CM का गया-बोधगया दौरा 8 सितंबर को : नीतीश कुमार पितृपक्ष मेला की तैयारी की समीक्षा और BTMC भवन का करेंगे उद्घाटन
BODHGAYA:- पितृपक्ष मेला की तैयारी का जायजा लेने बोधगया मंदिर प्रबंधन कमिटि के नए भवन का उद्घाटन करने बिहार के सीएम नीतीश कुमार बोधगया पहुंच रहें हैं.सीएम नीतीश कुमार का कार्यक्रम 8 सितंबर शुक्रवार को निर्धारित है.
मिली जानकारी के अनुसार सीएम नीतीश कुमार विश्व धरोहर महाबोधि मंदिर के प्रबंधकारिणी समिति( बीटीएमसी) के नए भवन का उद्घाटन करने के साथ ही मुचलिंद सरोवर और मोचारीम गांव का जायजा लेंगे ।वे विष्णुपद मंदिर में पूजा अर्चना करने के बाद पिंड वेदियों की व्यवस्था की जानकारी लेगें ।
महाबोधि सांस्कृतिक केंद्र में बैठक
इस दौरे पर सीएम नीतीश कुमार बोधगया स्थित महाबोधि सांस्कृतिक केन्द्र में बैठक भी करेंगे.इसमें पितृपक्ष मेला और पिंडदानियों के लिए की जा रही तैयारियों की समीक्षा करेंगे.
बताते चलें कि गयाजी में विभिन्न राज्यों और विभिन्न देशों से पर्यटक मोक्ष एवं ज्ञान भूमि गया-बोधगया में मृत आत्मा की मुक्ति के लिए पिंडदान करतें हैं .15 दिनों तक आयोजित होने वाले पितृपक्ष मेला के दौरान तीर्थ यात्रियों की बेहतर व्यवस्था के लिए समीक्षा के साथ ही कई तरह के दिशा निर्देश जिला के अधिकारियों को दिया जाएगा। धार्मिक मुख्य नगरी गयाजी में करोड़ों की लागत से तीर्थ यात्रियों के लिए अतिथि भवन का निर्माण करने का बजट पास किया हैं जिस पर नीतीश कैबिनेट ने मुहर लगा दी है. यह लगातार दूसरा वर्ष है जहां गंगाजल से पिंड दानी अपने पूर्वजों को मोक्ष दिलाने के लिए तर्पण करने पहुंचेंगे । जिसकी व्यवस्था मुख्यमंत्री स्वयं अधिकारियों के साथ बैठक कर जानकारी प्राप्त करेंगे । गयाजी की श्रापित फल्गु नदी में पानी इस बार भी नहीं आई है । इस बार भी फल्गु नदी पूरी तरह से सूखी पड़ी है, लेकिन बिहार सरकार के प्रयास से गंगाजल पानी लाया गया है और फल्गु में रबर डैम बनाकर गंगा जल पानी रोका गया है। इस पानी से पिंड दानी अपने पूर्वजों को पिण्ड दान व तर्पण करेंगे ।
28 सितंबर से 14 अक्टूबर तक पितृपक्ष मेला
इस साल पितृपक्ष मेला 28 सितंबर से 14 अक्टूबर तक आयोजित किया जा रहा है.इस मेला के दौरान देश-विदेश का लाखों सनातन धर्मावलंबी अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए गया में पिंडदान और तर्पण करने आतें हैं.गया के विष्णुपद मंदिर समेत महाबोधि मंदिर और अन्य वेदियों पर पिण्ड दान की परंपरा हैं । उन सभी स्थानों पर भी जिला प्रशासन के द्वारा विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं। जिसके लिए लगातार जिला अधिकारी और अन्य पदाधिकारी जायजा लेकर बेहतर कार्य करने के निर्देश विभिन्न विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया गया हैं।