Raksha Bandhan Date 2024 : रक्षाबंधन कब है? जानें सही तारीख, महत्व और पौराणिक कथा
रक्षाबंधन का पर्व भाई बहन के प्यार का प्रतीक है.. रक्षाबंधन हर साल सावन महीने की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है.. आइए जानते हैं इस बार रक्षाबंधन कब मनाया जाएगा.. साथ ही जानें रक्षाबंधन को लेकर पौराणिक मान्यताएं क्या हैं.
रांची : रक्षाबंधन का पर्व भाई बहन के प्रेम के प्रतिक है.. ये पर्व सावन महीने के पूर्णिमा को मनाया जाता है... इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर... राखी बांधकर उनसे.. रक्षा का वचन मांगती है.. यह पर्व भाई बहन के मजबूत संबंधों को दर्शाता है... साथ ही यह त्योहार भाई-बहन के बीच प्यार और विश्वास को भी मजबूत करता है..
आखिरी सोमवार और रक्षा बंधन एक ही दिन
इस साल रक्षाबंधन 19 अगस्त को मनाया जायेगा.. सावन का आखिरी सोमवार और रक्षाबंधन एक ही दिन पड़ रहा है.. ऐसे भाई-बहनों को शिव जी का विशेष आशीर्वाद भी प्राप्त होगा, हालांकि रक्षाबंधन पर भद्रा का साया भी रहेगा. भद्राकाल में राखी बंधना अशुभ माना जाता है.. ऐसे में राखी बांधने का शुभ मुहूर्त जानना बहुत जरूरी है...
भद्राकाल के समय को अशुभ माना जाता है
हिंदू धर्म में भद्राकाल के समय को अशुभ माना जाता है, मान्यताओं के अनुसार इस दौरान कोई भी मांगलिक कार्यक्रम नहीं किया जाता है, जिसमें भाई के कलाई पर राखी बांधना भी शामिल है.. भद्राकाल की शुरूआत पूर्णिमा तिथि के प्रारंभ के साथ होगी और 19 अगस्त को दोपहर 1 बजकर 30 मिनट पर खत्म होगी.. ऐसे में 19 अगस्त को भद्रा के कारण राखी बांधने का मुहूर्त दोपहर में नहीं है..
रक्षा बंधन को लेकर क्या है पौराणिक कथा ?
हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल.. राखी बांधने का शुभ मुहूर्त ..दोपहर एक बजकर 30 मिनट से रात्रि 9 बजकर 7 मिनट तक रहेगा... कुल मिलाकर शुभ मुहूर्त 07 घंटे 37 मिनट का रहेगा.. रक्षाबंधन को लेकर विभिन्न मान्यताएं भी है.. एक प्रचलित कथा के अनुसार.. जब महाभारत में भगवान कृष्ण की उंगली कट गई थी.. तो द्रौपदी ने उनकी उंगली से खून को रोकने के लिए.. अपनी साड़ी से एक टुकड़ा फाड़कर.. उनकी उंगली पर बांध दिया था.. इसपर भगवान कृष्ण ने द्रौपदी की रक्षा का वचन दिया था..