कांग्रेस का सरना धर्म कोड मामले पर BJP पर हमला : सांसद सुखदेव भगत ने कहा-आदिवासियों के मौलिक अधिकारों का किया जा रहा हनन

Edited By:  |
Reported By:
congress ka sarna dharma code mamle per bjp per hamla congress ka sarna dharma code mamle per bjp per hamla

रांची:कांग्रेस नेता सह लोहरदगा सांसद सुखदेव भगत ने केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा. सांसद ने कहा सरकार पशुओं की गणना करती है, बाघ की गणना करती है लेकिन केंद्र सरकार आदिवासियों को धार्मिक आधार पर पहचान नहीं देना चाहती. सरकार हमारे पाहन,पुजार और धर्मस्थल को महत्व नहीं देना चाहती. आदिवासियों के प्रति घृणा का भाव रखती है.

सरना धर्म कोड के मामले में केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए सांसद सुखदेव भगत ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा आदिवासियों के मौलिक अधिकारों का हनन किया जा रहा है. जनगणना लगातार होता रहा है,जनगणना फॉर्म के कॉलम में अन्य अन्य धर्म का कॉलम था जिसमें पूर्व में90लाख लोगों ने अन्य धर्म का कॉलम दर्ज किया था,इसमें से50लाख लोगों ने सरना धर्म लिखा था लेकिन सुनियोजित षड्यंत्र के तहत आदिवासियों के धार्मिक अस्तित्व को मिटाने के लिए इस बार अन्य का कॉलम हटा दिया गया है. आदिवासी प्रकृति के पुजारी हैं. पूरे देश में आदिवासियों की जनसंख्या15करोड़ है.40लाख जैन धर्मावलंबी,80लाख बौद्ध धर्मावलंबी, दो करोड़ की सिख समुदाय की आबादी है जो अल्पसंख्यक वर्ग से आते हैं. जिनके लिए अलग धर्म का कॉलम है लेकिन विडंबना है कि सरकार ने प्रकृति पूजक आदिवासियों के धार्मिक पहचान आस्था और परंपरा को गौण कर दिया है. कांग्रेस ने2014के घोषणा पत्र में सरना धर्म कोड देने का वादा किया था,कांग्रेस इसके लिए संवेदनशील है. सरना धर्मकोड के बारे में झारखंड विधानसभा में मैंने प्रश्न किया था. भाजपा सरकार खामोश रही.22जुलाई2024को संसद में सवाल किया, सरकार चुप है. सरकार कुंभकरणी नींद में सोई है. सबका साथ सबका विकास की बात करने वाली भाजपा सरकार आदिवासियों का विनाश चाहती है. भाजपा आदिवासी को आदिवासी नहीं बनवासी कहती है. सरना धर्मकोड का संघर्ष जारी रहेगा.

कांग्रेस विधायक दल उप नेता राजेश कच्छप ने कहा कि देश में जातिगत जनगणना की मांग करने पर भाजपा कहती थी जो जाति की बात करेगा उसे लात मिलेगी,लेकिन कांग्रेस के संघर्ष और राहुल जी के अडिग नेतृत्व ने भाजपा सरकार को झुकने पर मजबूर कर दिया. विपक्ष की ताकत के चलते जातिगत जनगणना होगी. अगर देश में जातिगत जनगणना होगी तो उसके पूर्व आदिवासियों को अलग सरना धर्म कोड आवंटित किया जाए. अगर सही से जनगणना होगा तो देश में आदिम जनजाति की संख्या15करोड़ से भी ज्यादा हो सकती है. सोची समझी साजिश के तहत भाजपा द्वारा कुचक्र चलाया गया, उसके तहत अन्य का कॉलम हटाया गया है. भाजपा को देश के आदिवासी कभी माफ नहीं करेंगे. झारखंड सरकार ने विशेष सत्र बुलाकर सरना धर्म कोड बिल पास कर केंद्र के पास भेजा है लेकिन जानबूझकर हमें बैक फुट पर रहकर केंद्र सरकार इसे लागू नहीं करना चाहती है. लेकिन हम फ्रंट फुट पर लगातार इसके लिए लड़ाई जारी रखेंगे. अगर धर्मकोड लागू नहीं करेंगे तो कांग्रेस सड़क से सदन तक भाजपा नेताओं को बेनकाब करेगी.

पूर्व विधायक जयप्रकाश गुप्ता ने कहा कि सरना धर्मकोड की लड़ाई नई नहीं है.पिछले कई वर्षों से यह जारी है. सिर्फ झारखंड ही नहीं पूरे हिंदुस्तान के आदिवासी अपनी धार्मिक पहचान चाहते हैं. कांग्रेस ने आदिवासी हित की लगातार बात की है.5वर्षों से केंद्र सरकार सरना कोड बिल को दबाए बैठी है. सरना कोड लागू करने के लिए किसी प्रकार के संविधान संशोधन की आवश्यकता नहीं है.किसी फंड की आवश्यकता नहीं है सिर्फ कैबिनेट के निर्णय की आवश्यकता है. फिर भी केंद्र करना नहीं चाहती है. आदिवासियों के प्रति उनकी नियत अच्छी नहीं है.

संवाददाता सम्मेलन में प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सोनाल शांति,कमल ठाकुर कार्यालय प्रभारी अभिलाष साहू,राजन वर्मा जिला अध्यक्ष राकेश किरण महतो उपस्थित थे.