शादी करने का मन तो बहुत है लेकिन.... : एक नाव बन रही अड़चन, अब सरकार ही निकाले समाधान

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shadi karne ka man to bahut hai lekin ... shadi karne ka man to bahut hai lekin ...

कटिहार : खबर है कटिहार से जहां एक गंभीर समस्या इन दिनों एक दर्जन गांव के युवाओं को परेशान कर रही है। दरअसल जवान होते युवाओं के मन में भी शादी का लड्डू फूट रहा है लेकिन शादी करें तो करें कैसे। उनके सामने एक यक्ष प्रश्न बन कर खड़ा हो गया है। जिसके कारण गांव के लड़के लड़कियां घर में कुंवारे ही बैठे हैं।

मामला कटिहार के अमदाबाद प्रखंड का है जहां एक दर्जन गांव में कई लड़के-लड़कियां कुंवारे बैठे हैं। दरअसल यहां जब भी कोई शादी रिश्ता लेकर आता है घर के बाहर नाव लगी ना देखा कर वापस लौट जाता है और अगर जिस घर के बाहर नाव नजर आ जाये वहीँ रिश्ता ठीक करते हैं वरना नहीं। साथ ही अगर घर के बाहर नाव नजर आ जाये तो नए नवेले जोड़े को उपहार स्वरुप नाव ही तोहफा दे देते हैं।

बताया जा रहा है कि इस प्रखंड के एक दर्जन गांव में साल के 4 महीने से अधिक समय पानी से घिरा रहता है। ऐसी स्थिति में बेटा या बेटी की रिश्ता हो जाने के बाद किसी भी जरूरत पर लोग अपने रिश्तेदार के घर तक पहुंच सके इसके लिए शादी की रिश्ता बनते समय घर में नाव होना एक अनिवार्य शर्त के रूप में रखा जाता है। वहीँ नाव नहीं होने के कारण आज भी इस प्रखंड के लगभग एक दर्जन गांव में आज भी लड़की लड़का का शादी नहीं हो पा रही है।

दुर्गापुर पंचायत के मुखिया गोपाल प्रसाद ने बताया कि नाव होना किसी भी घर में रिश्ता कायम करने से पहले एक अनिवार्य शर्त के रूप में हो गया है,वर पक्ष को अगर इस गांव से वधू ले जाना हो तो भी यह पैमाना चेक किया जाता है और अगर कोई अपनी बेटी को इस गांव के वधू के रूप में भेजता है तो उससे पहले भी लड़की पक्ष भी घर में नाव होने की अनिवार्य शर्त रखता है। कुछ कुछ मामलों में लोग यहां दहेज में मोटरसाइकिल या कार ना देकर उपहार स्वरूप अपने दामाद को तौफा के रूप में नाव देते हैं ताकि बेटी-दामाद आसानी से उनके घर तक आ सके।


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