हाईकोर्ट में नीतीश सरकार का बड़ा दावा : SC ST कानून को लागू करने के लिए राज्य में 3 हजार प्रशिक्षित पुलिसकर्मी

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Nitish government claims in High Court, 3 thousand trained policemen to implement SC ST law Nitish government claims in High Court, 3 thousand trained policemen to implement SC ST law

PATNA:- बिहार में SC/ST कानून को ठीक से लागू करने के लिए राज्य के करीब 3 हजार पुलिसकर्मियों को विशेष रूप से प्रशिक्षित किया गया है और इस कानून के पीड़ितों को नियमानुसार आर्थिक मुआवजा भी दिया जा रहा है..ये दावा बिहार सरकार के सरकारी वकील ने पटना हाईकोर्ट में किया है.इसके बाद कोर्ट ने बिहार लीगल नेटवर्क की तरफ से दायर याचिका को निष्पादित कर दिया.


दरअसल बिहार लीगल नेटवर्क की तरफ से पटना हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर किया गया था जिसमें एस सी/एस टी कानूनों के प्रावधानों को लागू नहीं के लिए ठोस कार्रवाई नहीं किये जाने की शिकायत की गयी थी.इसम मामले की सुनवाई पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के वी चन्द्रन की खंडपीठ ने की.इससे पहले की सुनवाई में सरकार से जवाब मांगा गया था.जिसके बाद राज्य सरकार द्वारा प्रस्तुत कार्रवाई रिपोर्ट पर संतोष व्यक्त करते हुए इस जनहित याचिका को निष्पादित कर दिया।

राज्य सरकार की ओर से कोर्ट को की गयी कार्रवाईयों का ब्यौरा सरकारी अधिवक्ता अजय ने प्रस्तुत किया।उन्होंने कोर्ट को बताया कि एस सी/एस टी कानूनों से सम्बन्धित मामलों को पोर्टल पर डालने की व्यवस्था कार्यशील है।उन्होंने बताया कि इन मामलों में पुलिस द्वारा त्वरित कार्रवाई की जा रही है।इन मामलों में पीड़ितों को क्षतिपूर्ति का भुगतान केसों का आधार किया जाता है।इन मामलों क्षतिपूर्ति का भुगतान शीघ्र किया जाता है.उन्होंने कोर्ट को बताया कि राज्य सरकार द्वारा डीएसपी स्तर से ले कर नीचे के स्तर के पुलिस अधिकारियों को इन मामलों में कार्रवाई के लिए प्रशिक्षण दिया गया है।ऐसे पुलिस अधिकारियों की संख्या लगभग तीन हजार है।


इसके साथ ही सरकारी वकील ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा उच्च स्तर पर ऐसे मामलों की मॉनिटरिंग की जाती है।मुख्य मंत्री और राज्य के डीजीपी स्वयं इन मामलों की मॉनिटरिंग करते है । कोर्ट ने सरकारी अधिवक्ता अजय द्वारा दिये गये ब्यौरा से संतुष्ट हो कर इस मामलें को निष्पादित कर दिया है।

बताते चलें कि इस जनहित याचिका में ये शिकायत की गयी थी कि एस सी/एस टी कानूनों से सम्बन्धित कार्रवाईयों को पोर्टल पर नहीं डाला जाता हैं।साथ ही ये भी कहा गया कि इन मामलों में कानूनों के प्रावधानों को लागू करने के लिए पुलिस अधिकारियों को प्रशिक्षण नहीं दिया जाता है।