राष्ट्रपति से मिलने की है तमन्ना : बेगूसराय के एक व्यवसायी आखिर क्यों मिलना चाहते हैं महामहिम से ...

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बेगूसराय में एक व्यवसायी को अति प्राचीन सिक्कों और विदेशी सिक्कों का संग्रह करने का ऐसा जुनून सवार हुआ कि आज 63 साल की उम्र में उनके पास दर्जनों सिक्के जमा हो गए। बेगूसराय शहर के मुख्य बाजार के निवासी अजय कुमार अग्रवाल उर्फ बच्चा बाबू 15 साल की उम्र से ही सिक्कों का संग्रह करना शुरू किया था।

बाबू ने बताया कि इलाके के लोग उनके पास जेवर के बदले में तरह-तरह के पुराने सिक्के देते थे जिनको वह संग्रह किया करते थे जिसके बाद उनका यह शौक जुनून में बदल गया और व्यवसाय के सिलसिले में जब वे बड़े-बड़े शहरों के भ्रमण करते तो वे पुराने सिक्कों को खोज खोज कर संग्रह करने लगे। अब 45 सालों में उनके पास दुनिया के एक दर्जन से ज्यादा देशों के अति प्राचीन सिक्के जहां मौजूद हैं वहीं कई कालखंड के सिक्के भी इनके पास हैं।

मुख्य रूप से इनके पास राम दरबार, मुगलकालीन, विग्रह पाल कालीन, सोने का सिक्का, मौर्यकालीन, 1960 का अरबियन सिक्का, ब्रिटिश कालीन भारतीय सिक्के, 1948 का पाकिस्तानी सिक्का, भूटानी, बंगलादेशी, कोरिया, फिलिस्तीन, ट्यूनिशिया, लखनऊ, हैदराबाद, ग्वालियर, इंदौर, जयपुर, बीकानेर, कोलकाता आदि के नवाबों एवं निजामों द्वारा जारी सिक्के हैं।

अलग अलग दौर के प्रचलित सिक्के आज इनके पास उपलब्ध हो चुके हैं। वे 60 अति प्राचीन और विदेशी सिक्कों को संग्रहालय को दान भी दे चुके हैं जिनका लिखित कागजात उनके पास मौजूद है। बच्चा बाबू का सपना है कि वे 101 सिक्का राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को प्रदान करें। बच्चा बाबू के इस जुनून की तारीफ उनकी पत्नी भी करती हैं और उनका कहना है कि हर व्यक्ति को किसी ना किसी चीज का शौक होना ही चाहिए जिससे वह शौक राई से पहाड़ बन जाए।

क्या पता कब कौन सा शौक किसकी तकदीर बदल दे ...


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