संदिग्ध मौत पर सहयोगियों ने ही सरकार को घेरा : तीन कृषि कानून की तरह खत्म हो शराबबंदी,EX CM मांझी ने सीएम नीतीश से बैठक बुलाने की मांग कर दी
GAYA:-नालंदा में जहरीली शराब से हुए हुई मौत के बाद नीतीश कुमार की शराबबंदी के खिलाफ विपक्षी दलों के साथ ही सहयोगी दल के नेता भी खुलेआम विरोध करने लगें हैं।एनडीए की सहयोगी पार्टी हम के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने कहा कि लोगो की भावना को देखते हुए जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तीन कृषि कानून को रद्द कर दिया है तो सूबे मे जहरीली शराब से हो रही मौत एवं अन्य वजहों से हो रही परेशानी की वजह से सूबे के मुखिया नीतीश कुमार को शराबबंदी कानून में संशोधन कर लोगों को विकल्प देना चाहिए,ताकि गरीब इस तरह जहरीली शराब पीकर मरने से बच सकें.
मांझी ने राज्य की पुलिस और उत्पाद विभाग पर निशाना साधते हुए कहा कि ये लोग शराबबंदी कानून के नाम पर मनमानी करतें हैं।पुलिस पैसा लेकर बड़े लोगों को छोड़ देते हैं और छोटे लोगों को जेल भेज देते हैं ।पूर्व सीएम मांझी ने सीएम से अनुरोध करने की बात कह रहे हैं कि गरीबों को जेल जाने से बचा लीजिये ।इस संबंध में बात करने के लिए मांझी ने मुख्यमंत्री नीतीश से दो बार समय भी मांगा हैं लेकिन अभी तक समय नही मिला है.इस मुद्दे पर सीएम को बैठक बुलानी चाहिए.
मांझी ने कहा कि कोर्ट में शराब के कारण केस का लोड बढ गया है जिसकी वजह से सभी जज उसी में लगें हुये हैं.दूसरा केस के निष्पादन में कोर्ट को दिक्कत हो रही है.ज़मानत भी एक वर्ष में आता हैं. बिहार सरकार ने 40 केस की अपील उच्चतम न्यायालय में किया था जिसे कोर्ट ने गंभीर टिप्पणी करते हुए रद्द कर दिया था.