उपेंद्र कुशवाहा पर एक्शन ! : ललन सिंह ने कह दिया साफ़, नहीं है संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष
पटना : बिहार में इन दिनों सियासत चरम पर है और अब बात यहां तक पहुंच गई है की अप्रत्यक्ष रूप से कार्रवाई के संकेत भी मिल गए है। ताज़ा घटना क्रम की बात करे तो मुख्यमंत्री नितीश कुमार ने दो तुक कह दिया है कि जहां मर्जी है चले जाएं। बांका में समाधान यात्रा के तहत पहुंचे नीतीश कुमार से जब कुशवाहा को लेकर सवाल पूछा गया तो उनका तेवर काफी आक्रामक था। सीएम ने इसी बहाने इशारों में बीजेपी पर भी हमला कर दिया ।
दूसरी तरफ कुशवाहा की ओर से मीटिंग बुलाए जाने के बाद ललन सिंह ने कुशवाहा के करीबियों को पार्टी ऑफिस बुलाया और उनसे मुलाकात की इतना ही नहीं ललन सिंह ने तो कुशवाहा को लेकर बड़ा बयान दे दिया और कह दिया की जड़ यु में में संसदीय बोर्ड का अध्यक्ष ही नहीं है । कुशवाहा प्रकरण को लेकर अब आइये आपको थोड़ा फ्लैशबैक में लेकर चलते है। यु तो ये खींचतान महागठबंधन बनने के बाद से ही चल रही है लेकिन हाल के दिनों में ये खुलकर सतह पर आ गया। जिसका उदहारण पिछले दिनों शहीद जगदेव प्रसाद की जयंती पर पार्टी से अलग उपेंद्र कुशवाहा की तरफ से भी कार्यक्रम का आयोजन के दौरान दिखा हालांकि कार्यक्रम को लेकर जो उमेश कुशवाहा पहले आक्रामक थे बाद में उनका रुख नरम दिखा।
हालांकि की इस पुरे प्रकरण पर जेडीयू के अंदर ही दो सुर दिखने लगे। विधानपार्षद रामेश्वर महतो ने उपेंद्र कुशवाहा का समर्थन किया है। रामेश्वर महतो ने कहा कि मुख्यमंत्री उपेंद्र कुशवाहा से बात कर मामले को समझ कर उसका निदान करें। वरना जेडीयू के कई कुशवाहा नेता पार्टी को छोड़ने का फैसला ले सकते है। वही इस पुरे मामले में जदयू बीजेपी पर हमलावर है वही बीजेपी कुशवाहाका समर्थन कर रही है
उपेंद्र कुशवाहा को लेकर जिस तरीके से जड़ यु ने कार्रवाई के संकेत दिए है अब लग रहा है की कोई आधिकारिक घोषणा जल्द हो सकती है क्योकि जद यु कुशवाहा के भाजपा प्रेम को भाप गई है शायद यही वजह है की अब कड़ा रुख अपना रही है। वही उपेंद्र कुशवाहा की फिलहाल सियासत की जिस धुरी के इर्द गिर्द घूम रहे है उसे देख कर कहा जा सकता है ये उनकी ज़रूरी भी है और मजबूरी भी।