सजनी सज धज है तैयार..साजन आते नहीं इस पार : कहानी जानकर आप भी चौंके बिना नहीं रह पाएंगे...

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गया : सजनी सज धज है तैयार..लेकिन साजन नहीं आते इस पार...भला बात भी सही है कि आखिर जब साधन ही ना हो... तो बेचारे साजन इस पार भला आएंगे कैसे..और इस बीच पिस रही हैं... वो मासूम लड़कियां जिसकी उम्र तो हाथों में मेंहदी लगाने की हो गई है....लेकिन वो अभी तक कुंआरी हैं...ना तो साजन आते हैं..और ना ही वो विवाह कर साजन के पास जा पाती हैं...

बड़ी दिलचस्प है कहानी

कहानी बड़ी ही दिलचस्प है..और हैरान करने वाली भी है..कारण है कि हम तो चांद पर पहुंच गए...लेकिन आज भी कुछ गांव ऐसे हैं.. जहां तो आने जाने के लिए पुल तक नहीं है...मामला गया जिले का है...जहां के इमामगंज प्रखंड के पकरी गुरिया और चुआवार पंचायत को जोड़ने वाला पुल आजादी के सात दशकों बाद भी नहीं बन पाया है...और पुल के नहीं बनने के चलते यहां लड़कों और लड़कियों की शादी भी मुश्किल हो गई है...

कोई नहीं करना चाहता शादी

ना तो लड़की की शादी के लिए लड़के वाले इस गांव में आते हैं...और ना ही कोई बाप अपनी बेटी को इस पंचायत के गांवों में ब्याहना चाहता है...वजह भी वाजिब और बिल्कुल साफ है...लड़का कहता है कि आखिर शादी करने जाएं तो कैसे जाएं...गांव में जाने के लिए ना पुल है और ना ही सड़क है...कैसे वो बारात लेकर जाए ..और अपनी दुल्हनिया को ब्याह कर ले आए...वहीं लड़कों के घरवाले भी बारात लेकर कैसे दूसरे गांव जाएं...

दरअसल पुल और सड़कों की कमी उनके अरमानों पर पानी फेर देती है...और इसी इंतजार में दर्जनों लड़कियां अपने पिया की आस लगाए बैठी हैं...कि कब उनके साजन आएं और हाथों में मेंहदी रचाकर वो उसके साथ जाए...

रजनीश की रिपोर्ट