BIHAR ELECTION 2025 : विधानसभा चुनाव को लेकर माले ने जारी किया परिवर्तन संकल्प पत्र

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पटना: भाकपा माले के संस्थापक नेताओं में शामिल का. राम नरेश राम के 15 वें स्मृति दिवस पर बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए माले ने परिवर्तन संकल्प पत्र जारी किया है.

पटना में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में माले महासचिव का. दीपांकर भट्टाचार्य राज्य सचिव कुणाल, aipwaकी महासचिव मीना तिवारी,आरा के सांसद सुदामा प्रसाद,प्रभात कुमार चौधरी आदि पार्टी नेताओं में यह पत्र जारी किया.

परिवर्तन संकल्प पत्र

बीते दो दशकों से राज्य सत्ता में बैठी भाजपा-जदयू सरकार से राज्य को मुक्त करने का समय आ गया है. विकास के नाम पर विनाश,सुशासन के नाम पर अपराध,लूट व अराजकता,चौपट हो चुकी शिक्षा व स्वास्थ्य व्यवस्था,गरीबी का दुष्चक्र,ऐतिहासिक पिछड़ापन व पलायन,दलितों व महिलाओं के खिलाफ हिंसा,चरम बेरोजगारी - आज के बिहार का यही सच है. छात्र-नौजवान रोजगार और भविष्य की तलाश में पलायन कर रहे हैं,किसान कर्ज और लागत के बोझ तले दबे हैं,और महिलाएं कर्जदारी व असुरक्षा के दोहरे संकट में जी रही हैं. अब यह साफ है कि यह सरकार बिहार को विनाश की ओर धकेल चुकी है.

2020 में कोरोना काल के बीच हुए विधानसभा चुनाव में ही बिहार की जनता ने भाजपा-जदयू से मुक्ति की मंशा जाहिर कर दी थी और बिहार को लगभग बदलाव के मुहाने पर ला खड़ा किया था,लेकिन तब हम बहुत मामूली अंतर से सरकार बनाने से चूक गए थे. भाकपा(माले) ने इस जनभावना से नयी ऊर्जा ग्रहण की और पिछले 5 बरसो से संघर्षकारी ताकतों की व्यापक एकजुटता कायम करते हुए बिहार में बदलाव की मुहिम आगे बढ़ाने का लगातार प्रयास करती रही.

2020 में हमारे जीते हुए सभी 12 विधायकों ने सदन से लेकर सड़क तक हर दमन-उत्पीड़न के खिलाफ मुखर आवाज उठाई. विधानसभा के अंदर हर जरूरी सवाल पर हस्तक्षेप किया और सरकार को कटघरे में खड़ा किया. जब नीतीश कुमार महागठबंधन में आए,तो उस 17 महीने की अल्पावधि में भी सरकार व जनता के बीच माले विधायकों ने एक पुल के रूप में काम किया. जनता की आवाज को सदन तक और सदन के निर्णयों को जनता तक पहुंचाने की जो जिम्मेदारी लोकतांत्रिक राजनीति में होनी चाहिए,उसे हमने बखूबी निभाया है.

महागठबंधन की सरकार के दौरान हुए सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण ने बिहार की भयावह स्थिति उजागर की. तकरीबन 95 लाख परिवार महागरीबी रेखा के नीचे पाए गए. इन परिवारों को नीतीश कुमार ने 2-2 लाख रु. सहायता देने की घोषणा की थी,लेकिन शायद ही आज तक एक आदमी को भी यह पूरी राशि मिली हो. 2 लाख रु. सहायता राशि,आरक्षण का दायरा 65 प्रतिशत करने,सामंती हिंसा पर रोक लगाने,गरीबों के वास-आवास आदि सवालों पर पार्टी ने‘हक दो-वादा निभाओ’अभियान की शुरूआत की और राज्य के प्रखंड मुख्यालयों पर धारावाहिक आंदोलन चलाए.

विधानसभा का कार्यकाल पूरा होने पर माले के विधायकों ने अपने पांच साल के कार्यकाल का रिपोर्ट कार्ड जनता के सामने रखा. यह बिहार की राजनीति में एक नयी तरह की बात जरूर है,लेकिन यह राजनीतिक पारदर्शिता,सुचिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने की पार्टी की प्रतिबद्धता को दर्शाता है. जनता के प्रति जवाबदेही हमारी राजनीति की मूल पहचान है और यही हमारी ताकत भी है.

