Bihar Politics : बिहार सरकार के बजट पर पप्पू यादव का तीखा हमला, कहा : नेता, अधिकारी और माफिया के गठजोड़ को फायदा दिलाने वाला बजट


PURNIA :बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मौजूदा एनडीए सरकार ने सोमवार को अपना अंतिम बजट पेश किया, जिसे पूर्णिया के सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने इस बजट को "नेता, अधिकारी और माफिया के गठजोड़ को फायदा पहुंचाने वाला" बताया और कहा कि इसमें आम जनता के लिए कोई ठोस प्रावधान नहीं है।
पप्पू यादव ने आरोप लगाया कि यह बजट निर्माण क्षेत्र में ठेकेदारों और कमीशनखोरी को बढ़ावा देने वाला है। उन्होंने कहा कि इसमें गरीबों, किसानों, मजदूरों और आम जनता के लिए कोई ठोस राहत नहीं दी गई है। उन्होंने कहा कि "सरकार ने एससी-एसटी के अधिकारों को लगातार कुचला है, और अब चुनाव से ठीक पहले उन्हें लुभाने का प्रयास किया जा रहा है।"
सांसद पप्पू यादव ने कहा कि जब तक उन्होंने संसद में आवाज नहीं उठाई, तब तक सरकार ने पूर्णिया एयरपोर्ट का सुध तक नहीं लिया। उन्होंने कहा कि "पूर्णिया की जनता ने हमें लोकसभा में भेजा, हमने दिन-रात मेहनत की, तब जाकर केंद्र सरकार ने एयरपोर्ट की मंजूरी दी। अब इस मुद्दे को बजट में शामिल कर जनता की आंखों में धूल झोंकने की कोशिश की जा रही है।"
सांसद ने बिहार के स्वास्थ्य और शिक्षा व्यवस्था की दयनीय स्थिति पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि सरकार ने रेफरल अस्पताल और नगर चिकित्सा केंद्र खोलने की बात तो की, लेकिन मौजूदा अस्पतालों की खराब हालत पर कोई चर्चा नहीं की। उन्होंने कहा, "बिहार में अस्पतालों में 70% कर्मी नहीं हैं, प्राइवेट अस्पताल आम जनता के लिए बोझ बन गए हैं।"
शिक्षा व्यवस्था पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, "बिहार में शिक्षा का स्तर बेहद खराब हो चुका है। आठवीं कक्षा के बाद अधिकांश बच्चे स्कूल छोड़ देते हैं। परीक्षाओं में पारदर्शिता नहीं है। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा बिहार के बच्चों के लिए एक सपना बन गया है, लेकिन इस मुद्दे को सरकार ने बजट में छूने तक की जरूरत नहीं समझी।"
सांसद ने आरोप लगाया कि कोसी और सीमांचल क्षेत्र, जिसने सरकार को सबसे अधिक वोट दिए, उसे फिर से बजट में नजरअंदाज कर दिया गया। उन्होंने कहा, "हर बार की तरह इस बार भी हमारी जनता के लिए कोई खास प्रावधान नहीं किया गया।"
पप्पू यादव ने कहा कि सरकार ने बजट में बिहार के पलायन, बेरोजगारी, उद्योग, आंगनबाड़ी, आशा कार्यकर्ताओं, वृद्धावस्था पेंशन जैसे अहम मुद्दों को दरकिनार कर दिया। उन्होंने कहा, "सरकार किसानों की समस्याओं का समाधान करने के बजाय उनके लिए दरवाजे बंद कर रही है। खाद-बीज की महंगाई और कालाबाजारी पर कोई ठोस पहल नहीं की गई।"
उन्होंने बिहार में भ्रष्टाचार और इंस्पेक्टर राज पर भी सरकार को घेरा और कहा कि सरकार इन समस्याओं पर चुप है। उन्होंने कहा, "इस बजट में आंकड़ों की जादूगरी है, लेकिन जमीनी सच्चाई से इसका कोई लेना-देना नहीं है। इससे बिहार का भला नहीं होने वाला।"
पप्पू यादव ने आरोप लगाया कि इस बजट के जरिए सरकार जनता को गुमराह कर रही है और चुनाव को ध्यान में रखते हुए झूठे वादे कर रही है। उन्होंने कहा कि उनकी लड़ाई बिहार की जनता के हक और अधिकारों के लिए जारी रहेगी।