JHARKHAND NEWS : डॉ. उमाशंकर वर्मा वियतनाम की राजधानी हनोई में की द्वितीय अंतरराष्ट्रीय होम्योपैथिक सम्मेलन की अध्यक्षता
NEWS DESK : विश्वविद्यालय अस्पताल, बिरसा कृषि विश्वविद्यालय, रांची के मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी एवं यू एस पॉली क्लिनिक के चीफ एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर एवं यू एस फार्मास्यूटिकल्स के निर्माता निर्देशक डॉक्टर उमाशंकर वर्मा को जर्मन होमियोकेयर फार्मास्यूटिकल्स , मोहन गार्डन,नई दिल्ली के निर्माता सतीश कुमार जी एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुनील कुमार द्विवेदी जी ने वियतनाम की राजधानी हनोई के पांच सितारा होटल फॉर्च्यूना में दिनांक 24 अक्टूबर 2024 को आयोजित की जाने वाली द्वितीय अंतरराष्ट्रीय होम्योपैथिक सेमिनार में अध्यक्षता करने तथा अवार्ड वितरण करने हेतु रांची में आकर आमंत्रित किए थे तथा आग्रह किए थे कि इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन की अध्यक्षता ग्रहण करें तथा चिकित्सकों को अवार्ड वितरण करें. इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में ख्याति प्राप्त वरीय चिकित्सक मुंबई दिल्ली उत्तर प्रदेश बिहार बंगाल झारखंड उड़ीसा के अलावे वियतनाम तथा कुछ अन्य विदेशों से भी आकर भाग लिये. डॉ. वर्मा ने अनुरोध को स्वीकार करते हुए सम्मेलन में भाग लिया तथा सभी 70 चिकित्सकों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया और उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दी.
डॉ. वर्मा आरएमसीएच ,रांची से एमबीबीएस और एमडी की पढ़ाई तो किया ही पटना होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज से होम्योपैथिक की भी डिग्री ले रखे हैं. पूरे झारखंड में डॉक्टर वर्मा अकेले ऐसे चिकित्सक हैं जो एलोपैथिक के चीफ मेडिकल ऑफिसर के पद पर नियुक्त होकर सभी तरह के रोगियों को इलाज तो सफलतापूर्वक करते ही आ रहे हैं होम्योपैथिक विधि से भी एक से एक असाध्य और सुपर स्पेशलाइज्ड बड़े अस्पतालों द्वारा लाइलाज घोषित रोगियों को पूर्णतः चंगा करने में महारत हासिल किए हुए हैं जिसमें एक से एक ब्रेन हेमरेज केसेस, कोरोनरी आर्टरी डिजीज की जटिल रोगियों, किडनी फेलियर रोगी जो डायलिसिस पर थे उन्हें डायलिसिस छुड़ा देना, कठिन से कठिन जोड़ों का दर्द, ओस्टियोआर्थराइटिस रूमेटाइड अर्थराइटिस से स्पॉन्डिलाइटिस सायटिक पेन पीसीओडी यूटेराइन फाइब्रॉयड ट्यूमर बवासीर फीशर पैरालाइसिस,किडनी स्टोन ,गॉलब्लैडर स्टोन सोरायसिस अन्य कठीन चर्म रोग एग्जिमा इनफर्टिलिटी कॉविड की सीरियस मरीजो जैसे बीमारियों का एक नहीं सैकड़ो बीमारियों को ठीक कर चुके हैं. डॉक्टर वर्मा को झारखंड सेवा रत्न अवार्ड ,रांची, राष्ट्रीय सेवा रत्न अवॉर्ड, कांस्टीट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया, रफी मार्ग नई दिल्ली तथा विश्व चिकित्सा सेवा रत्न अवार्ड, नेपाल के गृह मंत्री द्वारा तो दिया ही गया है. झारखंड के प्रथम मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने भी डॉक्टर वर्मा को सम्मानित कर चुके हैं. दैनिक हिंदुस्तान द्वारा प्राईड आफ झारखंड, दैनिक जागरण द्वारा भी डॉ. वर्मा को फर्स्ट हेल्थ एक्सीलेंस अवॉर्ड, आई नेक्स्ट जागरण द्वारा झारखंड एक्सीलेंस अवॉर्ड, जयपुर के भवानी सिंह पीजी कॉलेज में मिलेनियम हेल्थ आईकॉन अवार्ड के अलावा दुबई, बैंकॉक और गोवा ,अंडमान निकोबार दार्जिलिंग जैसे शहरों में भी सम्मानित किया जा चुका है.
