RJD दफ्तर में होगी संगोष्ठी : शहादत दिवस पर अमर शहीद जगदेव प्रसाद को किया जाएगा याद, 'लोकतंत्र और संविधान की रक्षा' विषय पर होगा मंथन

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 RJD leaders and workers will gather on the martyrdom day of martyr Jagdev Babu.  RJD leaders and workers will gather on the martyrdom day of martyr Jagdev Babu.

PATNA : बिहार के पूर्व मंत्री सह राष्ट्रीय जनता दल के वरिष्ठ नेता आलोक कुमार मेहता ने विधायक फतेह बहादुर सिंह, राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रो. सुबोध मेहता, प्रदेश के मुख्य प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव, प्रवक्ता एजाज अहमद, मधु मंजरी के साथ प्रेस कांफ्रेंस किया और कहा कि राष्ट्रीय जनता दल के तत्वावधान में अमर शहीद जगदेव प्रसाद जी का शहादत दिवस के अवसर पर 5 सितंबर 2024 को " लोकतंत्र और संविधान की रक्षा विषय " पर संगोष्ठी राष्ट्रीय जनता दल के राज्य कार्यालय के कर्पूरी सभागार में आयोजित किया जा गया है।

इस अवसर पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव, राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह सहित अन्य नेतागण भी गोष्ठी को संबोधित करेंगे। पूर्व मंत्री आलोक मेहता ने आगे कहा कि पिछले 10 वर्षों में नरेंद्र मोदी की सरकार ने संविधान के प्रतीक अशोक स्तंभ और चक्र को मुख्यधारा से अलग करने के लिए लगातार साजिश रची है। इस कड़ी में पासपोर्ट पर अशोक स्तंभ की जगह भाजपा के चुनाव चिह्न कमल का निशान लगाने की कोशिश की गई।

भारतीय जनता पार्टी के नेता लगातार शोषितों, वंचितों, पिछड़ों, अति पिछड़ों, दलितों और आदिवासियों के हक और अधिकार को कुचलने वाली कार्रवाई कर रही है और इन वर्गों के खिलाफ विषवमन करने वाले नेताओं को आगे बढ़ा रहे हैं। इसी क्रम में भाजपा के सांस्कृतिक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष रहे दया प्रकाश सिंहा द्वारा सम्राट अशोक को क्रूरता हत्या, शोषण, अत्याचार, छल जैसे अवगुणों से परिपूर्ण बताया लेकिन इस पर कार्रवाई की जगह भाजपा ने उन्हें सम्मानित किया।

भाजपा किसी भी महापुरुष को सम्मान नहीं देना चाहती है और खासतौर से उन महापुरुषों को जो शोषित, वंचित वर्ग से आते हैं। दलित, आदिवासी समाज को अपमानित करने का भारतीय जनता पार्टी कोई मौका नहीं छोड़ती है, जब संसद भवन का उद्घाटन किया जा रहा था तो ऐसे अवसर पर आदिवासी समाज से आने वाली राष्ट्पति द्रौपदी मुर्मू को नहीं बुलाया और ना ही इस भवन के शिलान्यास कार्यक्रम में दलित वर्ग से आने वाले तत्कालीन राष्ट्पति रामनाथ गोविंद जी को ही बुलाया गया।

इन्होंने आगे कहा कि संसद भवन के अंदर सम्राट अशोक की आइडिया ऑफ़ इंडिया की सोच के विपरीत दंडवत यानी संगोल की स्थापना की गई है, जो संविधान के मूल्यों के विपरीत है और इससे लोकतंत्र कमजोर होता है। आलोक कुमार मेहता ने आगे कहा कि जगदेव बाबू का मानना था कि संविधान के निर्माताओं ने जो लक्ष्य स्थापित किए हैं, उन्हें पाने के लिए विभिन्नता में एकता, लोकतंत्र और सामाजिक क्रांति में तारतम्यता होनी चाहिए। इन्हीं मूल्यों को लेकर बाबा साहब अंबेडकर के सपनों को पूरा करने के लिए वे निरंतर प्रयास करते रहे।

