सरकारी योजनाओं का है इंतजार : टापू सा जीवन जी रहे हैं गोमिया प्रखंड केजमुआ बेड़ा के ग्रामीण

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Villagers of Gomiya block Kejmua Beda are living life like an island. Villagers of Gomiya block Kejmua Beda are living life like an island.

बोकारो:-लगातार हो रही भारी बारिश से सिक्का डूबा नाला का जलस्तर ऊफान पर। जीवन रक्षक वस्तुओं को लेने के लिए रस्सी के सहारे नदी पार कर रहे हैं ग्रामीण। बच्चे भी जान जोखिम में डालकर जाते हैं स्कूल। गोमिया प्रखंड से लगभग 25 किलोमीटर की दूरी पर लाल आवो हवा के साए में जिंगा और अमन पहाड़ के बीच में सिक्का डूबा नाला किनारे बसा गांव जमुआ बेड़ा जो चूट्टे पंचायत स्थित है। यह बीच टापू की तरह बसा है, जहां 47 आदिवासी परिवार आदम युग तरह बीते कई दिनों से रहने को विवश हो गए है।

ग्रामीण टापू सा जिवन यापन करने को मजबूर हैं। गांव तीन तरफ से नदी डूबा नाला से इस प्रकार से घिरा है, कि निकट के गांव खर्चा बड़ा भी आने-जाने के लिए ग्रामीण नदी में पुल नहीं रहने से भारी बारिश होने के कारण कई कई दिनों से कैद हो गए हैं। ग्रामीणों की जिंदगी गांव से आवागमन पूर्ण रूप से ठप्प हो गया है। ग्रामीणों का कहना है कि जीवन तो किसी प्रकार जी लेते हैं, पर गांव के तीन छोर में नदी है और एक ओर पहाड़ से घीरा है पूल नहीं होने से आवागमन में काफी तेज धार में रस्सी के सहारे गांव से आवागमन करना पड़ रहा है। ग्रामीणों ने यह भी बताया कि नदी पार करने में कई बार गांव के कई लोग पूर्व में बह चुके हैं फिर भी जरूरी सामानों को लाने के लिए गांव से निकलकर नदी के उफान मारते पानी में किसी प्रकार रस्सी के सहारे ग्रामीण जान जोखिम में डालकर पर कर रहे हैं। पंचायत के मुखिया मोहम्मद रियाज ने बताया कि जमुआ बेड़ा गांव 47 आदिवासी परिवारों का गांव जो डूबा नल से चारों तरफ से घिरा है और बीते दिनों हो रहे भारी बारिश से नदी का पानी उफान पर होने से ग्रामीण टापू पर रहने को विवस है। उन्हें आने जाने के लिए नदी में जान जोखिम डालकर रस्सी के सहारे नदी पार करना पड़ रहा है।