'लेकर रहेंगे विशेष राज्य का दर्जा और स्पेशल पैकेज' : बजट पर पप्पू यादव की तीखी प्रतिक्रिया, कहा : बजट मतलब BJP की झूठ और जनता को लूट

Edited By:  |
Reported By:
Pappu Yadav sharp reaction on the budget Pappu Yadav sharp reaction on the budget

PURNIA : देश के बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए पूर्णिया सांसद पप्पू यादव ने बीजेपी पर तीखे वार किए। उन्होंने बजट को बीजेपी का झूठ और जनता से मित्रों के लिए लूट बताया। पप्पू यादव ने कहा कि "बिहार के साथ प्रावधान-प्रावधान का खेल मत खेलिए। सवा लाख करोड़ से आज तक के बजट प्रावधान का पाई-पाई हिसाब दीजिए।" उन्होंने स्पष्ट किया कि बिहार विशेष राज्य का दर्जा और विशेष पैकेज लेकर रहेगा और यह हक़ है, कृपा नहीं।

'लेकर रहेंगे विशेष राज्य का दर्जा और स्पेशल पैकेज'

उन्होंने जोर देकर कहा कि बिहार के विकास के लिए केंद्र में मज़बूत नहीं, मजबूर सरकार ही चाहिए। उन्होंने कहा कि "39 सांसद देकर बिहार याचक की भूमिका में था लेकिन आज बॉस की भूमिका में आ गया है।" सांसद पप्पू यादव ने कोसी और सीमांचल की घोर उपेक्षा की भी निंदा की और कहा कि हम मिलकर तय करेंगे और विशेष राज्य का दर्जा और विशेष पैकेज लेकर रहेंगे।

उन्होंने कहा कि "हमारी लड़ाई बिहार के हक़ की है और हम इसे लेकर रहेंगे। बजट में बिहार की अनदेखी बर्दाश्त नहीं की जाएगी और हम इसका पुरजोर विरोध करेंगे।"

1. बेरोजगारी

देश के सामने सबसे बड़ी समस्या बेरोजगारी है। यह देश की सबसे बड़ी चुनौती है। हमें आशा थी कि इस बजट में रोजगार के अवसर दिए जाएंगे, बेरोजगारी की समस्या का अंत होगा।

बजट में कहा गया है कि 3 तरह की योजनाओं में करीब 2.90 करोड़ लोगों को फायदा होगा। ऐसा नहीं होने वाला है। इस बजट में रोजगार सृजन का एक बड़ा मौका खो दिया गया है।

2. महंगाई

यह देश कमर तोड़ महंगाई से जूझ रहा है। आज WPI करीब 3.4% है और Food inflation 9.50% है। उसके बाद भी इकोनॉमिक सर्वे में 1.7% के एक मैन्युफैक्चरिंग डिफ्लेटर की बात की गई है लेकिन विश्व के बड़े-बड़े अर्थशास्त्री इस डिफ्लेटर के नंबर पर यकीन नहीं रखते हैं।

यहां ये भी मानना मुश्किल है कि अगर 8.2% GDP ग्रोथ हो रही है तो कृषि सिर्फ 1.4% पर और उपभोग सिर्फ 4% पर कैसे आगे बढ़ रहा है। वित्त मंत्री ने महंगाई पर मात्र 10 शब्द बोले हैं। इस बजट में महंगाई को कम करने की कोई राहत दिखाई नहीं दे रही है।

3. शिक्षा

आज बच्चे अपनी क्लास के हिसाब से पढ़ाई नहीं कर सकते हैं और यह भी माना जाता है कि उस तरह की स्किल नहीं है इसलिए शिक्षा पर ध्यान देना काफी जरूरी था। आज देश में NEET काफी बड़ा मुद्दा है, लेकिन इस पर एक शब्द नहीं बोला गया। पिछली बार स्कूल बजट में 1,16,417 करोड़ रुपये खर्च करने की बात की गई थी लेकिन 1,08,878 रुपये खर्च किया गए हैं।

4. स्वास्थ्य

यह सबको पता है कि पब्लिक हेल्थकेयर का बुरा हाल है। सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर, नर्स, स्टाफ की भारी कमी है। माना जा रहा था कि सरकार इस बार स्वास्थ्य पर ज्यादा खर्च करेगी लेकिन ज्यादा करने की बजाए इसको घटाया जा रहा है। पिछली बार बजट 88,956 करोड़ था लेकिन खर्च 80,000 करोड़ से कम किया गया है। इसमें 8 हजार करोड़ से ज्यादा की कटौती की गई है।

5. आय

6 साल से लोगों की इनकम बढ़ नहीं रही है। वित्तीय वर्ष 2018-23 के बीच लोगों की आय स्व-रोजगार वाले 12,800 रुपये प्रति माह, दिहाड़ी मजदूर करीब 7,400 रुपये प्रति माह, मजदूर 19,750 रुपये प्रति माह है। हमारी मांग रही है कि न्यूनतम आय 400 रुपये प्रतिदिन की होनी चाहिए लेकिन सच्चाई यही है कि दिहाड़ी मजदूरों को कोई भी राहत नहीं दी गई है।

6. कृषि

किसान MSP की कानूनी गारंटी की मांग कर रहे हैं लेकिन सरकार ने अपने बजट में एक शब्द नहीं बोला है। इसके साथ ही कृषि का बजट घटा दिया गया है।

7. शिक्षा लोन

हमारी मांग थी कि एक बार आउटस्टैंडिंग शिक्षा लोन माफ कर दिया जाए लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इस बजट में शिक्षा लोन देने की बात हुई लेकिन जो लोग शिक्षा लोन लेकर जूझ रहे हैं, उसे माफ करने की बात नहीं की गई।

8. अग्निपथ

हमारी मांग थी कि अग्निपथ स्कीम को खत्म किया जाए लेकिन अग्निपथ स्कीम पर भी एक शब्द नहीं बोला गया।