सुझाव और सलाह खारिज : नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने की नियमावली तैयार,देनी ही होगी परीक्षा


PATNA:-बिहार के करीब 4 लाख नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा दिये जाने संबंधी नियमावली शिक्षा विभाग ने तैयार कर ली है.नियोजित शिक्षकों और शिक्षक संघ द्वारा परीक्षा नहीं लेने और विशिष्ट शिक्षक के नामकरण नहीं करने के सुझाव को शिक्षा विभाग ने नहीं माना है.यानी राज्यकर्मी का दर्जा पाने के लिए नियोजित शिक्षकों को सक्षमता परीक्षा देनी होगी और परीक्षा पास करने के बाद इन्हें नियोजित की जगह विशिष्ट शिक्षक के रूप में जाना जायेगा.नियोजित शिक्षकों की सक्षमता परीक्षा बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (BSEB) द्वारा आयोजित की जायेगी और सभी नियोजित शिक्षकों को पास करने के लिए तीन मौके दिये जायेंगे,जो शिक्षक तीन बार में भी सक्षमता परीक्षा पास नहीं करेंगे,उनकी नौकरी भी जा सकती है.राज्यकर्मी का दर्जा मिलने के बाद इनका तबादला भी दूसरे जिलों में हो सकेगा.तबादला के लिए उनसे तीन जिलों का ऑप्शन मांगा जायेगा.तबादले की प्रकिया अधिकतम दो बार हो सकेगी.नई नियमावली के जल्द ही कैबिनेट में भेजे जाने की संभावना है.कैबिनेट की मुहर लगने के बाद ही इस प्रकिया को आगे बढ़ाया जायेगा
बताते चलें कि बिहार को नियोजित शिक्षक लंबे अरसे से राज्यकर्मी का दर्जा देने की मांग कर रहे हैं.सीएम नीतीश कुमार ने 2 नवंबर को बीपीएससी शिक्षकों के लिए आयोजित नियुक्ति वितरण समारोह में घोषणा की थी कि सभी नियोजित शिक्षकों को परीक्षा लेकर राज्यकर्मी का दर्जा दिया जायेगा.इसके बाद शिक्षा विभाग ने एक नियमावली तैयार की थी और आमलोगों के बीच जारी करते हुए शिक्षक एवं आमलोगों से सुझाव मांगे थे.इसमें सक्षमता परीक्षा से लेकर नियोजित शिक्षकों के नामकरण एवं अन्य प्रावधान की जानकारी दी गयी थी.इसके बाद नियोजित शिक्षक और शिक्षक संघ ने बिना परीक्षा लिये ही राज्यकर्मी का दर्जा देने का सुझाव दिया था.इसके साथ ही विशिष्ट शिक्षक नामकरण के बजाय बीपीएससी पास विद्यालय अध्यापक की तरह ही नामकरण करने की मांग की थी,पर शिक्षा विभाग ने इन सुझाव और सलाह को नहीं माना और उसी के अनुसार नियमावली तैयार की है. इस नियमावली को जल्द ही कैबिनेट में भेजा जायेगा.जिसके बाद प्रकिया शुरू की जायेगी
बताते चलें कि राज्यकर्मी का दर्जा नहीं मिलने की वजह से नियोजित शिक्षकों का तबादला नहीं हो पा रहा है.इससे महिला शिक्षकों को विशेष परेशानी हो रही है.उद्हारण के लिए उन महिला शिक्षकों के लिया जा सकता है,जो अपने माता-पिता के घर पढाई के ठीक बाद नियोजित शिक्षक के रूप में नौकरी कर ली और बाद मे उनकी शादी हो गयी पर नौकरी की वजह से ये महिला शिक्षक ससुराल से ज्यादा मायके में ही रहती है जिससे इनके पारिवारिक जीवन में कई तरह की परेशानियां आ रही हैं.वहीं पुरूष शिक्षकों को भी दूर के दूसरे जिलों में नियोजन की वजह से परेशानी हो रही है.येलोग अपने जिले एवं घर के आस-पास के स्कूल में योगदान देना चाह रहे है.राज्यकर्मी का दर्जा मिलने के बाद इन्हें तबादला करवाने का अवसर मिलेगा,हालंकि इस तबादले में सभी शिक्षकों को उन्हें गृह जिला या घर के आस-पास का स्कूल मिले.इसकी संभावना कम ही है.क्योंकि नई नियमावली में नियोजित शिक्षकों से तीन जिलों के ऑप्शन लिये जायेंगे और शिक्षा के अधिकार के तहत 30 बच्चों पर एक शिक्षक की प्रावधान का पालन करते हुए ही शिक्षकों का तबादला किया जायेगा.एक जिला से दूसरे जिला में तबादला विभाग के निदेशक के स्तर पर होगा,जबकि स्कूलों का आवंटन जिला शिक्षा पदाधिकारी के माध्यम से किया जायेगा.