बिहार के स्कूलों में 100 दिवसीय विशेष अभियान : छात्रों की बुनियादी क्षमताओं को मजबूत करने के लिए चलेगा स्पेशल मिशन, शिक्षा विभाग का बड़ा कदम

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 100 day special campaign in schools of Bihar  100 day special campaign in schools of Bihar

PATNA : बिहार के प्राथमिक शिक्षा विभाग ने राज्य के स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। कक्षा 1 से 8 के छात्रों की पढ़ाई और गणितीय कौशल को मजबूत बनाने के लिए 100 दिवसीय अभियान शुरू किया गया है।

दरअसल, हाल ही में राज्य के 1000 विद्यालयों के 25,000 छात्रों का आकलन किया गया। यह पाया गया कि छात्र पाठ्यपुस्तक को धाराप्रवाह नहीं पढ़ पा रहे हैं। गणितीय प्रश्नों जैसे जोड़, घटाव, गुणा और भाग में कठिनाई हो रही है। इस कमी को दूर करने के लिए शिक्षा विभाग ने एक संगठित अभियान शुरू करने का फैसला लिया है।

अभियान के मुख्य बिंदु:

दैनिक अभ्यास :हर स्कूल में पहली घंटी में छात्रों को बुनियादी गणित सिखाने का सत्र आयोजित होगा। दूसरी घंटी में छात्रों को पाठ्यपुस्तक पढ़ाने पर ध्यान दिया जाएगा।

साप्ताहिक मूल्यांकन :हर सोमवार को छात्रों का Reading Skill और Mathematical Skill का टेस्ट होगा। छात्रों को रविवार के लिए होमवर्क दिया जाएगा ताकि वे टेस्ट की तैयारी कर सकें।

शिक्षकों की जिम्मेदारी :वर्ग शिक्षक छात्रों को व्यक्तिगत रूप से पढ़ाने और उनके प्रदर्शन का आकलन करने के लिए जिम्मेदार होंगे। SCERT के परामर्श से टेस्ट पेपर तैयार कराया जाएगा। टेस्ट पेपर उपलब्ध कराने की प्रतीक्षा नहीं की जाएगी और तब तक वर्ग शिक्षक अपने स्तर से टेस्ट पेपर तैयार करेंगे और छात्रों का मूल्यांकन करेंगे।

विभाग का निर्देश :जिला शिक्षा अधिकारियों को अभियान के क्रियान्वयन का सख्ती से निरीक्षण करने का निर्देश दिया गया है। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि हर स्कूल इन दिशा-निर्देशों का पालन करे। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य छात्रों की शिक्षा की नींव मजबूत करना है ताकि वे अगले शैक्षणिक स्तर के लिए पूरी तरह तैयार हो सकें।

शिक्षा विभाग का बड़ा कदम

शिक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम न केवल छात्रों के वर्तमान प्रदर्शन को बेहतर बनाएगा बल्कि लंबे समय में उनकी बौद्धिक क्षमताओं को भी मजबूत करेगा। शिक्षा विभाग का यह 100 दिवसीय मिशन राज्य में शिक्षा के स्तर को सुधारने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। अब देखना होगा कि यह अभियान छात्रों और शिक्षकों के प्रयासों से कितना सफल होता है।