बट सावित्री पूजा को लेकर मची धूम : पति की दीर्घायु होने की कामना को लेकर महिलाएं कर रही है पूजन, जानें क्या है मान्यता

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आरा : सुहागिन महिलाओं के लिए वट सावित्री का पूजन और व्रत विशेष होता है। पति की लम्बी आयु की कामना के लिए इस दिन सुहागिन महिलाएं पूरे दिन व्रत रखती हैं। व्रत के साथ ही महिलाएं इस दिन वट वृक्ष के नीचे पूजा के साथ कथा सुनती हैं। पंचाग के मुताबिक, ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि को व्रत सावित्री व्रत रखा जाता है। इस बार सुहागिन महिलाएं इस व्रत को रखेंगी। मान्यता है कि व्रत सावित्री व्रत से करवा चौथ के व्रत के बराबर फल मिलता है।

आरा के रमना मैदान स्थित महावीर मंदिर के प्रधान पुजारी सुमन जी महाराज ने बताया कि 18 मई की रात 9 बजकर 42 मिनट पर अमावस्या की तिथि लगेगी, जो कि 19 मई रात 9 बजकर 22 मिनट तक रहेगी। ऐसे में 19 मई के दिन ही इस पूजन और व्रत को महिलाएं रखेंगी। साथ ही बताया कि19 मई को इस बार गज केसरी योग के साथ शश राजयोग भी लग रहा है।

इस पूजा के संदर्भ में आरा रमना मैदान महावीर मंदिर के महंत श्री सुमन जी महाराज ने बताया कि वट सावित्री पूजन के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सुहागिन महिलाओं को स्नान करने के बाद सोलह श्रृंगार करना चाहिए। इसके बाद भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का ध्यान कर व्रत का संकल्प लें। फिर वट वृक्ष (बरगद) के नीचे बैठ कर पूजा के साथ सावित्री और सत्यवान की कथा भी सुननी चाहिए। इस दौरान श्रृंगार का सामान, ऋतु फल और कच्चे सूत के धागे को वट वृक्ष के तने में बांधकर कम से कम 7 बार परिक्रमा करनी चाहिए। पूजन के बाद घर के बड़ों का आशीर्वाद भी जरूर लें।

धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, इस व्रत और पूजन से पति की आयु लम्बी होती है। इसके साथ ही घर में सुख शांति के साथ वैभव और ऐश्वर्य की प्राप्ति भी होती है। इसके अलावा पति पर आने वाले संकट भी दूर हो जाते हैं। कहा जाता है कि काफी वर्ष पूर्व जब सत्यवान और सावित्री की शादी के बाद अचानक सत्यवान की मृत्यु हो जाती है और यमराज उसको लेकर यमलोक जा रहे होते हैं तभी उनके पीछे सावित्री लग जाती है और उनके पीछे तब तक चलती रहती है। जब तक यमराज उसके पति के प्राण को वापस नहीं लौट आते हैं। इसी को लेकर अपने पति के दीर्घायु एवं उनकी लंबी उम्र के लिए सुहागिन महिलाएं इस व्रत को करती है। वहीँ पूजा करने आई महिला प्रियंका सिंह बताती है यह पर्व जुग जुग अंतर से चले आ रहा है लेकिन इधर इस व्रत की महत्ता काफी बढ़ गई है और ज्यादा से ज्यादा लोग इस पूजा को कर रहे हैं। पूजा को लेकर सुहागन महिलाएं वट वृक्ष के नीचे जाकर उसमें धागा बांधती हैं एवं भगवान से पति की लंबी उम्र की कामना करती है।


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