श्रीराम के लिए सबसे बड़े दानी बने हनुमान : अयोध्या मंदिर निर्माण में पटना महावीर मंदिर का अहम योगदान,जानें ..
PATNA:-अयोध्या के भव्य राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा 22 जनवरी को होने जा रही है.जिसमें पीएम नरेन्द्र मोदी के साथ ही हजारों साधु-संत और गणमान्य उपस्थित रहेंगे.इस मंदिर के निर्माण में विभिन्न संस्थाओं की तरफ से दान दिया जा रहा है.इस कड़ी में पटना के महावीर मंदिर द्वारा सबसे ज्यादा 10 करोड़ की रकम दी जा रही है.8 करोड़ की रकम दी जा चुकी है और शेष 2 करोड़ की रकम 19 जनवरी को दी जायेगी.इसके साथ ही अयोध्या के अमावा राम मन्दिर की ओर से सोने का तीर-धनुष भी सौंपा जायेगा.
दान में 10 करोड़
बताते चलें कि 9 नवंबर 2019 को श्रीराम जन्म भूमि के पक्ष में सर्वोच्च न्यायालय का फैसला आते ही महावीर मन्दिर की ओर से राम मन्दिर निर्माण में 10 करोड़ रुपये की सहयोग राशि देने की घोषणा हुई थी। इस राशि में से 2 करोड़ रुपये की अंतिम किश्त 19 जनवरी को श्रीराम जन्म भूमि मन्दिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेन्द्र मिश्र को सौंप दी जाएगी। महावीर मन्दिर न्यास के सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि 2020 में जिस दिन श्रीराम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का खाता खुला था, उसी दिन महावीर मन्दिर की ओर से दो करोड़ रुपये की पहली किश्त दी गयी। वर्ष 2021, 2022 और 2023 में लगातार इतनी राशि दी जाती रही। अब अंतिम किश्त के रूप में 2 करोड़ रुपये की सहयोग राशि दी जा रही है। आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि किसी एक संस्था के द्वारा अयोध्या में रामलला के मन्दिर निर्माण में सहयोग के तौर पर 10 करोड़ रुपये देनेवाला महावीर मन्दिर देश का पहला संस्थान है।
स्वर्ण जड़ित तीर-धनुष भी भेंट
आचार्य किशोर कुणाल ने आगे बताया कि अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि के निकट जिस अमावा राम मन्दिर परिसर में महावीर मन्दिर की ओर से राम रसोई चलायी जा रही है, उसके द्वारा रामलला को सोने का तीर-धनुष भेंट किया जाएगा। अमावा राम मन्दिर न्यास के सचिव के तौर पर आचार्य किशोर कुणाल स्वर्ण जड़ित तीर-धनुष श्रीराम जन्म भूमि मन्दिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेन्द्र मिश्र को सौंपेंगे। आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का धनुष जिसे कोदंड के नाम से जाना जाता है, 19 जनवरी को भेंट किया जाएगा। 2.5 किलो वजन का यह तीर-धनुष तांबे के बेस पर स्वर्ण जड़ित है। चेन्नई की एक कंपनी ने विशेष रूप से इसे तैयार किया है। आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि अमावा राम मन्दिर के शिखर के लिए स्वर्ण जड़ित कलश बनवाया गया। इसके लिए भारत सरकार के उपक्रम एमएमटीसी से सोना खरीदा गया था। उसमें से कलश निर्माण के बाद शेष बचे सोने से स्वर्ण जड़ित कोदंड तैयार किया गया है।
20 जनवरी से राम-रसोई दोनों पहर चलेगी
अयोध्या के अमावा राम मन्दिर परिसर में 1 दिसंबर 2019 को विवाह पंचमी के दिन से चल रही राम रसोई 20 जनवरी से दोनों पहर चलेगी। रामलला के दर्शनार्थियों के लिए यह राम रसोई पटना के महावीर मन्दिर द्वारा संचालित की जा रही है। यहाँ राम भक्तों को निःशुल्क 9 प्रकार के शाकाहारी शुद्ध व्यंजन पड़ोसे जाते हैं। बिहारी शैली में भक्तों को पूछ-पूछकर पूरे अपनत्व के साथ खिलाया जाता है। आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि अभी औसतन 4 हजार लोग प्रतिदिन राम-रसोई में निःशुल्क भोजन करते हैं। अभी तक दिन का ही भोजन कराया जाता रहा है। 20 जनवरी से शाम को भी राम रसोई में भक्तों को निःशुल्क स्वादिष्ट भोजन दिया जाएगा। दोनों पहर मिलाकर भक्तों की संख्या 10 हजार प्रतिदिन तक हो सकती है। राम रसोई के माध्यम से महावीर मन्दिर की ख्याति भारत के कोने-कोने तक फैली है।
आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि अब रामलला के नये मन्दिर में विराजमान होने के बाद दर्शन को आने वाले देश-दुनिया के रामभक्त राम रसोई में सुबह-शाम निःशुल्क स्वादिष्ट भोजन का आनंद ले सकेंगे। राम रसोई के लिए न अयोध्या और न ही पटना में कोई आर्थिक सहयोग लिया जाता है। महावीर मन्दिर की आय से यह राम रसोई संचालित की जा रही है।