NALANDA के अस्पताल का हाल : वार्ड के बेड पर झाड़-फूंक,इमरजेंसी से डॉक्टर नदारद..बिना इलाज लौट रहे हैं मरीज

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NALANDA:-बिहार के डिप्टी सीएम सह स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव सरकारी अस्पतालों की सुविधा को बेहतर करने को लेकर कई तरह के दावे कर रहे हैं,पर राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा के सदर अस्पताल की सुविधा बदतर है.यहं के इमरजेंसी वार्ड में डॉक्टर नदारद रहते हैं और अधिकांश मरीज निजी क्लिनिक जाने को मजबूर हैं वहीं इस वार्ड में डॉक्टरों के इलाज के बजाय ओझा-गुणी झाड़-फूंक करते नजर आ रहें हैं.


इसके लिए कुछ मरीजों का उदाहरण लिया जा सकता है. एक सर्प दंश का मरीज चंडी अस्पताल से रेफर होकर बिहारशरीफ सदर अस्पताल पहुंचा,जहां परिजनों ने डॉक्टरो का काफी देर तक इंतजार किया,और जब डॉक्टर नहीं आये तो तांत्रिक को बुलाकर अस्पताल के बेड पर ही झाड़-फूंक कराया।


दूसरा उदाहरण बिहारशरीफ के मांशूर नगर रौविन कुमार का है..वह गिरकर बेहोश हो गया जिसे आनन फानन में परिवार के लोगो ने इलाज के लिए बिहारशरीफ सदर अस्पताल लाया जहाँ इमरजेंसी वार्ड में कोई भी चिकित्सक मौजूद नही थे जिसके बाद परिवार के लोगो ने बच्चा वार्ड में मौजूद चिकित्सक को देखने को कहा मगर चिकित्सक ने मरीज को देखने से इनकार कर दिया ।इस बात की जानकारी नालंदा के सिविल सर्जन को दी गई. सिविल सर्जन अविनाश कुमार ने थोड़ी देर में डॉक्टर को भेजने की बात कही मगर एक घंटा बीत जाने के बाद भी कोई चिकित्सक नही पहुंचा जिससे मरीज की हालत और बिगड़ गई और परिवार के लोगो ने आनन फानन में मरीज को ई रिक्शा से निजी क्लीनिक ले गये ।उन्हें एंबुलेंस भी नहीं मिल पाया.


अस्पताल के इमरजेंसी में व्यवस्था के खस्ताहाल होने की वजह से यहां आने वाले मरीजों को काफी परेशानी हो रही है.वहीं यह मामला जिलाधिकारी तक भी पहुंचा है.अस्पताल की कुव्यवस्था के सवाल पर जिलाधिकारी शशांक शुभंकर ने कहा की मामले की जानकारी मिली है.इस पर जांच बैठाया गया है.जांच रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई की जाएगी.


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