'BPM और BRP बने वसूली एजेंट' : संघ ने नियंत्री पदाधिकारी से की शिकायत, कहा : निजी एजेंसियों द्वारा बहाल लोग कर रहे गड़बड़ी
PATNA : विद्यालय अध्यापक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अमित विक्रम ने कहा है कि निजी एजेंसियों के माध्यम से सभी प्रखंडों में दो-दो प्रखंड साधन सेवियों (BRP) की जो बहाली हुई, उसमें भारी अनियमितता हुई है। बीआरपी के पद के लिए वांछित योग्यता स्नातक ग्रेड शिक्षक के पद पर न्यूनतम 5 साल का कार्यानुभव है लेकिन इसकी अनदेखी करते हुए अयोग्य अभ्यर्थियों को एजेंसी द्वारा जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (SSA) की मिलीभगत से बहाल कर दिया गया।
उन्होंने बताया कि प्रखंड साधन सेवियों का काम विद्यालय में पठन-पाठन का निरीक्षण करना एवं शिक्षकों को पढ़ाने में आ रही दिक्कतों का निराकरण करना होता है। इसके लिए पहले कार्यरत शिक्षकों में से ही योग्य एवं अनुभवी शिक्षकों का बीआरपी के पद पर चयन किया जाता था लेकिन वर्तमान में पुरानी व्यवस्था को बदल कर निजी एजेंसियों के माध्यम से 5 वर्ष कार्यानुभव रखने वाले स्नातक ग्रेड शिक्षकों को बीआरपी के पद पर नियुक्त करना था लेकिन इसमें भारी अनियमितता हुई है, जिसकी शिकायत संघ ने शिक्षा विभाग के विभागीय नियंत्री पदाधिकारी से कर दी है।
शिक्षा विभाग अगर इस पर कोई ठोस निर्णय नहीं लेता है तो संघ हाईकोर्ट में याचिका करने को बाध्य होगा। इसके अलावा संघ ने आरोप लगाया है कि निजी एजेंसियों से बहाल बीआरपी एवं बीपीएम वसूली एजेंट बन गए हैं। विद्यालय में जांच के नाम पर शिक्षकों को डराकर अवैध वसूली करते हैं। बहुत जगह से ऐसी शिकायतें भी मिल रही हैं कि शिक्षिका बहनों से भी दुर्व्यवहार करते हैं और गलत मंशा से उनको व्हाट्सएप पर मैसेज करते हैं। इस सब से शिक्षकों में बहुत आक्रोश है और इसके प्रतिफल के रूप आए दिन बीपीएम और बीआरपी के साथ हाथापायी और मारपीट की ख़बरें आ रही हैं।
संघ यह मांग करता है कि एजेंसियों के माध्यम से बीपीएम और बीआरपी की बहाली निरस्त कर पुरानी व्यवस्था को लागू की जाए।