बदलाव की इस आकांक्षा को आकार देने के लिए‘बदलो बिहार अभियान’के तहत पदयात्राओं से लेकर महाजुटान तक तमाम आन्दोलानात्मक पहलकदमियां ली गईं. इस अभियान के जरिए हमने बिहार के कोने-कोने में जाकर मजदूरों,किसानों,नौजवानों,महिलाओं,दलितों,वंचितो,स्कीम वर्करों की आवाज को एक साझा स्वर में पिरोया. बिहार में चल रहे तमाम जनांदोलनों को एक साझा मंच पर लाने का काम भी किया,ताकि सामाजिक न्याय,आर्थिक समानता और लोकतांत्रिक अधिकारों के लिए एक व्यापक संघर्ष खड़ा किया जा सके.

देश के पैमाने पर बने इंडिया गठबंधन को आकार देने और धरातल पर मजबूत करने के अभियान को भाकपा(माले) ने पूरी ताकत से चलाया है. क्योंकि हम मानते हैं कि भाजपा-आरएसएस के फासीवादी निजाम को हराना लोकतंत्र और संविधान को बचाने की सबसे पहली शर्त है.

विधानसभा के इस चुनाव में बहुत कम - केवल 20 सीटों पर - लेकिन पूरी मजबूती और प्रतिबद्धता के साथ भाकपा(माले) चुनाव लड़ रही है. इंडिया गठबंधन के साथ चुनाव लड़ते हुए हमारा दृढ़ संकल्प है कि बिहार के गरीबों,दलितों,वंचितों,महिलाओं,अल्पसंख्यकों और युवाओं के हक-अधिकार के लिए पूरी मजबूती से खड़े रहेंगे. हम जानते हैं कि हमारे संघर्ष का केंद्र न सिर्फ विधानसभा की सीटें हैं,बल्कि बिहार की जनता की आवाज,उम्मीद और उनके अधिकार हैं.

इंडिया गठबंधन के साझा संकल्प पत्र के साथ ही भाकपा(माले) का यह परिवर्तन संकल्प पत्र हम आपके हाथों में सौंप रहे हैं,जो तमाम संघर्षशील,मेहनतकश तबकों के बेहतर भविष्य के लिए,बिहार के परिवर्तन के संकल्प का दृष्टिपत्र है. यह संकल्प पत्र एक नये बिहार की परिकल्पना है - ऐसा बिहार जो समानता,शिक्षा,रोजगार,न्याय और मानवीय गरिमा पर टिका होए ऐसा बिहार जो अपनी युवा शक्ति के बल पर आगे बढ़े.

भाकपा(माले) का यह संकल्प है कि हम गरीबों,दलितों,अल्पसंख्यकों,वंचित तबकों,किसानों,मजदूरों,छात्रों और नौजवानों की आवाज बनकर सत्ता की हर अन्यायपूर्ण दीवार को चुनौती देंगे. यह चुनाव हमारे लिए सिर्फ सत्ता बदलने का अवसर नहीं,बल्कि बिहार की दिशा और दशा बदलने का ऐतिहासिक मौका है.

यह संकल्प पत्र बिहार के मेहनतकश,भूमिहीन,किसान,मजदूर,महिला,युवा,दलित,वंचित,अल्पसंख्यक और आदिवासी समाज के अधिकारों और सम्मान की गारंटी का दस्तावेज है.

हम संकल्प लेते हैं कि

बिहार को न्याय,समानता और लोकतंत्र की सशक्त नींव पर खड़ा करेंगे,ताकि विकास का लाभ वंचित समुदाय तक पहुंचे

भूमिहीनों और बेघरों को न्याय

हर भूमिहीन और बेघर परिवार को ग्रामीण क्षेत्रों में 5 डिसमिल,शहरी इलाकों में 3 डिसमिल जमीन और पक्का मकान

बंदीपाध्याय आयोग की सिफारिशें लागू कर 21 लाख एकड़ जमीन का वितरण

गैर-मजरूआ और सरकारी जमीनों पर बसे गरीबों को पर्चा और दखल-दिहानी की गारंटी

बिना पुनर्वास किसी गरीब को उजाड़ने पर रोक

किसान,बटाईदार और कृषि समृद्धि

सभी फसलों की सरकारी खरीद और उचित दाम की गारंटी

किसानों और ग्रामीण मजदूरों के कर्ज माफ

खेती के लिए मुफ्त बिजली,हर खेत तक पानी और नहरों का आधुनिकीकरण

बटाईदारों को पहचान-पत्र,हक की गारंटी और बेदखली पर रोक

एपीएमसी एक्ट की बहाली,कृषि बाजार समितियों को पुनः सक्रिय किया जाएगा

कृषि आधारित उद्योग-धंधों पर जोर

सामाजिक समानता और न्याय

वंचित समुदायों को कुल 65 प्रतिशत आरक्षण और इसे 9वीं अनुसूची में दर्ज कराने की पहल

