मां तुझे सलाम : जिन बेटों ने ठुकराया ...उनके लिए जितिया व्रत कर रही हैं माताएं, कहा कुछ ऐसा...जिसे सुन कचोट जाएगा आपका दिल

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 Mothers are observing Jitiya fast for the sons who rejected them  Mothers are observing Jitiya fast for the sons who rejected them

BHAGALPUR : मां जिंदगी की विश्वास होती है। मां जीवन का सहारा होती है। मां जीवन की आस होती और मां जीवन की सार होती है लेकिन दुनिया में कुछ ऐसे भी बच्चे होते हैं, जिन्हें मां का प्यार नहीं मिल पाता है लेकिन कुछ ऐसे भी बच्चे हैं, जिन्हें मां का भरपूर प्यार तो मिला है लेकिन अपने सोशल स्टेटस दिखाने और घरेलू विवाद की वजह से अपनी बूढ़ी मां को अपने परिवार से दूर गुमनामी की जिंदगी जीने को मजबूर कर वृद्धाआश्रम में छोड़ आते है लेकिन मां तो मां होती है।

जिन बेटों ने ठुकराया, उनके लिए व्रत कर रही हैं माताएं

शायद मां ऐसा कभी नहीं सोचती, उसके मन में बच्चे के लंबी उम्र और तरक्की के प्रति सदा भाव बना रहता है। शायद यही भाव लेकर भागलपुर में संचालित वृद्धाआश्रम में बिहार के लोकपर्व जितिया की धूम है, जहां आश्रम में रहने वाली महिलाएं अपने बच्चे के लिए जीवित्पुत्रिका व्रत कर रही हैं।

सलामती की करती रही हैं कामना, आगे भी रहेगा जारी

वृद्धाआश्रम में रहने वाली और उम्र के अंतिम पड़ाव पर भी निर्जला उपवास रखकर अपने बच्चे की सलामती और लंबी उम्र की कामना कर रही हैं। भागलपुर के नाथनगर में समाज कल्याण विभाग द्वारा वृद्धा आश्रम संचालित है, जिसमें 25 वृद्ध महिलाएं रह रही हैं। इसमें कई महिलाएं जितिया पर्व कर रही हैं। व्रत कर रही महिलाओं ने बताया कि बच्चे हमें यहां भेजकर अगर खुश हैं तो हमें भी खुशी है लेकिन हम अपना फर्ज कभी नहीं भूल सकते। हम अपने बच्चों के दीर्घायु होने की सदैव कामना करते हैं और आगे भी करते रहेंगे।