BIHAR ELECTION 2025 : सीएम नीतीश ने एक बार फिर एक्स पर पोस्ट कर 2005 से पहले के बिहार के बारे में बताया

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पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बार फिर से 2005 के पहले के बिहार की हालत बताई है. मुख्यमंत्री ने एक्स पर लिखा है 2005 से पहले राज्य हर क्षेत्र में पिछड़ गया था.

उन्होंने लिखा हैआप सभी को पता है वर्ष2005से पहले बिहार में बिजली की क्या हालत थी?पूरा प्रदेश अंधेरे में डूबा रहता था. राज्य के गांवों की बात तो दूर,राजधानी पटना में मुश्किल से लोगों को7से8घंटे ही बिजली मिल पाती थी. कभी-कभी रात में बिजली आने पर सोये हुए लोग जल्दी से उठकर पानी का मोटर चलाने के लिए दौड़ पड़ते थे क्योंकि लोगों को यह भरोसा नहीं रहता था कि बिजली फिर कितने घंटे बाद आयेगी. बिजली के खंभों पर जो तार थे,वह भी बेहद जर्जर अवस्था में थे. ट्रांसफार्मर जले रहते थे. राज्य के ग्रामीण इलाकों में नहीं के बराबर बिजली की आपूर्ति होती थी. ऐसे में खंभों पर बिजली की तारों को लोग कपड़े सुखाने के उपयोग में लाते थे. थोड़ी-बहुत बिजली की आपूर्ति होती भी थी,तो इतना कम वोल्टेज होता था कि बल्ब भी ठीक से नहीं जल पाते थे.

वर्ष2005से पहले राज्य में बिजली की अधिकतम आपूर्ति700मेगावाट तक होती थी,जबकि राज्य में बिजली का उत्पादन नगण्य था. किसानों के लिए बिजली की कोई व्यवस्था नहीं थी. कृषि कार्य के लिए कोई डेडिकेटेड फीडर नहीं थे. बिजली के अभाव में उद्योग-धंधे दम तोड़ चुके थे एवं राज्य का आर्थिक विकास पूरी तरह थम गया था.

बिजली आपूर्ति की बात तो दूर,राज्य के हजारों गांवों तक तो बिजली पहुंची ही नहीं थी. किसानों के खेत सूखे पड़े रहते थे,कारखाने बंद थे,और युवाओं के सपने अंधेरे में खो जाते थे. वो दौर केवल बिजली की कमी का नहीं था,वो दौर था बदइंतज़ामी का,लापरवाही का और ऐसी सरकार का,जिसने न कभी योजना बनाई,न नीयत दिखाई.

आपको जानकर आश्चर्य होगा कि वर्ष2005में राज्य में प्रति व्यक्ति बिजली की खपत मात्र75यूनिट थी तथा उपभोक्ताओं की संख्या मात्र17लाख31हजार थी. ऐसे में बिजली से सरकार को राजस्व भी बहुत कम मिल पाता था. राज्य में सौर ऊर्जा की भी व्यवस्था नहीं थी तथा राज्यवासी पूरी तरह से लालटेन युग में जीने को मजबूर थे. राज्य में बिजली की स्थिति बदतर थी,ऊपर से तत्कालीन सरकार की प्रशासनिक अक्षमता के कारण बिजली की चोरी आम बात थी.

24नवंबर2005को राज्य में जब हमलोगों की सरकार बनी तो बिजली व्यवस्था में सुधार के संकल्प के साथ अनेक कार्य किए गए. विद्युत आपूर्ति,बिजली का उत्पादन तथा पावर ट्रांसमिशन प्रणाली आदि को प्राथमिकता के आधार पर ठीक किया गया. ग्रामीण विद्युतीकरण की दिशा में कई कदम उठाये गये. हमारी सरकार बिजली-व्यवस्था में सुधार के लिए लगातार प्रयासरत रही.15अगस्त2012को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पटना के गांधी मैदान में मैंने कहा था कि‘हम बिजली की स्थिति सुधारेंगे. अगर बिजली की स्थिति में हम सुधार नहीं लायेंगे तो2015के चुनाव में मैं वोट मांगने लोगों के बीच नहीं आऊंगा’. इसके लिए31अक्टूबर2012को तत्कालीन बिहार राज्य विद्युत बोर्ड को समाप्त कर5विद्युत कंपनियां बनायीं गयीं तथा बिजली के क्षेत्र में संरचनात्मक सुधार किये गये.