बिजली,राशन और पेंशन जैसी बुनियादी जरूरतों की गारंटी

दलित-गरीबों पर हिंसा,पुलिसिया ज्यादती और भ्रष्टाचार पर सख्त कार्रवाई

1500 रु. वृद्धावस्था पेंशन,2 लाख रुपए तक के सभी कर्जो की माफी

श्रमिकों और स्कीम वर्करों को सम्मान

सभी आशा,ममता,रसोइया,जीविका,सफाईकर्मी और नियोजन कर्मियों को न्यूनतम मानदेय व सरकारी दर्जा

मनरेगा में 200 दिन काम,600 रु. दैनिक मजदूरी

पुरानी पेंशन योजना (व्च्ै) बहाल की जाएगी

प्रवासी मजदूरों की सुरक्षा के लिए निदेशालय व राज्यवार सहायता केंद्र

युवा और शिक्षा

सभी रिक्त पदों पर तत्काल बहाली,बेरोजगारों को 3000 रु. मासिक भत्ता

समान शिक्षा प्रणाली और निजी शिक्षा पर नियंत्रण

पेपर लीक पर सख्त कानून और छात्रवृत्ति राशि में वृद्धि

हर प्रखंड में महिला कॉलेज और छात्राओं के लिए मुफ्त शिक्षा

पटना विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा दिलाने की पहल

महिलाओं के अधिकार और सम्मान

सभी महिलाओं को 2500 रु. मासिक सम्मान राशि

हिंसा,उत्पीड़न और ऑनर क्राइम पर सख्त रोक

कार्यस्थलों पर विशाखा गाइडलाइन का पालन और महिला हॉस्टल की व्यवस्था

माइक्रोफाइनेंस शोषण पर नियंत्रण और गरीब महिलाओं के कर्ज माफ

स्वरोजगार के लिए ब्याजमुक्त ऋण और मातृत्व अवकाश की गारंटी

अल्पसंख्यक,आदिवासी और पर्यावरण

अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा,वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा और सच्चर कमेटी की सिफारिशों पर अमल

सांप्रदायिक हिंसा और हेट स्पीच पर त्वरित कार्रवाई

आदिवासियों को वनाधिकार,पेसा कानून के तहत स्वशासन और विस्थापन से सुरक्षा

बाढ़दृसुखाड़ नियंत्रण के लिए टिकाऊ समाधान और अवैध खनन पर रोक

स्वास्थ्य और जनसेवा

स्वास्थ्य सेवाओं में 40 प्रतिशत रिक्तियों की बहाली,सभी के लिए मुफ्त इलाज,जांच और दवा

हर पंचायत में डॉक्टर और दवा के साथ सुसज्जित स्वास्थ्य केंद्र

हर गांव में शुद्ध पेयजल और सफाई व्यवस्था

छोटे दुकानदार,स्टार्टअप और विकलांग जन

फुटपाथ दुकानदारों की आजीविका की सुरक्षा और वेंडिंग जोन की गारंटी

छोटे व्यवसायों और स्टार्टअप्स को आसान कर्ज व मार्गदर्शन सहायता

सभी विकलांग जनों को घ्3000 मासिक पेंशन और मुफ्त राशन

सुसंगत शासन और संविधान की सुरक्षा

शराबबंदी कानून की समीक्षा और न्यायपूर्ण नीति

संविधान विरोधी या संघीय ढांचे के खिलाफ किसी कानून को बिहार में लागू नहीं होने देंगे

महंगाई पर नियंत्रण

यह संकल्प पत्र न्याय,समानता और लोकतंत्र पर आधारित बिहार के निर्माण की गारंटी का दस्तावेज है!

भाकपा(माले) के 20 प्रत्याशियों को झंडा पर तीन तारा के सामने वाला बटन दबा कर अपना सहयोग और वोट दीजिये,जनता के हक-अधिकार,संविधान,लोकतंत्र की सबसे मुखर,सबसे प्रतिबद्ध आवाज को मजबूत कीजिये,इंडिया गठबंधन की सरकार बनाइये!

पटना से अंकिता की रिपोर्ट--