Bihar News : महिला सिपाही सुसाइड मामले में SIT गठित, पुलिस मुख्यालय ने SP से मांगी रिपोर्ट, पुलिस कप्तान का बड़ा बयान
SAMASTIPUR :जिला पुलिस बल में तैनात महिला सिपाही अर्चना कुमारी के सुसाइड किए जाने के मामले में पुलिस महकमा गंभीर हो गया है। इस मामले की जांच के लिए अब 7 सदस्यों की SIT गठित कर दी गयी है, जो इस मामले की जांच करेगी। इस SIT टीम में समस्तीपुर सदर DSP संजय कुमार पाण्डेय के साथ दरभंगा सदर के डीएसपी सहित तीन डीएसपी और 4 इंस्पेक्टर को शामिल किया गया है।
मामले में पुलिस मुख्यालय भी गंभीर
वहीं, पुलिस मुख्यालय भी इस मामले को लेकर गंभीर है लिहाजा एसपी से रिपोर्ट तलब की गई है। फिलहाल इस पूरे मामले पर एसपी ने मीडिया से बातें की और सुसाइड नोट में लिखे कुछ पहलुओं और सिपाही अर्चना कुमारी की मां द्वारा दिए गए आवेदन पर कुछ तथ्यों को रखा है, जिसमें पुलिस पदाधिकारियों पर लगाए गए कुछ आरोप को पूरी तरह से निराधार बताया है। साथ ही महिला सिपाही के पति सुमन कुमार पर की गयी निलंबन की कार्रवाई को सही करार दिया है।
एसपी का बड़ा बयान
इसके साथ ही उन्होंने जीवनयापन भत्ता को रोके जाने के आरोप को भी गलत बताया है। साथ ही कहा है कि अगस्त माह तक इसका भुगतान विभाग द्वारा किया गया है। इधर, महिला सिपाही के पास से मिले सुसाइड नोट और उसकी मां द्वारा की गई शिकायत के बाद जिला पुलिस के सार्जेंट मेजर के साथ कई वरीय अधिकारी जांच के घेरे में आ गये हैं।
इसके साथ ही उन्होंने आवास आवंटित किए जाने की बात को भी गलत बताया है। एसपी के मुताबिक आवास का आवंटन आवास बोर्ड द्वारा किया जाता है। आवेदन पर केस नहीं किए जाने को लेकर उन्होंने बताया कि घटना पूरी तरह से सुसाइड की थी, इसलिए ईवीआर प्रभारी के बयान पर इस मामले में यूडी केस दर्ज कर दिया गया था। परिवार के आवेदन को भी लिया गया है।
ये है पूरा मामला
गौरतलब है कि जिला पुलिस बल में तैनात महिला सिपाही अर्चना कुमारी (28 वर्ष) ने 13 सितंबर की शाम गले में फंदा डाल खुदकुशी कर ली थी। वह 112 पुलिस टीम के कंट्रोल रूम में कार्यरत थी। पति सुमन कुमार भी समस्तीपुर में सिपाही के पद पर कार्यरत हैं, जो फिलहाल दो महीने से निलंबित चल रहा है। महिला सिपाही ने नगर थाना परिसर स्थित वायरलेस भवन के ऊपर संचालित कंट्रोल रूम में आत्महत्या की थी।