धनबाद में गलत इलाज से गई एक मरीज की जान : परिजनों ने PMO से की शिकायत, 5 सदस्यीय कमिटी का CS ने किया गठन,जांच जारी

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धनबाद : बड़ी खबर धनबाद से है जहां कोलकुसमा स्थित जे पी अस्पताल में गलत सर्जरी एवं गलत इलाज की वजह से एक हंसता खेलता परिवार से उसका मुखिया छिन गया और 50 वर्षीय राजेश ठाकुर नामक व्यक्ति की मौत हो गई. इसके बाद नाराज परिजनों ने पीएमओ, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय एवं धनबाद उपायुक्त और सिविल सर्जन को शिकायत कर अस्पताल एवं डॉक्टर की मान्यता रद्द कर कार्रवाई की मांग की है.

दरअसल राजेश ठाकुर को पेट दर्द की शिकायत हुई थी और टाटा एआईजी से उन्होंने हेल्थ इंश्योरेंस करवा रखा था. कैशलेस इलाज के चक्कर में उन्होंने जेपी अस्पताल का रूख किया और अस्पताल प्रबंधन ने भी परिजनों से कोई जांच रिपोर्ट की तथ्यों को छुपाते हुए जॉन्डिस की अवस्था में गॉलब्लैडर का स्टोन ऑपरेशन करके निकालने की बात कही और यही राजेश ठाकुर की मौत की वजह बन गई. ऑपरेशन के दौरान परिजनों का आरोप है कि छोटी आंत में डॉक्टर के द्वारा कट कर दी गई और बाद में उसे ठीक नहीं किया गया. इसकी वजह से इंफेक्शन हो गया और हायर सेंटर ले जाने के बाद भी उसके जान को बचाया नहीं जा सका. परिजनों ने आरोप लगाया है कि जिस चिकित्सक ने ऑपरेशन किया है वह भी सेंट्रल गवर्नमेंट का एम्पलाई है और किसी निजी अस्पताल में ऑपरेशन नहीं कर सकता है. पूरे मामले में मृतक के पिता हरेंद्र ठाकुर ने प्रधानमंत्री कार्यालय,केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय, धनबाद उपायुक्त एवं सिविल सर्जन को शिकायत दर्ज कराते हुए जे पी अस्पताल प्रबंधन एवं चिकित्सक डॉ. अनीस गांधी पर कार्रवाई करने एवं उनकी मान्यता रद्द करने की गुहार लगाई है.

वहीं पूरे मामले में जब धनबाद सिविल सर्जन डॉक्टर सी वी प्रतापन से बात की गई तो उन्होंने बताया कि शिकायत के आलोक में पांच सदस्यीय चिकित्सकों की टीम का गठन किया गया है. उनकी अगवाई में जांच चल रही है. फिलहाल एक एनेस्थेटिक की कमी के वजह से जांच की गति थोड़ी धीमी है. लेकिन इस मामले में डॉक्टर की टीम के द्वारा जो रिपोर्ट दिया जाएगा उसके आधार पर अगर अस्पताल प्रबंधन अथवा चिकित्सक दोषी पाया जाता है तो उनके ऊपर विधिसम्मत कार्रवाई जरूर की जाएगी.

आमतौर पर गॉल ब्लैडर में स्टोन होने पर 30 से 35 हजार रुपए में किसी भी निजी अस्पताल में सर्जरी कराई जा सकती है. लेकिन टाटा AIG के साथ अनुबंध होने के कारण अस्पताल प्रबंधन के द्वारा 1 लाख से अधिक की राशि का भुगतान लिया गया. इतना ही नहीं मरीज को जोंडिस है यह बात छुपाते हुए जल्दबाजी में उसके गॉलब्लैडर का ऑपरेशन कर दिया गया और इस दौरान भी चिकित्सक ने गंभीर लापरवाही बरती और आज उसके परिवार का एक अहम सदस्य उसके साथ नहीं है. इतना ही नहीं उन्होंने आरोप लगाया कि जो चिकित्सक केंद्रीय अस्पताल जैसे संस्थान में कार्यरत हो वह निजी अस्पताल में ऑपरेशन कैसे कर सकता है. पूरे मामले की उचित जांच कर कार्रवाई होनी चाहिए और उन्हें न्याय मिलना चाहिए.

धनबाद से कुंदन कुमार की रिपोर्ट-