हमारी सरकार ने वर्ष2015में‘हर घर बिजली‘निश्चय की शुरुआत की,जिसके तहत निर्धारित समय के दो माह पूर्व ही अक्टूबर2018में सभी इच्छुक घरों को विद्युत कनेक्शन दे दिया गया. इस काम को पूरा करने के लिए बड़े पैमाने पर आधारभूत संरचनाओं का निर्माण किया गया. बड़ी संख्या में नये ग्रिड उपकेंद्र तथा नये विद्युत शक्ति उपकेंद्रों की स्थापना की गयी. साथ ही नये ट्रांसफार्मर एवं तार लगाये गये.

किसानों के खेत तक सस्ती बिजली पहुंचाने के लिए डेडीकेटेड कृषि फीडर का निर्माण कराया गया है. किसानों को अनुदानित दर पर मात्र55पैसे प्रति यूनिट की दर से सस्ती बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है तथा कृषि के लिए निःशुल्क विद्युत कनेक्शन दिये गये हैं. इसके लिए हमारी सरकार ने वर्ष2024-25में4हजार395करोड़ रूपये का अनुदान दिया है.

राज्य के सरकारी एवं निजी भवनों पर सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने की व्यवस्था की गयी है तथा राज्य भर में सोलर पावर प्लांट लगाये जा रहे हैं. आज शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में24घंटे निर्बाध बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित हो सकी है. अब राज्य में बिजली की अधिकतम आपूर्ति700मेगावाट से बढ़कर8हजार मेगावाट से भी ज्यादा हो गयी है तथा बिजली उत्पादन क्षमता540मेगावाट से बढ़कर8हजार850मेगावाट से भी अधिक हो गयी है. प्रति व्यक्ति ऊर्जा की खपत5गुणा से भी ज्यादा बढ़कर363यूनिट हो गयी है तथा विद्युत उपभोक्ताओं की संख्या12गुणा से भी ज्यादा बढ़कर करीब सवा दो करोड़ हो गयी है. राज्य में फिलहाल ग्रिड उपकेंद्रों की संख्या चार गुणा बढ़कर172हो गयी है,जबकि विद्युत शक्ति उपकेंद्रों की संख्या तीन गुणा बढ़कर1हजार260हो गयी है. बिजली वितरण ट्रांसफार्मर की संख्या10गुणा बढ़कर3लाख50हजार हो गया है. विद्युत संचरण लाइन की कुल लंबाई3गुणा बढ़कर20हजार किलोमीटर से भी अधिक हो गयी है,जबकि33केवी वितरण लाइन की लंबाई3गुणा बढ़कर19हजार किलोमीटर हो गयी है.

राज्य के नागरिकों पर बिजली बिल का भार कम पड़े इसके लिए हमलोग शुरू से ही उपभोक्ताओं को अनुदानित दर पर बिजली उपलब्ध करा रहे हैं. इसके लिये वर्ष2024-25में बिजली उपभोक्ताओं को राज्य सरकार द्वारा15हजार343करोड़ रुपये का विद्युत अनुदान दिया गया है. इस अनुदान के अतिरिक्त अब तो हमारी सरकार राज्य के सभी घरेलु उपभोक्ताओं को125यूनिट तक मुफ्त बिजली दे रही है,जिसका फायदा हर बिहारवासी को मिल रहा है. हमलोगों ने यह भी तय किया है कि अगले तीन वर्षों में सभी घरेलू उपभोक्ताओं से सहमति लेकर उनके घर की छतों पर अथवा नजदीकी सार्वजनिक स्थल पर सौर ऊर्जा संयंत्र लगाकर लाभ दिया जाएगा.

हमारी सरकार ने बिजली के क्षेत्र में बिहार को आत्मनिर्भर बनाकर ‘ऊर्जस्वित बिहार‘ के संकल्प को पूरा किया है. इसे याद रखियेगा. आगे भी हमलोग ऐसे ही काम करते रहेंगे. हमलोग जो कहते हैं, उसे पूरा करते हैं. राज्य के चहुंमुखी विकास के लिए हम निरंतर कार्य करते रहेंगे. अब बिहार का भविष्य रोशनी से भरा है. हमलोगों ने बिजली के क्षेत्र में इतना काम कर दिया है कि अब लालटेन युग कभी नहीं लौटेगा.