जगदेव बाबू ने जाति के वर्चस्व को तोड़ा और शोषित वर्ग को अपने अधिकारों की लिए लड़ाई लड़ने के लिए प्रेरित किया। शोषित वर्ग के अधिकारों के आंदोलन के दौरान ही जगदेव बाबू की हत्या कर दी गई। अमर शहीद जगदेव बाबू को लगता था कि उनके सिद्धांत के सबसे अनुकूल बीपी मंडल है, इसी कारण उन्हें मुख्यमंत्री बनाने में उनकी बड़ी भूमिका थी। जब बीपी मंडल मुख्यमंत्री बने तो उस समय मधेपुरा से सांसद थे। बीपी मंडल ने जो आरक्षण के लिए नीति बनाई है, वैसी बातें जगदेव बाबू के राजनीतिक आंदोलन के दौरान उठाई गए बातों का समावेश किया।

बीपी मंडल ने जगदेव बाबू के सिद्धांतों को आगे बढ़ाया, जिसका परिणाम आज भारत के विकास में पिछड़ों के योगदान को स्पष्ट से देख सकते हैं। आलोक मेहता ने कहा कि इन्हीं मूल्यों को लेकर लालू प्रसाद जी ने प्रजातांत्रिक तरीके से लोगों को आगे बढ़ाने में अपनी महती भूमिका निभाई। लालू प्रसाद जी ने सूअर पालनेवालों, गाय, भैंस, बकरी चराने वालों, घोंघा चुनने वालों, मछली पकड़ने वालों, ताड़ी बेचने वालों, खेती करने वालों, सिलाई-बुनाई करने वालों से कहा कि पढ़ना-लिखना सीखो। अपने बच्चों को पढ़ा कर समाज की मुख्यधारा मे शामिल होने का आह्वान किया।

लालू प्रसाद जी ने हमेशा जगदेव बाबू के मूल्यों को लेकर आगे बढ़ते रहे, अपने मंत्रिमंडल में बहुतजनों को अवसर दिया और निर्णय लेने वाली मुख्यधारा में शामिल किया । प्रदेश राजद के मुख्य प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने कहा कि जगदेव बाबू को अमर शहीद का दर्जा लालू प्रसाद यादव जी ने अपने कार्यकाल में दिया जबकि लालू प्रसाद जी का यह मानना है कि समाज के निर्माण में आपसी भाईचारा और एकता होनी चाहिए, जिससे सर्व समाज को आगे बढ़ने का मौका मिल सके।

इन्होंने आगे कहा कि पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव जी ने 17 महीने के कार्यकाल में गरीबों, शोषितों, वंचितों के लिए जो काम किया है, वह यादगार है और सबसे बड़ी बात है कि उन्होंने बिहार में पहली बार जातिगत गणना कराकर आंकड़े के साथ जिसकी जितनी संख्या उसकी उतनी हिस्सेदारी तय करके आरक्षण व्यवस्था को बढाकर 65 प्रतिशत किया लेकिन आज उसके खिलाफ किस तरह से साजिश की गई, यह सब को पता है। भाजपा के लोग भारत के संवैधानिक व्यवस्था को कमजोर करना चाहते हैं, सबसे पहले शोषितों और वंचितों, पिछड़ों, अति पिछडों, दलितों और आदिवासियों के आरक्षण व्यवस्था को समाप्त करने की साजिश में लग गई है।

संविधान को कमजोर करने वाली कार्रवाई की जा रही है और‌ इसके लिए हर तरह‌ का उपाय किया जा रहा है और हम सभी को धर्म के नाम पर कहीं ना कहीं कमजोर करने की साजिश के जाल में फंसाया जा रहा। इसके खिलाफ लोगों को सचेत करने के लिए अमर शहीद जगदेव प्रसाद के शहादत दिवस के अवसर पर लोकतंत्र और संविधान की रक्षा विषय पर संगोष्ठी राजद के राज्य कार्यालय के कर्पूरी सभागार में 05 सितंबर को किया जाएगा।

इन्होंने आगे कहा कि तेजस्वी जी का 10 सितंबर से 17 सितंबर तक समस्तीपुर से शुरू होगा, जो 17 सितंबर को मुजफ्फरपुर में समाप्त हो जाएगा। यह पहले चरण का आभार यात्रा कार्यक्रम है, उसमें पार्टी के नेताओं-कार्यकर्ताओं से नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव सीधा संवाद नेताओं और कार्यकर्ताओं से करेंगे। आगे पूजा के बाद दूसरे चरण की शुरुआत की जाएगी।