साहब के चक्कर में फंसा ऑपरेटर : एक लाख लेकर मठ की जमीन का कर रहे थे दाखिल-खारिज,तभी DM ने करवा दिया रेड

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Raid on DCLR office on complaint of taking bribe of Rs 1 lakh, Raid on DCLR office on complaint of taking bribe of Rs 1 lakh,

patna:-साहब के चक्कर में ऑपरेटर रंगेहाथ पकडा गया और अब साहब पर भी कार्रवाई की प्रकिया शुरू कर दी गई है..हम बात कर रहे हैं राजधानी पटना के दानापर अनुमंडल के भूमि सुधार उप समाहर्ता(DCLR) कार्यालय की,यहां के साहब इष्टदेव महादेव घूस लेकर गलत तरीक से जमीन के दाखिल-खारिज का काम धड़ल्ले से कर रहे थे,उनके इस अवैध धंधे की जानकारी पटना के डीएम चन्द्रशेखर सिंह की लगी जिसके बाद इनके कार्यालय पर रेड कर दिया गया.इस रेड की वजह से कार्यालय मे हड़कंप मच गया.


चूंकी DCLR साहब होशियार थे और वे पैसे का लेन-दने खुद नहीं करते थे,बल्कि अपने ऑपरटेर के जरिए करते थे.इसलिए जब इनके कार्यालय में रेड की गयी तो घूस मे ली गयी एक लाख की राशी ऑपरेटर सुजीत कुमार के अलमारी से मिली जिसके बाद ऑपरेटर को गिरफ्तार कर लिया.वहीं पूछताछ में ऑपरेटर सुजीत कुमार ने अपने साहब का कच्चा चिट्ठा खोल दिया जिसके बाद अब जिला प्रशासन डीसीएलआर साहब के खिलाफ भी कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू होगी.उनका निलंबन भी होगा और विभागीय कार्रवाई भी होगी.

इस संबंध में दानापुर एसडीओ ने बताया कि यह कार्रवाई डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह के आदेश पर हुई है.उनके पास यहां से जुड़ी लगातार शिकायतें मिल रही थीं।जिसके बाद यह कार्रवाई की गयी है.छापेमारी के दौरान ऑपरेटर सुजीत कुमार उर्फ धीरज के अलमारी से एक लाख रुपये बरामद किए गए। सुजीत कुमार के गोदरेज से 37 अभिलेख भी मिले, जिस पर आदेश दिया जाना था और 102 आवेदन भी मिला जिस पर वाद दायर किया जाना था।पूरी कार्रवाई से डीएम साहब को अवगत करा दिया गया है और अब आगे कानूनी कार्रवाई की जा रही है.


ये एक लाख रूपया जमीन के दाखिल-खारिज के एवज में ली गई थी.इस जमीन का दाखिल -खारिज की याचिका को अंचलाधिकारी ने खारिज कर दिया था. मिली जानकारी के मुताबिक डीसीएलआर के न्यायालय में मठ की ज़मीन से संबंधित दाखिल-खारिज अपील वाद संख्या 72/2023-24 पर ऑर्डर होना था.सीओ, नौबतपुर ने इस दाखिल-खारिज को अस्वीकृत कर दिया था.अपीलकर्ता से 1 लाख 75 हजार की मांग की गयी थी पर बाद में एक लाख पर बात बन गयी थी.अपीलकर्ता एक लाख रुपये लेकर पहुंचा था.इसकी जानकारी डीएम चंद्रशेखर सिंह को मिली जिसके बाद ये कार्रवाई की गई .