अफीम की खेती पर ड्रोन की नजर : मिनी अफगान चतरा से अफीम की खेती खत्म करने का शुरू हुआ अभियान

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AFIM KI KHETI PER DRONE KI NAZAR AFIM KI KHETI PER DRONE KI NAZAR

CHATRA : अब अफीम और पोस्ता की खेती को रोकने के लिए ड्रोन कैमरे का सहारा लिया जा रहा है ताकि सुदुररवर्ती इलाके में हो रही खेती का समय रहते पता लगाया जा सके और उस पर कार्रवाई की जा सके।इस दिशा में झारखंड की चतरा पुलिस ने अफीम की खेती की खोज ड्कारोन के जरिए शुरू कर दी है।

चतरा एसपी राकेश रंजन ने बताया कि पुलिस जमीनी स्तर पर नजर रखने के साथ-साथ अब हवाई मार्ग से भी तस्करों की गतिविधियों पर नजर बनाये हुये है। सुदुरवर्ती क्षेत्र में ड्रोन से पोस्ता की खेती पर निगहबानी शुरू कर दी गई है। इसके तहत वैसे क्षेत्रों को चिन्हित किया गया है जहां पहले पोस्ता और अफीम की खेती हो रही है अथवा जहां इसकी खेती की सूचना मिल रही है। इसके अलावे वैसे इलाकों का भी चयन ड्रोन से निगरानी के लिए किया गया है जहां भौगोलिक संरचनाओं और नक्सल गतिविधियों के कारण पुलिस का पहुंचना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन सा होता था।

मिनी अफगान के नाम से प्रसिद्ध है चतरा

झारखंड के चतरा पलामू सीमावर्ती बिहार के गया में अफीम की खेती बहुतायत मात्रा में की जाती है इसलिए चतरा को अफीम के खेती के लिए मिनी अफगान कहा जाता है।एसपी ने बताया कि इन क्षेत्रों में संबंधित थाना के पुलिस अधिकारी और जवानों के द्वारा ड्रोन से जंगली इलाकों में पोस्ता की खेती की तलाशी ली जा रही हैं। अगर कहीं खेती ड्रोन के नजरों में कैद हुई तो न सिर्फ खेती को नष्ट किया जाएगा, बल्कि उस क्षेत्र के जनप्रतिनिधि, चौकीदार या फिर वन विभाग के कर्मियों के विरुद्ध कानूनी करवाई की जाएगी। एसपी ने कहा है कि चतरा पुलिस प्रतिबंधित मादक पदार्थों की तस्करी और खेती पर नकेल कसने को लेकर पूरी तरह मुस्तैद है अफीम और पोस्ता की खेती के लिए मिनी अफगान के रूप में चिन्हित चतरा को इस उपमा से छुटकारा दिलाना है। तस्कर इस बार पोस्ता की खेती और अफीम, ब्राउन शुगर जैसे जानलेवा मादक पदार्थो की तस्करी ना कर सके इसे लेकर पुलिस ने पूरी तरह कमर कस लिया है।इसलिए पुलिस इस बार पोस्ता उन्नमूलन अभियान के साथ-साथ टेक्नोलॉजी का भी सहारा ले रही है ।

इसे लेकर चतरा पुलिस ने व्यापक पैमाने पर न सिर्फ ड्रोन कैमरे की खरीदारी की है बल्कि अधिकारियों और जवानों को भी ड्रोन संचालन को लेकर विशेष तौर पर प्रशिक्षित भी किया है। गौरतलब है कि चतरा जिला जंगलों और पहाड़ों से घिरा है। जिले के हंटरगंज, प्रतापपुर, कुंदा, लावालौंग, सिमरिया, पत्थलगड़ा, गिद्धौर, राजपूर व चतरा सदर प्रखंड के ज्यादातर ग्रामीण इलाके घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों की श्रेणी में आते हैं। जहां अफीम तस्कर जंगली इलाकों में नक्सलियों के सहयोग से अवैध पोस्ता की खेती कर यहां के लोगों को सफेद जहर के कारोबार में संलिप्त कर न सिर्फ बर्बाद कर रहे हैं, बल्कि रातो रात अमीर बनने के सपने भी दिखाकर उनका भविष्य तबाह करने में जुटे हैं।

जंगली क्षेत्रो में ड्रोन उड़ाकर अभियान की हुई शुरुआत

एसपी के निर्देश पर चतरा पुलिस ने पोस्ता की खेती करने वालों के खिलाफ अभियान की शुरुआत करते सदर थाना क्षेत्र के सुदूरवर्ती गमहारतरी व कई गांवों में ड्रोन कैमरे से निगाहबानी शुरू कर अभियान को गति दे दी है। अभियान का नेतृत्व पुलिस निरीक्षक सह थाना प्रभारी लव कुमार ने किया। इस दौरान थाना प्रभारी ने ग्रामीणों को पोस्ता-अफीम की खेती से होनेवाले दुष्परिणाम के बारे में भी जागरूक किया।


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