सरकार से जान बचाने की गुहार : तमिलनाडु में हिन्दी भाषी मजदूरों के साथ मारपीट, गढ़वा के मजदूरों ने तिरुपरू से घटना के बारे में भेजा वीडियो
गढ़वा : बड़ी खबर गढ़वा से जहां तमिलनाडु के तिरुपरू के स्थानीय लोगों की ओर से हिन्दी भाषी क्षेत्र के मजदूरों के साथ मारपीट की घटना हुई है. गढ़वा के मजदूरों ने तमिलनाडु के तिरुपरू से घटना के बारे में अपना वीडियो बनाकर भेजा है और झारखंड सरकार से बचाने की गुहार लगाई है.
बताया जा रहा है कि गढ़वा के कई मजदूरों ने दूरभाष पर जानकारी दी है कि पिछले चार दिनों से लगातार यहां मजदूरों के साथ मारपीट की जा रही है. जिले के कई प्रखंडों के मजदूर झारखण्ड सरकार से अपनी जान की गुहार लगा रहे हैं. तमिलनाडु में उत्पन्न विवाद को लेकर स्थानीय लोग वहां काम कर रहे हिन्दी भाषी लोगों को टारगेट कर पीट रहे हैं. मजदूरों ने तमिलनाडु के तिरुपरू से अपना वीडियो बनाकर भेजा है और सरकार से बचाने की गुहार लगाया है.
जिले के रमना थाना क्षेत्र के गम्हरिया, जिरुवा के मजदूर काम की तलाश में वहां गया था. जिलांतर्गत रमना थाना के गम्हरिया, जिरूआ गांव निवासी संतोष शर्मा का पुत्र संजय शर्मा भी फंसे मजदूरों में है. वह वहां मजदूरी करने गया था. उसने बताया कि स्थानीय लोगों की ओर से हिंदी भाषी क्षेत्र के मजदूरों के साथ मारपीट की घटना शुरू हो गयी. दूरभाष पर संजय ने जानकारी दी कि पिछले चार दिनों से लगातार यहां मजदूरों के साथ मारपीट की जा रही है. बसों और ट्रेनों में भी लोगों को ढूंढ़कर पीटा जा रहा है. पैसा नहीं होने के कारण वह घर के लिए नहीं निकल पा रहा है. साथ ही उसके समक्ष खाने-पीने की समस्या उत्पन्न हो गयी है. उसने बताया कि ठेकेदार की ओर से कोई मदद नहीं की जा रही है. उक्त कारण उसके साथ अन्य मजदूर भी भय के साये में रहने को विवश है. गांव में संजय के परिजन किसी अनहोनी की आशंका से सहमे हुए हैं.
संजय की मां उषा देवी ने रोते हुए बताया कि उनका पति एक मामले में जेल में हैं. उनके जेल जाने के बाद बेटा ही उनके परिवार का एक मात्र सहारा है. उन्होंने बताया कि शुक्रवार सुबह अपने बेटे से बात की थी. वह काफी डरा हुआ था. घर आने की बात कह रहा था. मामला शांत होने तक उन्होंने बेटे को वहीं किसी तरह ठहरने के लिए कही है. उषा ने अपने बेटे की सकुशल वापसी के लिए प्रशासन से गुहार लगायी है. वहीं पलामू जिलांतर्गत बुधु बिगहा निवासी पिंटू राम भी साथ में फंसा हुआ है. उसका ससुराल गढ़वा जिलांतर्गत बिशुनपुरा थाना के पिपरीकला गांव में है. पिंटू ने दूरभाष पर बताया कि हिंदी भाषी बाहर के मजदूरों के साथ यहां मारपीट की जा रही है. यहां डर का माहौल है. वह सुरक्षित घर लौटना चाहता है. उसी तरह गढ़वा जिलांतर्गत कांडी प्रखंड के हरिहरपुर गांव के महुआधाम टोला निवासी चंदन चौधरी ने बताया कि वह डेढ़ महीना पहले काम करने यहां आया था. यहां वह सरिया सेटरिंग के काम में मजदूरी करता था. उसी तरह उसके साथ कांडी प्रखंड के मझिगांवा गांव निवासी मनोज यादव सहित अन्य मजदूर भी फंसे हुए हैं. उसने दूरभाष पर बताया कि उसके साथ पलामू जिलांतर्गत बभंडी गांव निवासी संतोष चौधरी, प्रकाश कुमार, जितेंद्र कुमार रजवार, सूरज तिवारी भी फंसे हुए हैं. सभी मजदूरों ने सुरक्षित वापसी की गुहार प्रशासन से लगाई है.