सहरसा में पक्की सड़क निर्माण के नाम पर मची लूट : 17 लाख की लागत से बनी सड़क ने तोड़ा दम, अधिकारी मामले से अंजान
सहरसा के सिमरी बख़्तियारपुर नगर परिषद क्षेत्र में पक्की सड़क निर्माण के नाम पर लूट मची है। इस मामले में जिले के आला अधिकारी भी अंजान बने हुए हैं। दरअसल यह पूरा मामला मुख्यमंत्री शहरी नाली गली योजना से जुड़ा है। हम बात कर रहें हैं सिमरी बख़्तियारपुर नगर परिषद क्षेत्र के वार्ड नं0-14 की जहां मुख्यमंत्री शहरी नाली-गली योजना के तहत रंगीनियां छठ पोखर से लेकर सिमरी सीमा तक तकरीबन 17 लाख की लागत से पीसीसी सड़क का निर्माण किया गया था जो महज डेढ़ वर्ष के भीतर ही पूरी सड़क टूटकर छतिग्रस्त हो गया है।
जिस जगह पीसीसी सड़क का निर्माण किया गया है वहाँ आबादी नही है। बीच खेत में ही पीसीसी सड़क का निर्माण कराया गया है। सड़क निर्माण कार्य के दौरान पदाधिकारी की मिलीभगत से संवेदक के द्वारा बड़े पैमाने पर धड़ल्ले से घटिया सामग्री का उपयोग किए जाने के कारण नवनिर्मित सड़क डेढ़ वर्ष के भीतर ही टूटकर बिखर गया है।
सड़क के बीचों बीच पड़ी भ्रष्टाचार की लकीर दूर से ही झलक रहा है। इतना ही नहीं विभागीय अधिकारियों की लापरवाही के कारण पूरी सड़क ही भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुकी है।ग्रामीणों का आरोप है कि सिमरी बख़्तियारपुर नगर परिषद क्षेत्र में सड़क निर्माण के नाम पर संवेदक के द्वारा धड़ल्ले से घटिया सामग्री इस्तेमाल किया जाता है।
गुणवत्ता का जर्रा बराबर भी ख्याल नही रखा गया है। वहीं पदाधिकारी के मिली भगत से सड़क निर्माण के नाम पर सरकारी राशि का बन्दर बांट कर लिया गया। बावजूद इसके विभाग और जिले के आलाधिकारी मामले से अनजान बने हुए हैं।
वहीं इस मामले को लेकर सिमरी बख़्तियारपुर कार्यपालक पदाधिकारी केशव गोयल से जानने की कोशिश की तो उन्होंने कहा कि मामला संज्ञान में आया है इसकी जांच करवाई जाएगी और दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है।