Teachers Day Special : ...एक ऐसे गुरु..जिसने छात्रों को गढ़ने में गुजार दी पूरी जिंदगी, जहां से हुए रिटायर्ड..वहां आज भी जगा रहे हैं शिक्षा की अलख

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Teachers Day Special per bihar ke ara ke teacher siddhnath rai ki anokhi kahani Teachers Day Special per bihar ke ara ke teacher siddhnath rai ki anokhi kahani

ARA :आज शिक्षक दिवस है लिहाजा टीचर्स-डे की सभी तरफ धूम है। आज पूरा राष्ट्र कृतज्ञ होकर सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी को याद कर रहा है। इस मौके पर आज हम आपको एक प्रेरणादायी शिक्षक से रू-ब-रू करा रहे हैं, जिन्होंने अपने जीवन का एक-एक क्षण विद्यार्थियों को गढ़ने में गुजार दिया।


त्याग, तपस्या और बलिदान की अद्भुत कहानी

जी हां, हम बात कर रहे हैं भोजपुर के सिद्धनाथ राय की, जो रिटायरमेंट के 20 सालों के बाद भी छात्रों को पढ़ा रहे हैं। भोजपुर जिले के तरारी प्रखंड के दक्षिणी इलाके में स्थित है निहाल पाण्डेय उच्च विद्यालय, सिकरौल, जहां स्कूल से साल 2003 में रिटायर्ड होने के बाद भी शिक्षक सिद्धनाथ राय आज भी बच्चों के बीच नि:शुल्क शिक्षा दे रहे हैं।


रंग लायी मेहनत

वे यूपी के बलिया के नरही थाना क्षेत्र के बघौना गांव के रहने वाले हैं और बनारस के काशी विद्यापीठ से M.Ed करने के बाद नवंबर 1973 में इस विद्यालय में शिक्षक के पद पर योगदान दिया। उस वक्त शिक्षा की स्थिति काफी ख़राब थी, तभी उन्होंने ठान लिया कि वे पिछड़े इलाकों के बच्चों को बेहतर शिक्षा देकर उनकी जिंदगी को संवारेंगे। धीरे-धीरे उनकी ये कोशिश रंग लाने लगी। उनके परिश्रम का ही परिणाम है कि आज इस विद्यालय के कई छात्र उच्च पदों पर कार्यरत हैं।

बकौल सिद्धनाथ राय, जब विद्यालय में योगदान दिया और पढ़ाने के लिए क्लास रूम में गए तो मात्र एक लड़का जूता पहना हुआ था, जिससे वह काफी दुखी हुए और तभी उन्होंने संकल्प ले लिया कि बच्चों को वह नि:स्वार्थ भाव से पढ़ाएंगे, समय की कोई बाध्यता नहीं रहेगी। धीरे-धीरे उनकी ये मुहिम रंग लाने लगी लेकिन कई सालों की सेवा के बाद 2003 में वे सेवानिवृत्त हो गए।

लगातार 20 सालों से दे रहे हैं नि:शुल्क सेवा

फिर भी महात्मा गांधी के विचारों से प्रेरित होकर उन्होंने यह तय किया कि वह अब अवकाश ग्रहण करने के बाद घर नहीं जाएंगे बल्कि इसी विद्यालय में बच्चों को पढ़ाने का काम करेंगे और उसके बाद से लगातार 20 वर्षों से ये सेवा नि:स्वार्थ भाव से जारी है। अपने इलाके में "गुरुजी" के नाम से मशहूर सिद्धनाथ राय तो वैसे हिंदी के शिक्षक हैं लेकिन गणित से लेकर अंग्रेजी, संस्कृत और इतिहास-भूगोल से लेकर केमिस्ट्री, फिजिक्स तक के विषयों पर अच्छी पकड़ है। ये सारे विषय भी बच्चों को बड़ी आसानी से पढ़ा लेते हैं, जिसके कारण छात्र उनके कायल हैं और उनकी क्लास को कभी बंक नहीं करते हैं।

शिक्षा के प्रति दिखी गजब की ईमानदारी

शिक्षा के प्रति ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा के बल पर वह अभी तक बच्चों के लिए प्रेरणास्रोत बने हुए हैं। बातचीत के क्रम में उन्होंने बताया कि जब यह काशी विद्यापीठ में पढ़ रहे थे तो वहां सेवाभाव से बड़े-बड़े प्रखंड विद्वान छात्र-छात्राओं को पढ़ने के लिए आते थे, जिससे उनके अंदर यह प्रेरणा जागी कि विद्या दान का विषय है और जितना बांटेंगे, उतना अच्छा रहेगा। इसी को लेकर सेवानिवृत्ति के बाद उन्होंने जारी रखा और अभी भी निहाल पाण्डेय उच्च विद्यालय में शिक्षक के तौर पर नि:शुल्क सेवा देने का काम कर रहे हैं।