डॉक्टर वर्मा ने कोरोना काल में एक ऐसी दवा का फॉर्मूलेशन तैयार किया जिसका नाम रखा UV66 संजीवनी गोल्ड ड्रॉप जो पूर्णतः संजीवनी साबित हुई. कोरोना के विपत्ति काल में हजारों व्यक्तियों की जान बचायी. कोरोना के त्रासदी में जहां सभी देश व विदेश छोटे बड़े सुपर स्पेशलाइज्ड अस्पताल बंद थे और ऐसे भीषण स्थिति में भी डॉक्टर वर्मा ने अपने 12 सदस्यीय मेडिकल टीम के साथ सुबह 10:00 बजे से रात 10:00 बजे तक अपने जीवन को जोखिम में डालकर जटिल से जटिल कोविड मरीज व अन्य जटिल मरीजों की सेवा करते रहे और 35000 से अधिक मरीजों को सफलतापूर्वक इलाज किया जिसमें एक भी रोगी की मृत्यु नहीं हुई. यह एक विश्व रिकॉर्ड है जो शत प्रतिशत सफल रहा है. इन सभी तथ्यों पर ध्यान रखकर कंपनी के मैनेजमेंट ने द्वितीय इंटरनेशनल होम्योपैथिक कॉन्फ्रेंस की अध्यक्षता करने, चिकित्सकों को अवार्ड देने हेतु डॉ. वर्मा से अनुरोध किया था. सर्वप्रथम डॉ वर्मा को स्टेज पर आमंत्रित कर कंपनी के निर्माता निदेशक सतीश जी व मुख्य कार्यकारी निदेशक सुनील कुमार द्विवेदी जी वरीय चिकित्सक रीता जी एवं वरीय चिकित्सक डॉ. संजय कुमार सिंह जी ने डॉक्टर वर्मा को पुष्प गुच्छ देकर सम्मानित किया और तथा होम्योपैथिक का सर्वोच्च अवार्ड हनीमेन अवार्ड से सम्मानित किया गया. उसका तुरंत बाद डॉक्टर वर्मा से निवेदन किया गया कि सम्मेलन में उपस्थित चिकित्सकों को आज कल के परिदृश्य में होम्योपैथिक चिकित्सा विज्ञान पर प्रकाश डालें.
डॉक्टर वर्मा ने अपने संबोधन में होम्योपैथिक के विषय में यह उद्गार व्यक्ति किया कि यह विश्व की द्वितीय सबसे सफल चिकित्सा विज्ञान है. पुराना से पुराना असाध्य रोगों का इलाज व ला इलाज घोषित जटिल रोगों के इलाज में सर्वोत्तम लाभ होते देखा गया है. सभी चिकित्सा विज्ञान अपने आप में बहुत अच्छे हैं. एलोपैथिक जहां इमरजेंसी व आपातकालीन व्यवस्था सर्जरी अन्य लाइफ सेविंग में प्रथम स्थान प्राप्त किया हुआ है. वैसे ही पुराना असाध्य बार-बार होने वाले रोग में होम्योपैथिक सर्वोपरि है. अतः इस पद्धति पर विश्वास के साथ अधिक से अधिक अध्ययन करके और अधिक सफल चिकित्सक बनने की कोशिश करनी चाहिए. इस सम्मेलन में इस समय की चुनौती बने हुए रोग जैसे दिन दोनों रात चौगुना बढ़ाने वाली डायबिटीज हाई बीपी, कोरोनरी आर्टरी डिजीज ब्रेन हेमरेज यूटरिन फाइब्रॉयड , पीसीओडी इरेक्टाइल डिस्फंक्शन और इनफर्टिलिटी मस्कुलर डिस्ट्रॉफी ,डिप्रेशन व मानसिक रोग मेनोपॉउजल सिंड्रोम की परेशानियां विषयों पर रिसर्च पेपर प्रस्तुत किए गए तथा गहन चर्चा की गई. होम्योपैथिक में आधुनिक इलाज तथा एकल मेडिसिन के साथ-साथ कंबाइन मेडिसिन के प्रचलन से संबंध में भी चर्चा की गई.
