आजसू का राज्य सरकार पर हमला : लंबोदर महतो ने झारखंड सरकार को OBC विरोधी बताया

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रांची : राजधानी रांची के हरमू स्थित आजसू के केंद्रीय कार्यालय में पार्टी के पूर्व विधायक लंबोदर महतो एवं वरिष्ठ नेता प्रवीण प्रभाकर ने संयुक्त रुप से प्रेस वार्ता करते हुए वर्तमान झारखंड सरकार को ओबीसी विरोधी बताया एवं पिछड़ी जातियों के अधिकारों का हनन होने की बात कही है.

पूर्व विधायक ने बताया कि झारखंड राज्य में लगभग 55% पिछड़ी जाति की आबादी है एवं वर्तमान राज्य सरकार पिछड़ी जातियों के हक और अधिकार का हनन करने का काम करती है. झारखंड सरकार ने हलफनामे के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट में यह दाखिल किया है कि झारखंड में जो भी चुनाव कराया जाएगा वह ट्रिपल टेस्ट कराए जाने के बाद. परंतु इस बात को लेकर लगभग 3 साल बीत चुका है परंतु वर्तमान राज्य सरकार ट्रिपल टेस्ट अब तक नहीं कर पाई है. जिस कारण वर्तमान राज्य सरकार पिछड़ों को आरक्षण देने में सफल नहीं रही है. पर जब एनडीए शासित बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व वाली सरकार थी तब एसटी,एससी एवं ओबीसी को 73% आरक्षण देने को लेकर कानून भी बनाया गया एवं इस विधायक का आजसू सहित सभी घटक दलों ने समर्थन भी किया. परंतु वर्तमान राज्य सरकार की नियत और नीति में खोट है. इसके कारण पिछड़ों को 27% आरक्षण देने के विधेयक पर संविधान के नवमी अनुसूची में शामिल होने की पेंच फंसा दिया. संविधान के अनुसूची में कानून को शामिल किया जाता है पिछड़ों को 27% आरक्षण देने के विधायक को कानून के रूप में वर्तमान राज्य सरकार को पारित करना चाहिए और लागू करना चाहिए. उसके बाद केंद्र सरकार के पास संविधान के नवमी अनुसूची में संरक्षित करने के लिए भेजना चाहिए.