Kashish News Health Conclave 2024 : बिहार में हेल्थ सेक्टर में हुआ तेजी से सुधार, मंत्री मंगल पाण्डेय का बड़ा बयान, बताया बिहार में कैसे सुधरी स्वास्थ्य व्यवस्था

Edited By:  |
'Kashish News Health Conclave 2024' organized 'Kashish News Health Conclave 2024' organized

Kashish News Health Conclave 2024: पटना के होटल मौर्य में 'कशिश न्यूज़ हेल्थ कॉन्क्लेव' का आयोजन किया गया, जहां बिहार और झारखण्ड के जाने-माने डॉक्टर्स का जमावड़ा लगा। इस हेल्थ कॉन्क्लेव में 'स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा' पर जोरदार चर्चा हुई। इस दौरान बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय भी मुख्य अतिथि के तौर पर मौजूद थे। उन्होंने बिहार में हेल्थ सेक्टर में लगातार हो रही प्रगति पर प्रकाश डाला।

हेल्थ कॉन्क्लेव में हुआ दिग्गजों का जुटान

कशिश न्यूज़ हेल्थ कॉन्क्लेव में स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय ने कहा कि जहां स्वास्थ्य दुरुस्त रहता है, वहीं समृद्धि आती है और जहां समृद्धि आती है, वहां स्वत: आत्मनिर्भरता आ जाती है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि बिहार में हेल्थ सर्विसेज को सुधारने की आवश्यकता आज भी है। हेल्थ सिस्टम को सुधारने की चुनौती आज भी है।

इसके साथ ही स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय ने कहा कि बिहार ज्ञान-विज्ञान, अध्यात्म और लोकतंत्र का गढ़ रहा है लेकिन ये भी सत्य है कि आज से 20 साल पहले बिहार में स्वास्थ्य सेवा की स्थिति बहुत गड़बड़ हो गयी थी। सरकारी अस्पतालों में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया होती है, इसका विश्वास उठ गया था। पूरी स्वास्थ्य सेवा चरमरा गई थी। लेकिन इसमें साल 2005 के बाद बड़ा बदलाव हुआ।

2017 के बाद तेजी से हुआ सुधार

इसके बाद मुझे साल 2017 में मुझे इस राज्य में बतौर स्वास्थ्य मंत्री के तौर पर सेवा करने का मौका मिला। 2017 के बाद स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार को मैं फेज-2 मानता हूं चूंकि कई नये काम इस दौरान किए गये हैं। सरकारी अस्पतालों के प्रति लोगों की मानसिकता में काफी बदलाव देखने को मिला। अस्पतालों में डॉक्टर्स की उपस्थिति देखने को मिलने लगी। इसके साथ ही सरकारी अस्पतालों में जांच की सुविधा मिलने लगी।

स्वास्थ्य मंगल पाण्डेय ने जोर देते हुए कहा कि साल 2005 में एक PHC में औसतन 39 लोग जाते थे लेकिन अब साल 2024 में 1 PHC में औसतन 10 हजार से अधिक लोग जाते हैं। स्वास्थ्य सेवा में अब भी काफी सुधार की जरूरत है। इस वक्त 90 फीसदी से अधिक APHC (Additional primary health centre) कार्यरत हैं, जहां फिलहाल 16 तरह की दवाएं उपलब्ध है।

'सभी प्रखंडों में खुले 30 बेड के अस्पताल'

इसके साथ ही मंगल पाण्डेय ने कहा कि सभी प्रखंडों में 30 बेड के अस्पताल खोले गए हैं और अब सिर्फ 6-7 प्रखंड ही शेष रह गये हैं, जहां तेजी से काम जारी है। इसके साथ ही आज बिहार में 12 सरकारी मेडिकल कॉलेज हैं। साथ ही 9 प्राइवेट मेडिकल कॉलेज हैं। 13 जिलों में मेडिकल कॉलेज निर्माणाधीन हैं।

PMCH पर बात करते हुए स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय ने कहा कि 'PMCH को विश्व स्तर का अस्पताल बनाया जा रहा है। PMCH का सम्मान बिहार की 13 करोड़ जनता का सम्मान है। इसके साथ ही आयुष्मान भारत योजना पर भी स्वास्थ्य मंत्री ने फोकस किया और कहा कि 'आयुष्मान भारत योजना से लोगों को बड़ा फायदा मिला है। देश के 55 करोड़ लोगों को इस योजना का लाभ मिल रहा है। बिहार के 5 करोड़ 55 लाख लोगों को योजना का लाभ मिल रहा है।

'बाल हृदय योजना से मिला गरीब परिवारों को फायदा'

मंगल पाण्डेय ने कहा कि बिहार में 1 करोड़ 74 लाख लोगों के पास राशन कार्ड है। इनमें बिहार के सभी राशनकार्डधारी आयुष्मान योजना से कवर्ड हैं। वहीं, बाल हृदय योजना से गरीब परिवारों को फायदा मिल रहा है। इस योजना के तहत अहमदाबाद भेजकर बच्चों का इलाज कराया जा रहा है। बिहार में अबतक 1415 बच्चों का इलाज हुआ और सबकी जान बची है।

बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय ने कहा कि फिलहाल कई नई योजनाएं आने वाली है। कुछ और योजनाओं पर सीएम नीतीश कुमार से सहमति का इंतजार है। पटना स्थित IGIMS को भी काफी आगे बढ़ाया गया है। पूर्वोत्तर राज्यों में IGIMS की बड़ी पहचान है।

300 करोड़ की लागत से बन रहा कैंसर अस्पताल

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आंख का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल बनने जा रहा है। ये अस्पताव 154 बेड का होगा और 190 करोड़ की लागत से ये अस्पताल बन रहा है। इसके साथ ही SKMCH में 300 करोड़ की लागत से कैंसर अस्पताल बन रहा है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में निजी अस्पतालों का बड़ा योगदान है।

मंगल पाण्डेय ने स्वास्थ्य सेवाओं पर चर्चा करते हुए कहा कि 'बिहार में 1500 से अधिक एंबुलेंस उपलब्ध हैं। बिहार में एंबुलेंस की सुविधा पहले ठीक नहीं थी। बिहार में 1583 एंबुलेंस लोगों की सेवा में उपलब्ध हैं। आज 576 एंबुलेंस लाइफ सपोर्ट सिस्टम से लैस हैं। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि स्वास्थ्य सुविधा को राष्ट्रीय मानक के अनुरूप बनाना है।

'नहीं पीटा कभी नौकरी बांटने का ढिंढोरा'

उन्होंने स्वास्थ्य क्षेत्र में कर्मियों की नियुक्ति पर जोर देते हुए कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में 38 हजार कर्मचारियों की नियुक्ति हुई है। मेरे स्वास्थ्य मंत्री रहते बड़े पैमाने पर नियुक्ति हुई है। मैंने नौकरी बांटने का ढिंढोरा कभी नहीं पीटा। बिहार में हिंदी माध्यम से MBBS की पढ़ाई शुरू होने जा रही है। इसी सत्र से हिंदी माध्यम से MBBS की पढ़ाई शुरू हो रही है। हिंदी माध्यम से MBBS की पढ़ाई करने वाला बिहार दूसरा राज्य है।