार्ज की नौकरी के लिए चिन्हित किए जा चुके हैं और उन्हें दुकान भी आवंटित किया जा चुका है. लेकिन जिस तरह से शराब दुकान में नौकरी के लिए भी युवाओं की भीड़ दिख रही है उसे बेरोजगारी का अंदाजा लगाया जा सकता है.