डॉक्टर वर्मा ने चिकित्सकों में उत्साह भरने के लिए अनेक ऐसे ऐसे जटिल रोगो का वर्णन किया जो सभी जगह से इलाज करा कर हार गए थे और डॉक्टर वर्मा के होम्योपैथिक तरीके के इलाज से पूर्णतः ठीक हो गए, जिसमें दिल्ली के संदीप गुप्ता जिसका ब्रेन कॉलेप्स कर गया था. ब्रेन मैटर पूरी तरलीय पदार्थ में परिवर्तन होकर बरसों तक पूरी तरह कॉमा स्टेज में चले गए थे और अग्रसेन हॉस्पिटल दिल्ली, एम्स नई दिल्ली और अन्य सीनियर मोस्ट डॉक्टर ऐसा कह चुके थे कि जब पूरी ब्रेन ही कॉलेप्स कर गया है तो अब कुछ भी नहीं रहा, बचने की संभावना 0% है, और डॉक्टर वर्मा के कुछ ही दिन के होम्योपैथिक इलाज से ब्रेन का तरलिया स्ट्रक्चर पूरी तरह सही हो गया और संदीप बोलना चलना खाना पीना सब कुछ शुरू कर दिया जो बरसों से पूरी तरह बंद पड़ा था. इसी तरह डॉक्टर सैयद शाकिर अली जिनकी बोलने की आवाज पूरी तरह चली गई थी और और वर्षों तक पूरे इंडिया में स्पेशलिस्ट चिकित्सकों के साथ-साथ इंग्लैंड में भी इलाज काराया और रति भर भी फायदा नहीं हुआ लेकिन डॉक्टर वर्मा के होम्योपैथिक दवाओं के इलाज से दूसरे दिन से फायदा होने लगा और 16 दिन में पूर्णतः स्वस्थ हो गये. आज 24 वर्ष के बाद भी पूर्णतः स्वस्थ हैं. इसी तरह किडनी फेलियर राजन सिंह ,सरवन कुमार, किशोर कुमार वर्मा भागीरथी देवी पूर्णतः स्वस्थ हो गए डायलिसिस छूट गई . ब्रेन हेमरेज में अनेक रोगी जिसमें सिद्धार्थ साहू ,जानकी प्रसाद अजय श्रीवास्तव मेन रोड रांची के सुभान खान पूर्ण ठीक हो गए हैं जिन्हें बड़े अस्पतालों द्वारा लाइलाज घोषित किया जा चुका था. वैसे ही इनफर्टिलिटी के केस में सुनीता देवी चंदा देवी रेणुका देवी पूरे इंडिया में इलाज कर करके हार गए थे. डॉक्टर वर्मा के इलाज से आज 3 बच्चे गोद में है. जिन सबका आईवीएफ भी फेल हो गया था. इसी तरह इस कॉन्फ्रेंस को और सफल बनाने में डॉक्टर चंद्रशेखर वर्मा डॉक्टर बृजेश डॉक्टर अर्चना सूर्यानंद चौधरी, कृष्ण कुमार मौर्य डॉ महावीर शरण डॉक्टर अंजु देवी डॉ सुरेश कुमार डॉ आता रिजवी डॉ ए आर अंसारी, डॉक्टर कन्हैया मौर्य डॉ ज्योति प्रसाद डॉक्टर रितेश डॉक्टर क आजाद डॉक्टर राम प्रकाश रमन जी, तांडव मुंबई के डॉ विशाल डॉक्टर रिता पटना के डॉक्टर समसुल होदा डॉक्टर जिज्ञासु डॉ प्रदीप मिश्रा अपने-आपने एक्सपीरियंस साझा किया. डॉक्टर अर्चना के गाल ब्लैडर की पथरी वाले सभी रोगियों को ठीक करने का श्रेया जाता है जिसे सभी चिकित्सकों ने बहुत सराहा. इस सम्मेलन के आयोजन में सतीश जी सुनील कुमार द्विवेदी जी के व्यवस्था सबो की दिल छू लिया और सब लोगों ने इनकी व्यवस्था को तहे दिल से धन्यवाद दिया. डॉ वर्मा ने सभी चिकित्सकों का मनोबल बढ़ाया. उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दी तथा जर्मन होमियो केयर के औषधियों के विषय में बताया कि यह औषधि करीब-करीब शत प्रतिशत सफल है और यह जर्मन की बनाई हुई दवाइयां से भी अनेक स्थानों पर अधिक सफल पाई गई है. इसका अधिक से अधिक सेवन करना हम भारतीयों को तथा विदेशियों को स्वास्थ्य सुधार में एक कदम आगे ले जाएगा.