ट्रू-नेट मशीन जांच के लिए काफी उपयोगी : लोहरदगा में यक्ष्मा रोगियों की जांच में काम आ रही मशीन, जांच की गति में आई तेजी

Edited By:  |
Reported By:
tru-net mashin  jaanch ke liye kaafi upyogi tru-net mashin  jaanch ke liye kaafi upyogi

लोहरदगा : जिले के अस्पताल में यक्ष्मा की जांच में ट्रू-नेट मशीन का उपयोग काफी कारगर साबित हो रहा है. कोविड-19 संक्रमण काल के दौरान कोरोना के त्वरित जांच के लिए सरकार की ओर से लोहरदगा स्वास्थ्य विभाग को सात ट्रू नेट मशीन उपलब्ध कराए गए थे. कॉविड-19 का संक्रमण काल जैसे ही खत्म हुआ वैसे ही मशीनों का उपयोग भी ठप पड़ गया था. लेकिन अभी फिलहाल इन मशीनों के वर्तमान में उपयोग एक सुखद परिणाम लेकर सामने आ रहा है. इन मशीनों का वर्तमान में यक्ष्मा नियंत्रण की दिशा में उपयोग हो रहा है.



मशीनों की यक्ष्मा नियंत्रण में उपयोग होने से मरीजों को सबसे अधिक फायदा मिल रहा है. ट्रू नेट मशीन अब यक्ष्मा रोगियों के काम आ रहे हैं जिससे अब जांच की गति भी दोगुनी हो गई है. पहले जहां हर महीने औसतन 50 से 60 मरीजों की जांच यक्ष्मा नियंत्रण विभाग के माध्यम से हो पाती थी. वहीं वर्तमान समय में अभियान दोगुनी हो चुकी है. इसी तरह के हालात सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भी है. सदर अस्पताल में वर्तमान समय में ट्रू नेट मशीन उपलब्ध है जबकि चार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एक-एक मशीन उपलब्ध है. इन मशीनों के प्रयोग अथवा नियंत्रण के लिए यक्ष्मा से प्रभावित मरीजों की जांच के लिए किया जा रहा है. माइक्रोस्कोप से जांच में यक्ष्मा के प्रारंभिक चरण का पता नहीं चल पाता है. जब मरीज में यक्ष्मा के संक्रमण काफी अधिक हो जाते थे. तब भी जांच में इसका पता चल पाता था. परंतु ट्रू नेट मशीन के माध्यम से जब जांच की जा रही है तो यक्ष्मा रोग के प्रारंभिक चरण का तुरंत पता चल जा रहा है. जिससे समय पर और सटीक तरीका से यक्ष्मा रोगियों का इलाज हो पा रहा है.


इस मामले में सिविल सर्जन डॉ. राजमोहन खलखो का कहना है कि यक्ष्मा नियंत्रण की दिशा में मशीन काफी कारगर साबित हो रहा है. हमने मशीन का सदुपयोग किया है. इसका फायदा यक्ष्मा से प्रभावित मरीजों को मिल रहा तेजी के साथ जांच हो रही है. साथ ही जिन मरीजों में प्रारंभिक लक्षण पाए जा रहे हैं उनकी जांच से स्पष्ट रूप से प्रभाव का पता चल रहा है.