बोधगया से चोरी हुई दुर्लभ मूर्ति बरामद : कीमत जान रह जाएंगे हैरान, जानें मामला

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गया : बिहार के गया जिले के बोधगया थाना की पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है। बोधगया की पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर अंतरराष्ट्रीय मूर्ति तस्कर गिरोह के पांच सदस्यों को गिरफ्तार किया है। साथ ही पुलिस ने तस्करों के पास से 6 मूर्तियों के अलावा मंदिरों के 4 प्राचीन स्तूप भी बरामद किया हैं।

इस संबंध में गया के सिटी एसपी राकेश कुमार ने एक प्रेसवार्ता के दौरान बताया कि पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि बोधगया के कुछ मूर्ति तस्कर चोरी की मूर्तियों की खरीद-बिक्री करने वाले हैं। जिसके बाद बोधगया डीएसपी के नेतृत्व में एक विशेष टीम का गठन किया गया। टीम द्वारा बोधगया के मस्तपुरा गांव में छापामारी कर मूर्ति तस्कर घूंघर चौधरी को गिरफ्तार किया गया।

पुलिस ने वहां से 2 प्राचीन मूर्ति और 4 स्तूपों के साथ 4 लोगों को भी गिरफ्तार किया। गिरफ्तार मूर्ति तस्कर मूर्तियों की तस्करी के लिए पटना से बोधगया आए थे। उन्होंने बताया कि गिरफ्तार मूर्ति तस्करों के पास से भूमि स्पर्श मुद्रा में बैठे भगवान बुद्धा की चार मूर्तियां, पद्मासन में बैठे भगवान बुद्धा की एक मूर्ति, मथुरा शैली की भगवान बुद्धा के सर की एक मूर्ति, चार मंदिरों के प्राचीन स्तूप, 3 मोबाइल फ़ोन व एक कार बरामद किया गया है। गिरफ्तार मूर्ति तस्करों में सिलाव थाना क्षेत्र के सिमा गांव निवासी मो. शमशाद, बोधगया थाना क्षेत्र के मस्तपुरा निवासी घूंघर चौधरी, पटना जिला के दानापुर उसरी निवासी अमित कुमार, कटिहार जिला के ड्राइवर टोला निवासी अरविन्द दास व नवादा जिला के बुंदेलखंड थानांतर्गत अफजलनगर, पावनवाड़ा निवासी मो. सोनू शामिल है।

गिरफ्तार लोगों से पूछताछ के दौरान पता चला कि सिलाव थाना क्षेत्र के सिमा निवासी मो. इदरीश इससे पहले भी चार बार प्राचीन मूर्तियों की चोरी और डकैती केस में जेल जा चुका है। उसके मोबाइल से कई प्राचीन मूर्तियों की तस्वीर व डिटेल भी पुलिस को मिले है। पूछताछ के दौरान उसने बताया कि वह प्राचीन चोरी की मूर्तियों का कारोबार करता है और उसे नेपाल के रास्ते अंतर्राष्ट्रीय बाजार में भेजता है।

इसके पहले वह वर्ष 2012 से 2019 के बीच फतेहपुर, कतरीसराय, राजगीर व दीपनगर थाना से मूर्ति तस्करी व डकैती के मामले में जेल जा चुका है। वहीं घूंघर चौधरी पिछले 8-10 साल से बोधगया में मूर्ति व पुराने सामानों की दुकान चलता है। इसी दौरान वह वाराणसी के एक मूर्ति तस्कर के संपर्क में आया और मूर्तियों की तस्करी शुरु कर दी। घूंघर चौधरी इससे पहले मुगलसराय, दिल्ली, दाउदनगर और गया में मूर्ति तस्करी के आरोप में जेल जा चुका है।