22 हजार शिक्षकों की गई नौकरी : पटना हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, बीएड डिग्री धारी प्राथमिक शिक्षक के योग्य नहीं

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22 thousand teachers were given jobs in bihar B.Ed degree holder not eligible for primary teacher 22 thousand teachers were given jobs in bihar B.Ed degree holder not eligible for primary teacher

पटना : बीएड डिग्री धारक प्राथमिक शिक्षकों को पटना हाईकोर्ट से तगड़ा झटका लगा है। हाईकोर्ट ने बुधवार को बिहार प्राथमिक शिक्षक पद पर पिछले 2 वर्षों से नियुक्त बीएड डिग्री धारक नियोजित शिक्षकों (छठे चरण) को नौकरी से हटाने का फैसला सुनाया है। कोर्ट के इस फैसले से अब लगभग 22 हजार शिक्षकों को सेवामुक्त होना पड़ सकता है जो पिछले करीब दो वर्षों से नियोजित शिक्षक के रूप में सेवाएं दे रहे थे।


जानकारी मिल रही है कि 2022 में छठे चरण में 42 हजार नियोजित शिक्षक बहाल हुए थे। इसमें एक से पांच वर्ग तक के लिए 22 हजार नियोजित शिक्षक बहाल हुए थे। इसके पहले 2 दिसंबर को हाईकोर्ट ने बी.एड शिक्षकों के मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया गया है। अब कोर्ट के फैसले से 22 हजार प्राथमिक शिक्षकों पर गाज गिर गई है।

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पटना हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के आलोक में ये स्पष्ट किया है कि राज्य में प्राथमिक वर्गों( कक्षा एक से पांच) में बी एड डिग्रीधारक शिक्षक के रूप में नियुक्त नही होंगे। चीफ जस्टिस के वी चंद्रन व जस्टिस राजीव रॉय की खंडपीठ ने ललन कुमार व अन्य द्वारा बड़ी संख्या में दायर याचिकाओं पर सुनवाई की। कोर्ट ने ये स्पष्ट किया कि प्राथमिक कक्षाओं में डी एल एड डिग्री प्राप्त शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी।

कोर्ट ने कहा कि रिट याचिकाओं को इस निष्कर्ष के साथ स्वीकार किया जाता है कि 'एनसीटीई' द्वारा जारी दिनांक 28.06.2018 की अधिसूचना अब लागू नहीं है और बीएड उम्मीदवारों को प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों के रूप में नियुक्ति के लिए पात्र नहीं माना जा सकता है। कोर्ट ने कहा कि जो नियुक्तियां की गई हैं, उन पर नए सिरे से काम करना होगा और मूल के अनुरूप ही योग्य उम्मीदवारों को नियुक्त करना होगा।


साथ ही कोर्ट ने कहा कि वर्ष 2010 की एनसीटीई की अधिसूचना को केवल उसी पद पर जारी रखा जा सकता है जिस पद पर उन्हें नियुक्त किया गया है। राज्य यह भी निर्णय लेगा कि क्या इस तरह के पुनर्कार्य पर रिक्त होने वाले पदों को प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों के रूप में नियुक्ति के लिए पात्र उम्मीदवारों से राज्य के पास उपलब्ध मेरिट सूची से भरा जाएगा। ऐसे में बीएड डिग्री धारक नियोजित शिक्षकों (छठे चरण) को कोर्ट के इस फैसले से बड़ा झटका है. करीब 22 हजार प्राथमिक शिक्षकों को इस फैसले से अब नौकरी से हाथ धोना पड़ सकता है।