श्रावणी मेला 2025 : देवघर में नीलकंठ महादेव मंदिर का पौराणिक महत्व, इनकी पूजा से सभी कार्य वायु से भी तेज गति से होगा पूरा

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देवघर : बाबा बैद्यनाथ धाम अपने आप में पवित्र द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से अलग पहचान रखती है. यहाँ मुख्य मंदिर समेत 22 मंदिर स्थापित है,जिनका अपना अलग पौराणिक और धार्मिक महत्व है. इन्ही में से एक यहां नीलकंठ महादेव का मंदिर है. यह मंदिर पूर्व दिशा में त्रिपुर सुंदरी जो पार्वती मंदिर के नाम से जाना जाता है उसके बगल में स्थापित है. इस मंदिर में घोड़े पर सवार,हाथ में त्रिशूल और जटा में सांप मानिए शिवजी जैसा नीलकंठ का विग्रह है. इनकी पूजा अर्चना करने से सभी कार्य पवन के वायु से भी तेज गति से प्राप्त होता है.

इस नीलकंठ महादेव को वैदिक और तांत्रिक दोनों विधि से पूजा किया जाता है जिनको कोई मंत्र याद नहीं है वे सिर्फ नमः शिवाय का जाप करते हुए अपराजिता का फूल,चावल,चना फूला हुआ,गुड़,बेलपत्र और जल अर्पित कर पूजा कर सकते हैं. जो तंत्र विद्या के जानकार हैं वे अपने तंत्र मंत्र के माध्यम से पूजा करते हैं.

जानकार बताते हैं कि कोई पंडित इसे शनि देव बताते हुए इनके विग्रह पर सरसों या तिल का तेल चढ़वा देते हैं जो अक्षम अपराध है. नीलकंठ यहां भैरव के रूप में स्थापित हैं.

अगर आप राजनीति,ज्ञान,धन,व्यापार, पद, नौकरी के क्षेत्र में बहुत ऊंचा मुकाम हासिल करना चाहते हैं तो आप बाबा मंदिर प्रांगण स्थित नीलकंठ महादेव की विधि विधान से पूजा अर्चना कीजिये. आप वायु से भी तेज गति से विजयी होंगे.