पटना के महावीर मन्दिर में सरस्वती पूजा : वीणा-पुस्तकधारिणी की स्तुति से गूंजा परिसर, खूब लगे जयकारे

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 Saraswati Puja in Mahavir Temple, Patna The campus echoed with the praise of Veena-Bookkeeper, there was a lot of cheering  Saraswati Puja in Mahavir Temple, Patna The campus echoed with the praise of Veena-Bookkeeper, there was a lot of cheering

पटना : वीणावादिनी मां शारदे की वार्षिक पूजा महावीर मन्दिर में बुधवार को पूरे विधि-विधान से संपन्न हुई। महावीर मन्दिर के दक्षिण-पूर्व कोण पर स्थित मां सरस्वती की स्थापित प्रतिमा के समक्ष सरस्वती पूजा का आयोजन किया गया। महावीर मन्दिर के वयोवृद्ध पुरोहित पंडित जटेश झा के निर्देशन में महावीर मन्दिर की प्रतिष्ठित पत्रिका धर्मायण के संपादक पंडित भवनाथ झा ने पूजक के रूप थे। सुबह 10.30 बजे से सरस्वती पूजनोत्सव प्रारंभ हुआ।

पंडित भवनाथ झा द्वारा संकल्प के साथ पूजन प्रारंभ हुआ। ब्रह्म-पुराण में वर्णित मां सरस्वती के विशेष श्लोकों से मां शारदे की वंदना की गयी। पं.भवनाथ झा ने बताया कि 700 वर्षों से अधिक समय से इन मन्त्रों से देवी सरस्वती की प्रार्थना की जाती रही है। 14वीं शती के महामहोपाध्याय चण्डेश्वर ने इसका विधान किया है।

ये श्लोक इस प्रकार हैं-

ॐ लक्ष्मीर्मेधा धरा पुष्टिर्गौरी तुष्टिः प्रभा धृतिः।

एताभिः पाहि तनुभिरष्टाभिर्मां सरस्वति।

रूपं देहि यशो देहि भाग्यं भगवति देहि मे।

धर्मान् देहि धनं देहि सर्वा विद्याः प्रदेहि मे।।

सा मे वसतु जिह्वायां वीणापुस्तकधारिणी।

मुरारिवल्लभा देवि सर्वशुक्ला सरस्वती।।

भद्रकाल्यै नमो नित्यं सरस्वत्यै नमो नमः।

वेद वेदान्तवेदाङ्ग-विद्यां देहि नमोस्तु ते।।

इसके बाद प्रत्येक वर्ष की भांति सरस्वती सहस्रनाम यानि माता सरस्वती के एक हजार नामों से हवन की आहुति दी गयी। दोपहर 12 बजे सरस्वती माता की आरती हुई। उसके बाद उपस्थित भक्तों के बीच चरणोदक और प्रसाद का वितरण किया गया। पंडित भवनाथ झा ने बताया कि महावीर मन्दिर में एक दशक से अधिक समय से सरस्वती पूजनोत्सव होता आ रहा है।