JHARKHAND POLITICS : आगामी विधानसभा चुनाव से पूर्व झारखंड की सियासत तेज, जानिये खबरों में
चाईबासा :विधानसभा चुनाव से पहले झारखंड की राजनीति गरमा गई है. राज्य के पूर्व सीएम सह सूबे के मंत्री चंपाई सोरेन के भाजपा में जाने की चर्चा को रविवार शाम और बल मिल गया जब उनका सोशल मीडिया एक्स पर भावुक पोस्ट आया. इन सबके बीच मनोहरपुर विधानसभा क्षेत्र से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के चुनाव लड़ने की चर्चा चल रही है और इसको लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चा का माहौल गर्म है. वहीं दूसरी ओर भाजपा चक्रधरपुर विधानसभा क्षेत्र से सुखराम उरांव के विरुद्ध स्व. लक्ष्मण गिलुवा की पत्नी मालती गिलुवा को चुनावी मैदान में उतार रही है और उस क्षेत्र में अपना पकड़ मजबूत करने में लगी है.
बता दें कि मनोहरपुर विधानसभा में25वर्षों तक वर्तमान सांसद जोबा मांझी का सिक्का चला. उनके पति देवेंद्र मांझी भी मनोहरपुर से विधायक बने थे. देवेंद्र मांझी जल, जंगल, जमीन और झारखंड आंदोलन के प्रणेता रहे. देवेंद्र मांझी की हत्या के बाद बाजार में सब्जी बेचने वाली जोबा मांझी ने अपने पति के राजनीतिक विरासत को संभाला और राजनीति में शामिल हुई. उसके बाद वह लगातार लगभग5बार मनोहरपुर से विधायक निर्वाचित हुई. एक बार भाजपा के गुरुचरण नायक ने उन्हें चुनाव में हराया था. इसके बाद जोबा मांझी मनोहरपुर की लगातार विधायक रहीं और एकीकृत बिहार से लेकर झारखंड की कई सरकारों में लगातार मंत्री रही. लेकिन हेमंत सोरेन के जमीन घोटाला मामले में जेल जाने के बाद चंपाई सोरेन की सरकार में उन्हें मंत्री नहीं बनाया गया और लोकसभा चुनाव में जोबा मांझी को प्रत्याशी बनाया गया. उसके बाद जोबा मांझी भारी मतों से चुनाव जीत कर सांसद बनी. अब मनोहरपुर विधानसभा क्षेत्र से अंदर खाने में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के चुनाव लड़ने की चर्चा चल रही है और इसको लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चा का माहौल गर्म है. लोकसभा चुनाव जीतने के बाद जोबा मांझी के पुत्र जगत मांझी को भावी विधायक के रूप में देखा जा रहा था. जगत मांझी चुनाव में पूरी मैनेजमेंट,चुनावी प्रचार,पैसा खर्च करने से लेकर सभी काम जगत मांझी ने संभाला था और उन्होंने अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा भी जता दी थी. लेकिन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के चुनाव लड़ने की चर्चा से जोबा मांझी और उनके पुत्र जगत मांझी के विधायक बनने का सपना और मंसूबा पर पानी फिर रहा है. हालांकि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के मनोहरपुर से चुनाव लड़ने को लेकर लोग महज राजनीतिक चर्चा बता रहे हैं. वहीं भाजपा के पास पूर्व विधायक गुरु चरण नायक के अलावा दूसरा और कोई उम्मीदवार नहीं है. जो जोबा मांझी के25वर्षों के राजनीतिक विरासत और झामुमो के गढ़ में चुनौती दे सके. हालांकि दूसरे नाम पर भी चर्चा चल रही है जो मनोहरपुर सीट जीता सके.
वहीं दूसरी ओर चक्रधरपुर विधानसभा क्षेत्र से सुखराम उरांव चुनाव जीते हैं और इस बार भी सुखराम उरांव को टिकट मिलेगा,चुनाव लड़ेंगे. मगर भाजपा में कौन उम्मीदवार होगा,किसे टिकट मिलेगा,कौन चुनाव लड़ेगा, यह अभी तक तय नहीं हो पा रहा है. हालांकि भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और सांसद रहे सर्वमान्य नेता स्वर्गीय लक्ष्मण गिलुवा की पत्नी मालती गिलुवा के नाम पर पार्टी के अंदर चुनाव लड़ाने का विचार चल रहा है. क्योंकि लक्ष्मण गिलुवा सर्वमान्य,जनप्रिय नेता थे और उन्हें आदिवासी,महतो,प्रधान सहित सभी सामान्य लोगों का भारी समर्थन प्राप्त था. इसके कारण वह कई बार चक्रधरपुर से विधायक और सांसद बने थे. सुखराम को लक्ष्मण गिलुवा ने चुनाव में हराया था. वहीं लक्ष्मण गिलुवा को भी सुखराम उरांव ने चुनाव में हराया था और विधायक बने थे. भाजपा स्व. लक्ष्मण गिलुवा की पत्नी मालती गिलुवा को टिकट देकर सुखराम के चुनावी रथ को रोकने की तैयारी में है,अगर मालती गिलुवा को टिकट मिलता है तो भाजपा का पारंपरिक वोट बैंक सहित आदिवासी,महतो,प्रधान एवं सहानुभूति वोट भाजपा को मिलेगा. इसके बल पर चुनावी वैतरणी पार हो सकती है. वहीं भाजपा नेता पूर्व विधायक शशि भूषण सामड भी सक्रिय हैं और उनके नाम पर भी चर्चा चल रही है. कई और नेता भी चुनाव लड़ने और पार्टी का टिकट लेने में जुटे हैं और दावेदारी पेश की हैं. लेकिन स्वर्गीय लक्ष्मण गिलुवा की पत्नी मालती गिलुवा या शशि भूषण को ही टिकट मिलेगा यह तय माना जा रहा है. बता दें कि सुखराम उरांव पूर्व में भाजपा में भी शामिल हुए थे और भाजपा के बाद पुन: झाममो में शामिल हुए. इसी तरह शशि भूषण सामड भी भाजपा में थे,टिकट नहीं मिलने के बाद झामुमो में शामिल हो गए,फिर भाजपा में आए. चुनाव के समय नफा नुकसान देखकर पार्टी बदलना वैसे भी कोई नई बात नहीं है. चक्रधरपुर के विधायक सुखराम उरांव के राजनीति और घोर विरोधी रहे पूर्व सांसद लक्ष्मण गिलुवा के निधन के बाद अब कोई भी नेता सुखराम उरांव के कद का नहीं है. यही कारण है कि भाजपा प्रदेश नेतृत्व और आला कमान लक्ष्मण गिलुवा की पत्नी मालती गिलुवा के नाम पर मंथन कर रहा है,उनका मानना है कि सुखराम का चुनावी विजय रथ मालती गिलुवा ही रोक सकती हैं. मालती गिलुवा को सहानुभूति वोट मिलेगा,जिसके बल पर चुनावी वैतरणी पार हो सके. मालती गिलुवा को भाजपा ने सम्मान भी दिया है और प्रदेश भाजपा महिला मोर्चा में पदाधिकारी बनाया है.
चाईबासा से राजीव सिंह की रिपोर्ट-----