बिहटा में घायल अवस्था में मिला काला हिरण : डॉक्टरों की लापरवाही से हुई मौत, जानें पूरा मामला

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सही समय पर घायल हिरण को मिलता है इलाज तो शायद उसकी जान बचाई जा सकती थी। ऐसा ही मामला सामने आया जहां पशु चिकित्सा कि बड़ी लापरवाही देखने को मिला । दरअसल पटना जिले के बिहटा थाना क्षेत्र के डुमरी गांव के पश्चिम बधार से सोमवार को जख्मी अवस्था मे एक काला हिरन भटककर आया।जहाँ काले हिरण को कुत्ता ने पीछा कर उन्हें गंभीर रूप से जख्मी कर दिया है।

जख्मी अवस्था मे काले हिरण गांव में भागता देख ग्रामीणों ने हमलावर कुत्तों को खदेड़ काले हिरण को बचाया है जिसके बाद स्थानीय लोगो के सहयोग से काले हिरण को इलाज के लिए स्थानीय प्रखंड पशु चिकित्सालय बिहटा लाया गया लेकिन सुबह 8:30 बजे से पशु चिकित्सालय में तालाबंदी था और ना ही कोई कर्मी मौजूद था जिसके कारण घायल हिरण की जान चली गई।

वही डुमरी के स्थानीय निवासी एवं वार्ड सदस्य चुन्नू कुमार ने बताया कि डुमरी गांव के पश्चिम बधार में सुबह में एक काले हिरण को लोगों ने देखा था जो काफी घायल अवस्था में था घायल अवस्था के कारण कई बार प्रशासन और वन विभाग को फोन के जरिए सूचना दी गई इसके बावजूद भी किसी ने जवाब तक नहीं दिया जिसके कारण हम सभी लोगों ने घायल हिरण को बिहटा प्रखंड के पशु चिकित्सालय लाया लेकिन यहां पर भी डॉक्टर मौजूद नहीं थे जिसके कारण इलाज के अभाव में काले हीरन की मौत हो गई।

वही घटना की पुष्टि करते हुए बिहटा थानाध्यक्ष ऋतुराज सिंह ने बताया की ग्रामीणों द्वारा सूचना मिला को डुमरी गांव में एक घायल हिरण को पकड़ा गया है पकड़े गए हिरण ब्लैक बक के नाम से जाना जाता है जो काफी दुर्लभ प्रजाति की है।जिसे कोई भी आम व खास लोग अपने पास नहीं रख सकते।ये कानूनन दंडनीय अपराध है इसकी जांच की जा रही है कि आखिर एक हीरन भटक कर कहीं से आया है या इसे कोई पाले हुए हैं। हालांकि हिरण की मौत हो चुकी है कई बार वन विभाग को फोन के जरिए सूचना देने का प्रयास किया गया लेकिन वन विभाग की टीम ने ना ही फोन उठाया और ना ही कोई जवाब मिला है फिलहाल आगे कार्रवाई की जा रही है।

गौरतलब हो कि कुछ दिनों पूर्व भी बिहटा थाना क्षेत्र के नया बाजार एवं कटेसर-अमनाबाद गांव के बधार में दुर्लभ काले हिरण (ब्लैक बग ) का तस्करी करने का मामला सामने आया था। ब्लैक बाक हिरन जो दुर्लभ प्रजाति की है जिसको मारना और रखना कानूनी अपराध है ऐसे में ग्रामीणों के द्वारा घायल ब्लैकबक हिरण को अस्पताल ले जाना और अस्पताल में डॉक्टर का नहीं रहना इलाज के अभाव में उसकी मौत हो जाना कहीं न कहीं सरकार के पशु चिकित्सालय पर सवाल करता दिख रहा है ।

इधर बिहटा प्रखंड के पशुपालन विभाग के डॉ स्नेह ने बताया कि मेरा पदस्थापना प्रखंड के लई पशुपालन चिकित्सालय में है जो सप्ताह में तीन दिन बिहटा प्रखंड के पशुपालन विभाग चिकित्सालय में होता है जबकि तीन दिन पशुपालन चिकित्सालय लई में होता है जबकि प्रखंड के पशुपालन चिकित्सालय में जो डॉक्टर नियुक्ति पर है फिलहाल उनका अभी ड्यूटी पटना मुख्यालय में लगी है। कर्मियों की कमी के कारण यह स्थिति है विभाग को कई बार सूचना दी गई इसके बावजूद भी कर्मी की नियुक्ति नहीं की गई है हालांकि उन्होंने बताया कि हिरण की स्थिति काफी खराब थी अगर इलाज भी होता तो उसे पटना रेफर ही करते हैं फिलहाल वन विभाग को सूचना दी गई है।