RINPAS 100 Year Celebration : मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन पहुंचे रिनपास शताब्दी समारोह, पारंपरिक गीत-संगीत के साथ हुआ भव्य स्वागत
रांची: रिनपास के 100 वर्ष पूरे होने पर गुरुवार को भव्य शताब्दी समारोह का आयोजन किया गया. समारोह में मुख्य अतिथि सीएम हेमन्त सोरेन शामिल हुए. मुख्यमंत्री के अलावा समारोह में विशिष्ठ अतिथि राज्य के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी और रांची सांसद सह केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ भी मौजूद रहे.
इस मौके पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा आज रिनपास सौ साल पूरे किए. आजादी से पहले रिनपास लोगों की सेवा करता आ रहा है. CIPकेंद्र सरकार और रिनपास राज्य सरकार के माध्यम से संचालित होती है. यह ऐसा कार्य क्षेत्र है कि बहुत कम लोगों को जरूरत पड़े रिनपास आना पड़े. मानव की वर्तमान स्थिति ऐसी हो गई इसकी भूमिका बढ़ते जा रही है. मुझे इससे पहले कभी यहां आने का मौका नहीं मिला,लेकिन यहां क्या क्या जरूरत है ये जरूर होना चाहिए. मौजूदा व्यवस्था में इसकी महत्व बढ़ते जा रही है. यहां कितने व्यवस्था हैं,कितनी फैकल्टी है इसका दायरा बहुत बड़ा है. जिसने भी इस संस्थान की कल्पना की होगी उनकी सोच बहुत बड़ी होगी. मुझे बताया गया कि प्रत्येक साल पचास बच्चे का नामांकन होना था. लेकिन उसमें कमी आई है क्या कारण है इसको जानने की कोशिश करुंगा. आधारभूत संरचना को बेहतर से बेहतर करने की आवश्यकता है. बहुत जल्द हमलोग रिनपास को बदलते देखेंगे. कई ऐसे मरीज हैं जिन्हें उनके परिवारवाले लेने नहीं आते हैं. रिनपास के पूर्व निदेशकों को सीएमने गुरुवार को सम्मानित किया. डॉ. पी के चक्रवर्ती,डॉ. अशोक प्रसाद,डॉ. अशोक कुमार नाग,डॉ. प्रो. के के सिंहा,डॉ प्रवीण कुमार सिंहा,डॉ ए एन वर्मा,डॉ कप्तान सिंह सेंगर को सीएम ने सम्मानित किया.
रिनपास की स्थापना का इतिहास 1795 से है. इसकी स्थापना बिहार के मुंगेर शहर में“लूनैटिक असायलम” (मानसिक अस्पताल) के रूप में हुई. इसे 1821 में पटना कॉलेजिएट में स्थानांतरित किया गया. इसके बाद संस्थान को अप्रैल 1925 में नामकुम होते हुए वर्तमान स्थान कांके में स्थानांतरित किया गया. उस वक्त इसका नाम इंडियन मेंटल हॉस्पिटल रखा गया था. आज 4 सितंबर को कांके में रिनपास के 100 साल पूरे हो गये हैं. शताब्दी समारोह रिनपास का 100वां स्थापना दिवस के अवसर पर डाक टिकट जारी किया गया.
रिनपास के सौ साल के अवसर पर स्मारिका भी जारी किया गया. रिनपास पर आधारित लिखी गई चार पुस्तक साइकोड्रमा पुस्तक का विमोचन किया गया,टेलीमेडिसिन सेवा की शुरुआत हुई.