सारंडा में मालगाड़ी से अवैध लकड़ी की ढुलाई : वन विभाग के अधिकारियों को देख चालक मालगाड़ी लेकर फरार
चाईबासा : सारंडा डीएफओ अभिरुप सिन्हा ने संलग्न पदाधिकारी सह आईएफएस नीतीश कुमार व अन्य वनकर्मियों के साथ सारंडा में रेलवे के मालगाड़ी में जंगल की लकड़ी लोड करते देखा. साथ ही मालगाड़ी पर लकड़ी के साथ कुछ महिलायें बैठी थी. जब वन विभाग की टीम ने मालगाड़ी के चालक को मालगाड़ी से उतरने के लिए कहा तो उसने घबराकर मालगाड़ी को स्टार्ट कर वहां से भाग गया. इसके बाद रेलवे व सारंडा में सक्रिय लकड़ी माफियाओं में खलबली व दहशत व्याप्त हो गया है.
उल्लेखनीय है कि 4 अक्टूबर को डीएफओ के नेतृत्व में तमाम वन पदाधिकारी एवं जनप्रतिनिधि सारंडा स्थित ससंगदा वन प्रक्षेत्र अन्तर्गत करमपदा में वन महोत्सव मना रहे थे. यहां डीएफओ को सारंडा के ग्रामीणों ने जानकारी दिया कि किरीबुरु-करमपदा मार्ग पर कलैता गांव के पास टेका प्वाइंट अथवा रेलवे क्रॉसिंग पर मेघाहातुबुरु खदान से लौह अयस्क लेकर गुजरने वाली मालगाडी़ बेवजह इस क्रॉसिंग पर घंटों खडा़ रहती है. इससे ग्रामीणों का आवागमन प्रभावित होता है. इसके अलावे दूसरा कोई रास्ता नहीं है जिससे ग्रामीण गंभीर मरीजों को अस्पताल पहुंचा सके. इसके अलावे इस रेलमार्ग पर सेल किरीबुरु-मेघाहातुबुरु खदान का लौह अयस्क ढुलाई के अलावे रेलवे का कोई वाहन का परिचालन नहीं होता है.
ग्रामीणों ने डीएफओ से शिकायत किया है कि मालगाडी़ के चालक लकड़ी माफियाओं से मिलकर यहाँ मालगाडी़ को खड़ाकर अवैध तरीके से बोगी में लकड़ी लोड कराकर ओडिशा भेजते हैं. इसके एवज में माफिया उन्हें मोटी रकम देती है. वन महोत्सव कार्यक्रम खत्म होने के बाद जब डीएफओ अपनी पूरी टीम के साथ किरीबुरु लौट रहे थे. तभी उक्त रेलवे क्रॉसिंग से एक मालगाडी़ मेघाहातुबुरु खदान से लौह अयस्क लेकर गुजर रही थी. सभी क्रॉसिंग पर मालगाडी़ के पार होने का इंतजार करने लगे. इसी बीच मालगाडी़ रुक गई. काफी देर रूके रहने के बाद जब वन विभाग के लोगों ने वाहन से उतर कर दूर से देखा तो मालगाड़ी की बॉगी में कुछ लोग जंगल से लकड़ी लोड कर रहे हैं. इसके बाद डीएफओ के आदेश पर पूरी टीम मालगाड़ी के चालक को पकड़ने हेतु दौड़ी. जैसे ही सभी वनकर्मी इंजन के पास पहुंचे तो अपने आप को वन विभाग तथा सरकारी कर्मचारी बताते हुए उतरने को कहा लेकिन मालगाड़ी के चालक ने ट्रेन से नहीं उतर कर इंजन का दरवाजा बंद कर ट्रेन को तेज गति से आगे बढा़ कर भाग खड़ा हुआ.
इस दौरान मालगाडी़ की सिर्फ एक बोगी की जांच की तो पाया कि उसमें दो महिला एक बच्चे के साथ बैठी है. वहीं बोगी में जलावन जैसी मोटी कच्चा लकड़ी थी. अन्य बोगी में भी लकड़ी था या नहीं यह स्पष्ट नहीं हो पाया जबकि सबसे ज्यादा खतरनाक पहलू यह देखने को मिला कि मालगाडी़ की बोगी में चढ़कर असुरक्षात्मक तरीके से महिलाएं लकड़ी लोड कर उसमें बैठकर जा रही है. जबकि रेल लाइन का ओवर हेड विद्युत लाइन के सम्पर्क में आकर उन महिलाओं की दर्दनाक मौत हो सकती है.
मामले में डीएफओ अभिरुप सिन्हा ने कहा कि जिस दिन सारंडा से गुजरने वाली मालगाडी़ या यात्री ट्रेन से लकड़ी की तस्करी पकडी़ गई तो उसके चालक के खिलाफ वन अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई की जायेगी. किरीबुरु-करमपदा मार्ग पर रेलवे क्रोसिंग पर मालगाडी़ खडी़ करने का क्या तूक है. अगर मालगाडी़ रेलवे का रूटिन वर्क के तहत खडी़ होती है तो रेलवे की जिम्मेदारी है कि उसके बोगी में एक लकड़ी नहीं होनी चाहिए,अन्यथा जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई होगी.
चाईबासा से राजीव सिंह की रिपोर्ट---