Bihar : बिहार में पंचायतों की बदल रही स्थितियां, मुजफ्फरपुर का एक ग्राम पंचायत दूसरे स्थान पर

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 Changing conditions of Panchayats in Bihar  Changing conditions of Panchayats in Bihar

MUZAFFARPUR :स्थानीय स्तर पर जनता का प्रतिनिधित्व हो, स्थानीय समस्या का सामाधान हो, सरकारी योजनाओं का लाभ वंचित तबके लोगों तक पहुंच सके। इन्हीं मकसदों को लेकर देश में पंचायती राज व्यवस्था कायम किया गया लेकिन अब इसका असर भी देखने को मिल रहा है।

सरकार की योजना का लाभ लेकर मुजफ्फरपुर के कटरा प्रखंड जजुआर मध्य का पंचायत विकास सूचकांक में दूसरे स्थान पर है, जो उम्दा प्रदर्शन कर रही है। इसका डाटा बिहार सरकार पंचायती राज ने जारी किया है।

इस पंचायत के मुखिया कार्यों से उत्साहित होकर कई बार राज्य और केंद्र में सम्मानित भी किया जा चुका है। उन्होंने यह श्रेय पंचायत की जनता को दिया है। बिहार के सिंदूर इलाके में भी जमीनी स्तर पर ना केवल लोकतंत्र मजबूत हुआ बल्कि एक से बढ़कर एक सुविधाएं ग्रामीणों को मिल रही है। अब इसका असर पंचायत विकास सूचकांक में दिख रहा है।

बिहार की पंचायतें उम्दा प्रदर्शन कर रही हैं तभी तो बिहार में कई ऐसी पंचायतें हैं, जहां आपको उन्नत गांव मिल जाएंगे। स्वास्थ्य व्यवस्था गरीबी मुक्त बाल हितैषी स्वच्छ और हरित गाव मिल जाएंगे। पंचायती राज मंत्रालय द्वारा विकसित पंचायत विकास सूचकांक जारी किया गया है। इनमें मुजफ्फरपुर का एक पंचायत शीर्ष पर है।

वैशाली का राजापाकड़ नालंदा का प्रवलपुर और शेखपुरा का शेखोपुर सराय राज्य की तीन शीर्ष समितियां का नाम सामने आया है। वहीं, जहानाबाद जिले के मखदुमपुर प्रखंड का पुनहदा मुजफ्फरपुर कटरा प्रखंड का जजुआर और जहानाबाद के काको प्रखंड का उत्तर सेरथु राज्य की शीर्ष तीन ग्राम पंचायतें हैं। उल्लेखनीय है कि सभी पंचायत समिति एवं ग्राम पंचायतें उम्दा प्रदर्शन कर रही हैं। इसमें स्थानीयकृत सतत विकास लक्ष्य के नौ विषयों पर विचार किया जाता है।

इसमें गरीबी मुक्त और आजीविका, उन्नत गांव, स्वस्थ गांव, बाल हितैषी गांव, जल पर्याप्त गांव, स्वच्छ और हरित गांव, आत्मनिर्भर बुनियादी ढांचा युक्त गांव, सामाजिक न्याय एवं सामाजिक रूप से सुरक्षित गांव, सुशासित गांव एवं महिला हितैषी गांव आदि विषय सम्मिलित हैं।