व्यक्ति को RTI दाखिल करना पड़ा महंगा : CO पर जमीन की जमाबंदी रद्द करने का आरोप, DC ने जांच की बात कही

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कोडरमा: कोडरमा अंचल कार्यालय की एक नई कारस्तानी सामने आई है. जमीन की मापी किए जाने को लेकर आरटीआई दाखिल किए परिवार की जमाबंदी रद्द कर उक्त जमीन पर दूसरे की जमाबंदी दर्ज कर दी गई है.


दरअसल तिलैया बस्ती के रहने वाले काली प्रसाद शाही के पुत्र दुर्गा प्रसाद साही ने अंचल कार्यालय में अपने 61 डिसमिल जमीन को बेचने के लिए मापी कराने का आवेदन दिया था. आवेदन देने के लगभग 1 साल तक जब जमीन की मापी नहीं हुई तो इस परिवार ने सूचना के अधिकार के तहत जवाब मांगा, लेकिन उस जवाब के आलोक में अंचल कार्यालय द्वारा उनकी खतियानी जमीन पर किसी और की जमाबंदी होने का नोटिस उन्हें थमा दिया गया.

बहरहाल अंचल कार्यालय की कारस्तानी से काली प्रसाद शाही का पूरा परिवार परेशान है. काली प्रसाद शाही किडनी और लीवर रोग से पीड़ित हैं और उन्होंने अपनी बीमारी के इलाज के लिए61डिसमिल जमीन में से कुछ हिस्सा बेचने की बात सोची थी. लेकिनअंचल कार्यालय की कारस्तानी से परिवार पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा है. इलाज तो दूर दशकों से खतियानी जमीन पर दखल कब्जा का खतरा भी अब मंडराने लगा है.

मामले में काली प्रसाद शाही ने बताया कि आरटीआई के तहत जवाब मांगे जाने से नाराज अंचल अधिकारी ने उनकी जमाबंदी हटाकर दूसरे व्यक्ति की जमाबंदी कायम कर दी है.जबकि उक्त जमीन वर्षों से उनके नाम से दर्ज है और पिछले साल तक उसका रसीद भी निर्गत किया गया है. वही काली प्रसाद शाही के पुत्र दुर्गा प्रसाद शाही ने प्रशासन से इस मामले को लेकर कार्रवाई की मांग की है और बताया कि अप्रैल महीने तक जमीन की जमाबंदी उनके पिता के नाम पर ऑनलाइन दर्ज थी,लेकिन अचानक से वह जमीन पर किसी और की जमाबंदी कायम कर दी गई है. उन्होंने बताया कि जमीन नहीं बिकने से पिता का इलाज कराने में भी परेशानी हो रही है. इधर इस मामले को लेकर उपायुक्त आदित्य रंजन ने जांच की बात कही है.


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